नई दिल्ली: कड़कड़डूमा कोर्ट ने दिल्ली हिंसा के दौरान करावल नगर के रामलीला ग्राउंड में एक व्यक्ति को जलाकर मार डालने के मामले में पांच आरोपियों के खिलाफ हत्या और आगजनी के आरोप तय करने का आदेश दिया है. एडिशनल सेशंस जज विनोद यादव ने कहा कि आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त आधार मौजूद हैं.
कोर्ट ने जिन आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए हैं उनमें लखपत राजौरा, योगेश, ललित और कुलदीप नाम के दो लोग शामिल हैं. कोर्ट ने इन आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा 147, 148, 149, 436, 427, 395, 302 और आर्म्स एक्ट की धारा 25 और 27 के तहत आरोप तय किए.
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कोर्ट ने पाया कि सभी आरोपियों के कॉल डाटा रिकॉर्ड के मुताबिक सभी घटनास्थल पर थे और ये उनका रुटीन लोकेशन से अलग था. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की इस दलील को स्वीकार किया कि आरोपी इस वजह से सीसीटीवी फुटेज में नहीं दिखे क्योंकि उन्होंने सीसीटीवी कैमरे और आसपास के डिजिटल वीडियो रिकार्डर को नुकसान पहुंचाया था.
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कोर्ट ने इस बात को नोट किया कि भले ही स्वतंत्र गवाहों के बयान दर्ज होने में देर हुई है, लेकिन इस बात से आंखें नहीं मूंदी जा सकती हैं कि पुलिस को लोगों को ढूंढ़ने में परेशानी हो रही थी क्योंकि लोग दंगे से सहमे हुए थे और उन्हें घटना के बारे में बताने में हिम्मत जुटानी पड़ी.
कोर्ट ने सभी आरोपियों को उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों को बताया जिसके बाद सभी आरोपियों ने अपने को निर्दोष बताते हुए ट्रायल का सामना करने की मांग की.
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घटना 25 फरवरी 2020 की है जिसमें शिकायतकर्ता सलीम कैसर ने करावल नगर थाने में 27 फरवरी 2020 को शिकायत की थी. जिसके मुताबिक 25 फरवरी 2020 को सुबह 9 बजे दंगाइयों की भीड़ उसके घर में सरियों और डंडों के साथ घुसी और लूटपाट कर घर में आग लगा दी. भीड़ ने उसके घर के सामने खड़े दो वाहनों को भी जला दिया.
उसने पुलिस को बताया कि भीड़ ने उसके बड़े भाई मोहम्मद अनवर पर पहले गोली चलाई और बाद में उसे जला दिया. उसकी 17 बकरियों को खोलकर ले गई. सलीम कैसर के इस बयान के आधार पर 27 फरवरी को एफआईआर दर्ज की गई थी.