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खुशखबरी: झुग्गी-स्लम में रहने वालों को जल्द मिलेगा घर, केजरीवाल सरकार करा रही सर्वे - implementation of Chief Minister Housing scheme

दिल्ली में मुख्यमंत्री आवास योजना लागू करने से पहले सर्वे कराए जा रहे हैं. सर्वे में अभी तक स्लम में रहने वाले 1.56 लाख से ज्यादा परिवारों के बारे में डुसिब ने जानकारी जुटाई है.

दिल्ली स्लम
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Published : Oct 9, 2019, 5:19 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में स्थित स्लम कॉलोनियों और वहां रहने वाले लोगों को बेहतर सुविधा देने के लिए सरकार ग्राउंड जीरो से काम शुरू कर रही है. दिल्ली सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री आवास योजना के लागू करने से पूर्व सर्वे कराए जा रहे हैं.

केजरीवाल सरकार करा रही सर्वे

दिल्ली सरकार का सर्वे
स्लम में रहने वाले लोगों को कांग्रेस सरकार में ही जहां झुग्गी की जगह वहां मकान देने का वादा किया गया था. ये वादा केजरीवाल सरकार में भी अभी तक पूरा नहीं हो पाया है. दिल्ली सरकार स्लम में रहने वालों को सरकार प्रदत सुविधाओं का लाभ दिलाने से पहले एक सर्वे करा रही है और इसकी जिम्मेदारी डुसिब (दिल्ली अर्बन शेल्टर इंप्रूवमेंट बोर्ड) को दी गई हैं.

इस सर्वे के बारे में ईटीवी भारत ने डुसिब मेंबर विपिन राय से खास बातचीत की. उन्होंने भी माना कि स्लम वालों के लिए जो जहां झुग्गी वहां मकान देने का वादा था. वो अभी तक पूरा नहीं हो पाया है. योजना को पूरा करने के लिए ही दिल्ली सरकार ये सर्वे करवा रही है.

करीब 1.56 लाख परिवारों का जुटाया डाटा
दिल्ली में तकरीबन 650 से अधिक झुग्गी कॉलोनी हैं. सर्वे में अभी तक स्लम में रहने वाले 1.56 लाख से ज्यादा परिवारों के बारे में डुसिब ने हर जानकारी जुटाई है. किसके पास आधार, वोटर कार्ड है, कौन-कौन सी सरकारी सुविधा उन तक पहुंची हुई है? एक परिवार में रहने वाले लोगों की संख्या आदि.

डुसिब जल्द सौंपेगा रिपोर्ट
विपिन राय कहते हैं इन सब जानकारियों के आधार पर सरकार की योजनाओं को स्लम वालों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी. जून महीने में शुरू हुआ सर्वे का काम अगले 1 महीने में पूरा हो जाएगा और डुसिब ये रिपोर्ट सरकार को सौंप देगा. जिसके बाद सरकार मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत झुग्गी वालों को मकान देने की दिशा में काम करेगी.

एप के जरिये जुटाई जा रही जानकारी
सर्वे रिपोर्ट तैयार करने में एप की मदद ली जा रही है. जिसके माध्यम से स्लम में रहने वाले लोगों के पूरे परिवार की फोटो, इलेक्ट्रिसिटी बिल, आधार कार्ड, वोटर कार्ड आदि सब उसमें फीड किया जा रहा है. ताकि भविष्य में जब सरकार कोई सुविधा दें तो उन्हें उसका लाभ मिल सके.

नई दिल्ली: दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में स्थित स्लम कॉलोनियों और वहां रहने वाले लोगों को बेहतर सुविधा देने के लिए सरकार ग्राउंड जीरो से काम शुरू कर रही है. दिल्ली सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री आवास योजना के लागू करने से पूर्व सर्वे कराए जा रहे हैं.

केजरीवाल सरकार करा रही सर्वे

दिल्ली सरकार का सर्वे
स्लम में रहने वाले लोगों को कांग्रेस सरकार में ही जहां झुग्गी की जगह वहां मकान देने का वादा किया गया था. ये वादा केजरीवाल सरकार में भी अभी तक पूरा नहीं हो पाया है. दिल्ली सरकार स्लम में रहने वालों को सरकार प्रदत सुविधाओं का लाभ दिलाने से पहले एक सर्वे करा रही है और इसकी जिम्मेदारी डुसिब (दिल्ली अर्बन शेल्टर इंप्रूवमेंट बोर्ड) को दी गई हैं.

इस सर्वे के बारे में ईटीवी भारत ने डुसिब मेंबर विपिन राय से खास बातचीत की. उन्होंने भी माना कि स्लम वालों के लिए जो जहां झुग्गी वहां मकान देने का वादा था. वो अभी तक पूरा नहीं हो पाया है. योजना को पूरा करने के लिए ही दिल्ली सरकार ये सर्वे करवा रही है.

