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जंतर-मंतर पर जूनियर पहलवानों का प्रदर्शन, कहा- दिनेश, बजरंग और साक्षी मलिक ने किया कुश्ती को बर्बाद - Junior wrestlers protest

Junior wrestlers protest at Jantar Mantar: दिल्ली के जंतर मंतर पर जूनियर पहलवानों ने बुधवार को बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया. इस दौरान पहलवानों ने कहा कि पिछले 2 साल से कुश्ती खेल में राजनीति चल रही है. इसका नुकसान जूनियर पहलवानों को उठाना पड़ रहा है. यह सारी राजनीति सिर्फ तीन पहलवान कर रहे हैं.

जंतर-मंतर पर जूनियर पहलवानों का प्रदर्शन
जंतर-मंतर पर जूनियर पहलवानों का प्रदर्शन
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jan 3, 2024, 3:41 PM IST

जंतर-मंतर पर जूनियर पहलवानों का प्रदर्शन

नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती महासंघ और पहलवानों के बीच चल रहा विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है. अब युवा पहलवानों ने साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे जुनियर पहलवानों ने इन लोगों पर कुश्ती को बर्बाद करने का आरोप लगाया है.

पहले भारतीय सीनियर पहलवानों ने भारतीय कुश्ती फेडरेशन संघ के चुनाव को लेकर विरोध किया था. इसके बाद खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष को निलंबित कर दिया. लेकिन अब जूनियर पहलवानों ने कुश्ती की कोई भी प्रतियोगिता नहीं कराए जानें को लेकर प्रदर्शन किया. दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश की अलग-अलग जगह से आए जूनियर पहलवानों का कहना है कि बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक के कारण उनकी ट्रेनिंग बाधित हो रही है. वह कुश्ती प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले पा रहे हैं.

बता दें, जनवरी 2023 से डब्ल्यूएफआई के दो बार के निलंबन के कारण नेशनल कैंप और प्रतियोगिता को निलंबित कर दिया था. युवा पहलवान राहुल चौधरी ने बताया कि 28 से 30 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के नंदिनी नगर गोंडा में कुश्ती चैंपियनशिप आयोजित होने वाली थी. लेकिन इन तीन पहलवानों ने फेडरेशन के ऊपर आरोप लगाकर उस चैंपियनशिप को रुकवा दिया. हैरानी की बात है कि जो आदमी अध्यक्ष पद की कुश्ती संभाल ही नहीं पाया, उसके ऊपर भी इन लोगों ने आरोप लगा दिए.

चौधरी ने कहा कि जूनियर पहलवानों का भविष्य पिछले 2 साल से अंधकार में लटका है. हम लोग गरीब परिवार से हैं. हर साल 40 से 50 हजार खर्च होते हैं. हमारे मां-बाप इतना पैसा कहां से लाएंगे. इन लोगों ने तो अपना करियर बना लिया. नाम शोहरत सब कमा लिया, इन लोगों के पास पैसा भी बहुत है. अब यह लोग सिर्फ राजनीति कर रहे हैं और जूनियर पहलवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.

दिल्ली के अखाड़ा से पहुंचे कार्तिक ने बताया कि पिछले 2 साल से कुश्ती खेल में जो राजनीति चल रही है, वह गलत है. कोई भी कंपटीशन नहीं हो रहा है और इसका नुकसान जूनियर पहलवानों को उठाना पड़ रहा है. सारी राजनीति सिर्फ तीन पहलवान कर रहे हैं. कुश्ती फेडरेशन को इन तीनों पहलवानों ने बदनाम कर दिया. आज कोई भी मां-बाप अपनी बहन बेटियों को कुश्ती में भेजने से पहले सौ बार सोचेगा.

वहीं, जूनियर महिला पहलवान की मां आकांक्षा चौधरी ने बताया कि मेरी बेटी कुश्ती की तैयारी कर रही है. मुश्किल से तो बच्चों को चैंपियनशिप खेलने के लिए एक डेट मिली थी. उसे भी इन तीनों पहलवानों की वजह से कैंसिल करवा दिया गया. बार-बार चैंपियनशिप की डेट आती है. बार-बार कैंसिल हो जाती है. पहले यह पहलवान कहते थे की कुश्ती संघ का चुनाव नहीं हो रहा बृजभूषण को हटाओ. लेकिन जब संजय सिंह को चुना गया तो इन लोगों को उनसे भी आपत्ति हो गई.

