नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के बागपत के एक सामान्य परिवार में जन्मे सत्येंद्र जैन ने असोसिएट मेंबरशिप ऑफ इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ आर्किटेक्ट्स से आर्किटेक्टर की पढ़ाई की. उसके बाद उन्होंने केंद्रीय लोक निर्माण विभाग में आर्किटेक्ट के तौर पर नौकरी की. कुछ समय बाद ही वह नौकरी छोड़ कर अपनी आर्किटेक्चरल फर्म की स्थापना की.
2011 में वह रामलीला मैदन में आयोजित अन्ना हजारे के एंटी करप्शन मूवमेंट में शामिल हुए. यहीं पर उनकी मुलाकात अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया से हुई. इसके बाद वह नवंबर 2012 में आम आदमी पार्टी के प्राथमिक सदस्य बने, फिर राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य बने.
जैन 2013 में आम आदमी पार्टी की टिकट पर शकूर बस्ती विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर पहली बार विधायक बनकर दिल्ली विधानसभा पहुंचे. जब सरकार का गठन हुआ तो वह मंत्री बने. इसके बाद 2015 और फिर 2020 में भी वे शकूरबस्ती से विधायक चुने गए. सत्येंद्र जैन को दिल्ली के स्वास्थ्य, ऊर्जा, पीडब्ल्यूडी, उद्योग, शहरी विकास, जल संसाधन और बाढ़ सिंचाई जैसे विभागों की जिम्मेदारी मिली थी. स्वास्थ्य सेवाओं में जैन पर बेटी का सेवा लेने का पहली बार आरोप लगा. सीबीआई जांच में पाया गया कि उनकी बेटी अवैतनिक रूप से पार्टी में काम करती हैं.
दिल्ली नगर निगम चुनाव से पहले सत्येंद्र जैन काफी सुर्खियों में रहे. इन पर जेल में अन्य कैदियों की सेवा लेने के आरोप लगे और इसकी सीसीटीवी फुटेज भी काफी वायरल हुई थी. दिल्ली में मोहल्ला क्लीनिक की संकल्पना के पीछे सत्येंद्र जैन का महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है. बता दें कि केजरीवाल सरकार में मनीष सिसोदिया के बाद सत्येंद्र जैन दूसरे नंबर के कद्दावर मंत्री थे. बता दें कि सत्येंद्र जैन मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में पिछले 9 महीने से तिहाड़ जेल में बंद हैं. जैन का कई विवादों से नाता रहा है.
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