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पैरा ओलिंपिक में ब्रॉन्ज मेडल जीतने पर पूर्व छात्र शरद कुमार को जेएनयू ने दी बधाई - शरद कुमार ने पैरा ओलंपिक में जीता ब्रॉन्ज मेडल

टोक्यो पैरा ओलंपिक 2020 में हाई जंप में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले शरद कुमार को जेएनयू के रजिस्ट्रार प्रोफेसर रविकेश कुमार ने बधाई दी है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र शरद कुमार ने पैरा ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन कर देश और विश्वविद्यालय का नाम पूरे विश्व में रोशन किया है

जेएनयू ने दी बधाई
जेएनयू ने दी बधाई
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Published : Sep 3, 2021, 9:15 AM IST

नई दिल्ली: टोक्यो पैरा ओलंपिक 2020 में भारतीय खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन जारी है. वहीं हाई जंप में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले शरद कुमार को जेएनयू के रजिस्ट्रार प्रोफेसर रविकेश कुमार ने बधाई दी है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र शरद कुमार ने पैरा ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन कर देश और विश्वविद्यालय का नाम पूरे विश्व में रोशन किया है यह हम सभी के लिए गर्व की बात है.


जेएनयू के रजिस्ट्रार प्रोफेसर रविकेश कुमार ने कहा कि शरद कुमार की कहानी काफी प्रेरणा दायक है. उन्होंने कहा कि बिहार के मुजफ्फरपुर जिले का रहने वाला युवक 18 वर्ष की आयु में पैरालिटिक का शिकार हो जाता है. लेकिन समर्पण और त्याग से वह खेल के ऊंचाई और महाकुंभ में पहुंच जाता है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि शरद कुमार ने स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज से एमए में किया है.

ये भी पढ़ें- Tokyo Paralympics : मेडल जीतने के लिए भारत के पदकवीरों ने लगाई ऐसी छलांग

वहीं जेएनयू के रजिस्ट्रार प्रोफेसर रविकेश कुमार ने कहा कि शरद कुमार की इस उपलब्धि पर पूरा जेएनयू उनके माता - पिता और परिवार का पढ़ाई के साथ खेल में सहयोग के लिए अभिनंदन करता है. इस दौरान उन्होंने कहा कि पूरा विश्वविद्यालय शरद और उनके अभिभावक को कैंपस में बुलाकर इस उपलब्धि को मनाने के लिए आतुर है.

नई दिल्ली: टोक्यो पैरा ओलंपिक 2020 में भारतीय खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन जारी है. वहीं हाई जंप में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाले शरद कुमार को जेएनयू के रजिस्ट्रार प्रोफेसर रविकेश कुमार ने बधाई दी है. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र शरद कुमार ने पैरा ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन कर देश और विश्वविद्यालय का नाम पूरे विश्व में रोशन किया है यह हम सभी के लिए गर्व की बात है.


जेएनयू के रजिस्ट्रार प्रोफेसर रविकेश कुमार ने कहा कि शरद कुमार की कहानी काफी प्रेरणा दायक है. उन्होंने कहा कि बिहार के मुजफ्फरपुर जिले का रहने वाला युवक 18 वर्ष की आयु में पैरालिटिक का शिकार हो जाता है. लेकिन समर्पण और त्याग से वह खेल के ऊंचाई और महाकुंभ में पहुंच जाता है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि शरद कुमार ने स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज से एमए में किया है.

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वहीं जेएनयू के रजिस्ट्रार प्रोफेसर रविकेश कुमार ने कहा कि शरद कुमार की इस उपलब्धि पर पूरा जेएनयू उनके माता - पिता और परिवार का पढ़ाई के साथ खेल में सहयोग के लिए अभिनंदन करता है. इस दौरान उन्होंने कहा कि पूरा विश्वविद्यालय शरद और उनके अभिभावक को कैंपस में बुलाकर इस उपलब्धि को मनाने के लिए आतुर है.

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