करीब 1.56 लाख परिवारों का जुटाया डाटा
दिल्ली में तकरीबन 650 से अधिक झुग्गी कॉलोनी हैं. सर्वे में अभी तक स्लम में रहने वाले 1.56 लाख से ज्यादा परिवारों के बारे में डुसिब ने हर जानकारी जुटाई है. किसके पास आधार, वोटर कार्ड है, कौन-कौन सी सरकारी सुविधा उन तक पहुंची हुई है? एक परिवार में रहने वाले लोगों की संख्या आदि.

डुसिब जल्द सौंपेगा रिपोर्ट
विपिन राय कहते हैं इन सब जानकारियों के आधार पर सरकार की योजनाओं को स्लम वालों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी. जून महीने में शुरू हुआ सर्वे का काम अगले 1 महीने में पूरा हो जाएगा और डुसिब ये रिपोर्ट सरकार को सौंप देगा. जिसके बाद सरकार मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत झुग्गी वालों को मकान देने की दिशा में काम करेगी.

एप के जरिये जुटाई जा रही जानकारी
सर्वे रिपोर्ट तैयार करने में एप की मदद ली जा रही है. जिसके माध्यम से स्लम में रहने वाले लोगों के पूरे परिवार की फोटो, इलेक्ट्रिसिटी बिल, आधार कार्ड, वोटर कार्ड आदि सब उसमें फीड किया जा रहा है. ताकि भविष्य में जब सरकार कोई सुविधा दें तो उन्हें उसका लाभ मिल सके.

Intro:नई दिल्ली. दिल्ली के अलग-अलग इलाके में स्थित स्लम कॉलोनियों तथा वहां रहने वाले लोगों को बेहतर सुविधा देने के लिए सरकार शून्य से काम कर रही है. स्लम वालों को कांग्रेस सरकार में ही जहां झुग्गी वहां मकान देने का वादा किया गया था. यह वादा केजरीवाल सरकार में भी अभी तक पूरा नहीं हो पाया है. दिल्ली सरकार श्रम वालों को सरकार प्रदत सुविधाओं का लाभ दिलाने से पहले एक सर्वे करा रही है और इसकी जिम्मेदारी डुसिब ( दिल्ली अर्बन शेल्टर इंप्रूवमेंट बोर्ड) को दी गई हैं.


Body:दिल्ली सरकार द्वारा मुख्यमंत्री आवास योजना के लागू करने से पूर्व कराए जा रहे हैं सर्वे में अभी तक स्लम में रहने वाले 1.56 लाख से अधिक परिवारों के बारे में डुसिब ने जानकारी जुटाई है.

इस सर्वे के बारे में ईटीवी भारत ने डुसिब मेंबर विपिन राय से खास बातचीत की. उन्होंने भी माना कि स्लम वालों को लिए जो जहां झुग्गी वहां मकान देने का वादा था वह अभी तक पूरा नहीं हो पाया है. योजना को पूरा करने के लिए ही दिल्ली सरकार या सर्वे करा रही है.

दिल्ली में तकरीबन 650 से अधिक झुग्गी कॉलोनीया हैं. अभी तक तकरीबन डेढ़ लाख परिवारों से सर्वे कर उनके बारे में हर जानकारी जुटा ली गई है. किसके पास आधार, वोटर कार्ड है, कौन-कौन सी सरकारी सुविधा उन तक पहुंची हुई है? एक परिवार में रहने वाले लोगों की संख्या आदि.

विपिन राय कहते हैं इन सब जानकारियों के आधार पर सरकार की योजनाओं को स्लम वालों तक पहुंचाने में मदद मिलेगी. जून महीने में शुरू हुआ सर्वे काम अगले 1 महीने में पूरा हो जाएगा और डुसिब यह रिपोर्ट सरकार को सौंप देगी. जिसके बाद मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत झुग्गी वालों को जो मकान दिया जाना है उस दिशा में सरकार काम करेगी.

सर्वे रिपोर्ट तैयार करने में एप की मदद ली जा रही है. जिसके माध्यम से स्लम में रहने वाले लोगों के पूरे परिवार की फोटो, इलेक्ट्रिसिटी बिल, आधार कार्ड, वोटर कार्ड आदि सब उसमें फीड कर दिया जा रहा है. ताकि भविष्य में जब सरकार कोई सुविधा दें तो उन्हें उसका लाभ मिल सके.


Conclusion: बता दें कि दिल्ली में कुल सारे 650 स्लम कॉलोनीया है जिनमें तकरीबन 7 लाख लोग रहते हैं. अभी तक सर्वे में डेढ़ लाख लोगों के बारे में डुसिब ने जानकारी जुटाई है.

समाप्त, आशुतोष झा
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