जंतर-मंतर पर जूनियर पहलवानों का प्रदर्शन

नई दिल्ली: भारतीय कुश्ती महासंघ और पहलवानों के बीच चल रहा विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है. अब युवा पहलवानों ने साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. दिल्ली के जंतर मंतर पर प्रदर्शन कर रहे जुनियर पहलवानों ने इन लोगों पर कुश्ती को बर्बाद करने का आरोप लगाया है.

पहले भारतीय सीनियर पहलवानों ने भारतीय कुश्ती फेडरेशन संघ के चुनाव को लेकर विरोध किया था. इसके बाद खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष को निलंबित कर दिया. लेकिन अब जूनियर पहलवानों ने कुश्ती की कोई भी प्रतियोगिता नहीं कराए जानें को लेकर प्रदर्शन किया. दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश की अलग-अलग जगह से आए जूनियर पहलवानों का कहना है कि बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक के कारण उनकी ट्रेनिंग बाधित हो रही है. वह कुश्ती प्रतियोगिता में हिस्सा नहीं ले पा रहे हैं.

बता दें, जनवरी 2023 से डब्ल्यूएफआई के दो बार के निलंबन के कारण नेशनल कैंप और प्रतियोगिता को निलंबित कर दिया था. युवा पहलवान राहुल चौधरी ने बताया कि 28 से 30 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के नंदिनी नगर गोंडा में कुश्ती चैंपियनशिप आयोजित होने वाली थी. लेकिन इन तीन पहलवानों ने फेडरेशन के ऊपर आरोप लगाकर उस चैंपियनशिप को रुकवा दिया. हैरानी की बात है कि जो आदमी अध्यक्ष पद की कुश्ती संभाल ही नहीं पाया, उसके ऊपर भी इन लोगों ने आरोप लगा दिए.

चौधरी ने कहा कि जूनियर पहलवानों का भविष्य पिछले 2 साल से अंधकार में लटका है. हम लोग गरीब परिवार से हैं. हर साल 40 से 50 हजार खर्च होते हैं. हमारे मां-बाप इतना पैसा कहां से लाएंगे. इन लोगों ने तो अपना करियर बना लिया. नाम शोहरत सब कमा लिया, इन लोगों के पास पैसा भी बहुत है. अब यह लोग सिर्फ राजनीति कर रहे हैं और जूनियर पहलवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.

दिल्ली के अखाड़ा से पहुंचे कार्तिक ने बताया कि पिछले 2 साल से कुश्ती खेल में जो राजनीति चल रही है, वह गलत है. कोई भी कंपटीशन नहीं हो रहा है और इसका नुकसान जूनियर पहलवानों को उठाना पड़ रहा है. सारी राजनीति सिर्फ तीन पहलवान कर रहे हैं. कुश्ती फेडरेशन को इन तीनों पहलवानों ने बदनाम कर दिया. आज कोई भी मां-बाप अपनी बहन बेटियों को कुश्ती में भेजने से पहले सौ बार सोचेगा.

वहीं, जूनियर महिला पहलवान की मां आकांक्षा चौधरी ने बताया कि मेरी बेटी कुश्ती की तैयारी कर रही है. मुश्किल से तो बच्चों को चैंपियनशिप खेलने के लिए एक डेट मिली थी. उसे भी इन तीनों पहलवानों की वजह से कैंसिल करवा दिया गया. बार-बार चैंपियनशिप की डेट आती है. बार-बार कैंसिल हो जाती है. पहले यह पहलवान कहते थे की कुश्ती संघ का चुनाव नहीं हो रहा बृजभूषण को हटाओ. लेकिन जब संजय सिंह को चुना गया तो इन लोगों को उनसे भी आपत्ति हो गई.

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