नई दिल्ली: नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) पर शिक्षाविदों ने बुधवार को मिली-जुली प्रतिक्रिया व्यक्त की. वहीं, इस नई शिक्षा नीति का सभी विश्वविद्यालय स्वागत कर रहे हैं. इसी कड़ी में जामिया मिल्लिया इस्लामिया की कुलपति प्रोफेसर नजमा अख्तर ने शिक्षा नीति को मंजूरी दिए जाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया.
उन्होंने कहा कि यह शिक्षा नीति 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' की नीति पर आधारित है. वहीं उन्होंने कहा कि छात्र हित को देखते हुए शिक्षा नीति में किए गए सकारात्मक परिवर्तन से देश विकसित देशों की बराबरी करने में सक्षम हो सकेगा.
नई शिक्षा नीति मील का पत्थर
नजमा अख्तर ने नई शिक्षा नीति को मील का पत्थर करार दिया. उन्होंने कहा कि भारत में अब उच्च शिक्षा समग्र और विविध-विषयों के साथ विज्ञान, कला और मानविकी पर ध्यान केंद्रित कर सकेगा. अख्तर ने कहा, सभी उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए एक ही नियामक महत्वपूर्ण विचार है और यह दृष्टिकोण और उद्देश्य में सामंजस्य स्थापित करेगा. यह भारत में शिक्षा के विचार को मूर्त रूप देगा.
वहीं उन्होंने कहा कि पिछले लगभग तीन दशकों से इस नई शिक्षा नीति का इंतजार चल रहा था, जो अब केंद्र सरकार के मंजूरी देने से पूरा हुआ. इसके लिए उन्होंने प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया. साथ ही उन्होंने इस शिक्षा नीति को 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' की नीति पर आधारित बताया.
कम होंगे ड्रॉप आउट रेट
वहीं प्रो. अख्तर ने कहा कि स्कूलों में राइट टू एजुकेशन की उम्र सीमा बढ़ाकर 18 साल किए जाने के चलते अब ड्रॉपआउट रेट में कमी आएगी. साथ ही उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा में भी कई रचनात्मक परिवर्तन किए गए हैं जिससे हमारा देश विकसित देशों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने में सक्षम हो सकेगा.