नई दिल्ली: जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाने के मामले में दिल्ली सरकार ने 27 फरवरी 2020 को जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार समेत दूसरे आरोपियों के खिलाफ अभियोजन चलाने की स्वीकृति दी थी.दिल्ली सरकार की स्वीकृति मिलने के बाद कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान लिया है. मामले में दिल्ली सरकार की स्वीकृति को लेकर कोर्ट ने कई बार दिल्ली पुलिस को फटकार लगाई थी.
कोर्ट ने संज्ञान लेने से इनकार कर दिया था
6 फरवरी 2019 को ने कोर्ट दिल्ली पुलिस के चार्जशीट पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया था. सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि अभी चार्जशीट के लिए जरूरी मंजूरी दिल्ली सरकार से नहीं मिली है. कोर्ट ने कहा कि चार्जशीट दायर करने से पहले अनुमति ले लेनी चाहिए थी. अब दिल्ली सरकार से कहिए वो जल्द मंजूरी दे. अनिश्चित समय तक ऐसे फाइल को लटकाया नहीं जा सकता.
12 सौ पेज का है चार्जशीट
14 जनवरी 2019 को दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट दाखिल किया था. करीब 12 सौ पेज के इस चार्जशीट में सीट में जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्वाण भट्टाचार्य को आरोपी बनाया गया है. चार्जशीट में सात अन्य कश्मीरी छात्रों के भी नाम शामिल हैं. चार्ज शीट में देशद्रोह, धोखाधड़ी, इलेक्ट्रॉनिक धोखाधड़ी, गैरकानूनी तरीके से इकट्ठा होना, दंगा भड़काने और आपराधिक साजिश रचने के आरोप लगाया गया है.
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9 फरवरी 2016 को जेएनयू कैंपस में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान देश विरोधी नारे लगाने के आरोप में कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्वाण भट्टाचार्य को गिरफ्तार किया गया था. फिलहाल यह तीनों जमानत पर हैं.