नई दिल्ली: 16 दिसंबर 2022 को निर्भया कांड के दस साल हो गए हैं. इस मौके पर जेएनयूएसयू के लेफ्ट समर्थक छात्रों ने एक नाइट मार्च निकाला. इसमें सैकड़ों की संख्या में वे जेएनयू केंपस से पैदल मार्च करते हुए मुनिरका के उस बस स्टैंड तक पहुंचे, जहां से निर्भया को बस में उठाया गया था. इस नाइट मार्च में लेफ्ट समर्थक छात्रों की तरफ से कई विवादित नारे भी लगाए गए. इन लोगों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की.
16 दिसंबर की उस रात की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया था. निर्भया के इंसाफ के लिए सबसे पहले जिसने आवाज उठाए थे, उनमें से एक जेएनयू के छात्र भी है. जिन्होंने इस घटना के तुरंत बाद से ही निर्भया को इंसाफ दिलाने के लिए अपना प्रदर्शन शुरू कर दिया था. घटना के 10 साल बाद भी यह छात्र निर्भया की याद में प्रदर्शन करते हैं. इस प्रदर्शन में मौजूद छात्राओं का मानना है कि दस साल बाद भी महिला सुरक्षा को लेकर कुछ नहीं बदला है.
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इस मौके पर लेफ्ट समर्थक छात्रों ने बिलकीस बानों को इंसाफ दिलाने और फूलन देवी के सपनों को पूरा करने जैसे नारो को लगाते रहे. लेफ्ट समर्थक छात्रों ने कहा की बिल्किस बानो को इंसाफ दिलाने के लिए पूरा जेएनयू कैंपस के छात्र उसके साथ है. दूसरी तरफ फूलन देवी के स्ट्रगल लाइफ से इन छात्रों को इंस्पिरेशन मिलता है. बता दें कि हर साल 16 दिसंबर के दिन जेएनयू के छात्र निर्भया को श्रद्धांजलि देने के लिए नाईट मार्च निकालते हैं. आज से 10 साल पहले निर्भया को इंसाफ दिलाने इन छात्रों ने प्रदर्शन किया था.
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