नई दिल्ली: दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने मुख्यमंत्री पर जमकर हमला बोला और दिल्ली की बिगड़ती अर्थव्यवस्था के लिए केजरीवाल सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार में दिल्ली की जीडीपी माइनस में चली गई है, वहीं दिल्ली के ऊपर केंद्र सरकार का कर्ज बढ़कर 38000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है. उन्होंने सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मिलने का समय मांगा है. बिजली के बढ़ी हुई कीमतों पर चर्चा करने के साथ ही उनसे बढ़ी हुई फिक्स्ड चार्ज की दरों को वापस लेने की मांग भी रखेंगे. आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आदेश गुप्ता ने मुख्यमंत्री पर जमकर हमला बोला और दिल्ली की बिगड़ती अर्थव्यवस्था के लिए केजरीवाल सरकार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार में दिल्ली की जीडीपी माइनस में चली गई है वहीं दिल्ली के ऊपर केंद्र सरकार का कर्ज बढ़कर 38000 करोड़ रुपये से अधिक हो गया है.
देश की राजधानी दिल्ली में सियासी माहौल इन दिनों काफी गरमाया हुआ है.बीते दिन दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा फ्री की रेवड़ी बांटने वाले बयान का विरोध जताते हुए जमकर कटाक्ष किया गया था. इस बीच आज इस पूरे मामले पर बीजेपी के प्रदेश कार्यालय 14 पंडित पंत मार्ग में दिल्ली अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने प्रदेश प्रवक्ताओं हरीश खुराना और आदित्य झा के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जमकर निशाना साधते हुए कहा कि आज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार के कारण राजधानी दिल्ली की अर्थव्यवस्था लगातार गिरती जा रही है. हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि दिल्ली की जीडीपी ग्रोथ -3.9 प्रतिशत हो गई है,जो अपने आप में दिल्ली सरकार की पोल खोल रही है.जबकि दिल्ली सरकार लगातार दावा करती है कि दिल्ली को रेवेन्यू सरप्लस हो गया है. आरटीआई के माध्यम मिली जानकारी के अनुसार सच्चाई यह है कि 2022-23 के लिए दिल्ली सरकार अनुमानित घाटा 9,194 करोड़ रूपये का है.
आज दिल्ली की सरकार का रेवेन्यू 61 हजार 891 करोड़ रुपये का है जबकि खर्च 71 हजार 85 करोड़ रूपये है. ये सब अरविंद केजरीवाल के कुप्रबंधन एवं रेवड़ियां बांटने का परिणाम है.सीएजी ने भी इस पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुये अपनी रिपोर्ट में कहा कि दिल्ली सरकार का सब्सिडी व्यय 2015-16 में 1,867.61 करोड़ रूपये से बढ़कर 2019-20 में 3592.94 करोड़ रूपये हो गया.वही आज की तारीख में यह सब्सिडी लगभग 6700 करोड़ रूपये हो गई है. दिल्ली के ऊपर केन्द्र सरकार का 38 हजार 506 करोड़ रूपये लोन के रूप में बकाया है.
दिल्ली सरकार के सभी विभागों में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार व्याप्त है जिसके चलते दिल्ली जल बोर्ड के ऊपर 67 हजार करोड़ रुपये, डूसिब पर 1620 करोड़ रुपये, दिल्ली पॉवर कम्पनी पर 3326 करोड़ रुपये, प्रगति पॉवर कॉपरपोरेशन पर 707 करोड़ रुपये, डीटीसी पर 11 हजार 673 करोड़ रुपये बकाया है. ऐसे हालात में भी दिल्ली के मुख्यमंत्री की गाड़ी पर 1.43 करोड़ रूपये और उपमुख्यमंत्री की गाड़ी पर 44 लाख रूपये खर्च कर दिये जाते हैं.
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