नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा के इतिहास में बुधवार को पहली बार किसी विधायक की सदस्यता रद्द करने के संबंध में प्राप्त शिकायत के मामले की सुनवाई शुरू हुई. सदस्यता रद्द करने संबंध में विधानसभा अध्यक्ष को 4 विधायकों के नाम दिए गए हैं.
बुधवार को चारों विधायकों में से केवल एक विधायक कपिल मिश्रा सुनवाई के लिए पहुंचे, वहीं अधूरे नोटिस मिलने पर ही एतराज जताया और विधानसभा अध्यक्ष से पूरा नोटिस देने की मांग की.
कार्यवाही का विवरण देने की मांग
कपिल मिश्रा ने सुनवाई खत्म होने के बाद दोबारा लिखित में कार्यवाही का विवरण देने की मांग की. उन्होंने कहा कि संविधान के नियम दिखाएं की लिखित विवरण नहीं दिया जाता है?
अध्यक्ष ने कपिल मिश्रा को दिया जवाब
बकौल कपिल मिश्रा से अध्यक्ष ने कहा कि सुनवाई के नियम वह खुद तय करेंगे. वहीं, विधायक कपिल मिश्रा की सदस्यता रद्द करने को लेकर शिकायत करने वाले आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने विधानसभा अध्यक्ष से गुजारिश की कि आज ही इस मामले की सुनवाई कर लें.
'नियत पर सवाल खड़े होते हैं'
कपिल मिश्रा के वकील अश्विनी दुबे ने नियम का हवाला देते हुए कहा कि विधायक सौरभ भारद्वाज की बात सुनने लायक नहीं है. अश्विनी दुबे ने कहा कि अध्यक्ष महोदय ना नियमों के मुताबिक सुनवाई करना चाहते, ना कार्रवाई का विवरण लिखित में देना चाहते. ऐसा करना उनकी नियत पर सवाल खड़े करता है.
बता दें कि करावल नगर से आम आदमी पार्टी के बागी विधायक कपिल मिश्रा लोकसभा चुनाव के दौरान मेरा पीएम मेरा अभिमान तथा सातों सीट मोदी को नाम से दिल्ली में कैंपेन चलाया था. इस पर ही आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने विधानसभा अध्यक्ष से कपिल मिश्रा की सदस्यता रद्द करने की शिकायत की थी.