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'अनुच्छेद 370 हटाकर मोदी सरकार ने अटल जी को दी सच्ची श्रद्धांजलि'

केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी की शहादत को अब सही मायने सच्ची श्रद्धांजलि दी गयी है. अनुच्छेद 370 हटाने को लेकर अटल बिहारी वाजपेयी कटिबद्ध थे.

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि पर दी गई श्रद्धांजलि, etv bharat
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Published : Aug 17, 2019, 1:32 AM IST

नई दिल्ली: देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि के अवसर पर शुक्रवार सुबह अटल समाधि पर देश के गणमान्य लोगों ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित कर याद किया. वहीं शाम को रफी मार्ग स्थित कांस्टीट्यूशन क्लब में एक व्याख्यान समारोह का आयोजन किया गया. जिसमें अटल नीति राष्ट्र नीति विषय पर वक्ताओं ने अपनी बात रखी.

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि पर दी गई श्रद्धांजलि

स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी की शहादत को अब सही मायने सच्ची श्रद्धांजलि दी गयी है. अनुच्छेद 370 हटाने को लेकर अटल बिहारी वाजपेयी कटिबद्ध थे. उनकी प्रथम पुण्यतिथि से ठीक पहले अनुच्छेद 370 हटाकर भाजपा ने अटल बिहारी वाजपेयी के सपने को साकार किया है, कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा नहीं रहे भाजपा दशकों से सपना देख रही थी. आज कश्मीर के हालात दशकों बाद बेहतर हुए हैं. इस वर्ष वहां जैसी ईद और स्वतंत्रता दिवस मना ऐसा कभी नहीं मनाया गया था.

'श्रीनगर के लोग भी अनुच्छेद 370 हटने से खुश'
जितेंद्र सिंह ने कहा कि अटल जी ने कश्मीर के विषय पर अपनी बात हमेशा रखा, जब कांग्रेस की सरकार थी, नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री थे तब भी अटल बिहारी वाजपेयी को कश्मीर पर भारत की बात रखने के लिए भेजा जाता था. अटल जी के विचार ने संगठन को बांधे रखा है. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अब अनुच्छेद 370 हटने के बाद हमें इस पर अपनी बात सीधे और सपाट रूप से कहनी चाहिए. आज जम्मू, लेह लद्दाख के ही नहीं, श्रीनगर के मुस्लिम भी अनुच्छेद 370 हटाने से काफी खुश हैं.

'अटल जी जैसे महान नेता कम होते हैं'
इस मौके पर भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू ने अटल जी से जुड़े कई संस्मरणों को सुनाया. जिसमें उनके बिहार, हिमाचल, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश में अटल जी के संस्मरण को सुनाया. उन्होंने कहा कि अटल ऐसे थे कि 60 साल तक वह विपक्ष में बैठने रहने के बावजूद कभी भी हताश नहीं हुए. उन्होंने सत्ता पक्ष में भी आत्मविश्वास भरने का काम किया. उनके संस्मरणों को सुनाने के लिए चंद घंटे नहीं कुछ साल भी कम पड़ेंगे. ऐसे महान नेता कम होते हैं.

'अटल जी जन्मदिन पर होगी प्रतियोगिता'
ज्ञान फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस व्याख्यान समारोह के बाद अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिन यानी 25 दिसंबर तक देशभर में अटल जी की याद में प्रतिदिन कोई न कोई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. जिसमें पेंटिंग प्रतियोगिता से लेकर वाद विवाद प्रतियोगिता तथा डॉक्यूमेंट्री प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया.

नई दिल्ली: देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि के अवसर पर शुक्रवार सुबह अटल समाधि पर देश के गणमान्य लोगों ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित कर याद किया. वहीं शाम को रफी मार्ग स्थित कांस्टीट्यूशन क्लब में एक व्याख्यान समारोह का आयोजन किया गया. जिसमें अटल नीति राष्ट्र नीति विषय पर वक्ताओं ने अपनी बात रखी.

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि पर दी गई श्रद्धांजलि

स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी की शहादत को अब सही मायने सच्ची श्रद्धांजलि दी गयी है. अनुच्छेद 370 हटाने को लेकर अटल बिहारी वाजपेयी कटिबद्ध थे. उनकी प्रथम पुण्यतिथि से ठीक पहले अनुच्छेद 370 हटाकर भाजपा ने अटल बिहारी वाजपेयी के सपने को साकार किया है, कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा नहीं रहे भाजपा दशकों से सपना देख रही थी. आज कश्मीर के हालात दशकों बाद बेहतर हुए हैं. इस वर्ष वहां जैसी ईद और स्वतंत्रता दिवस मना ऐसा कभी नहीं मनाया गया था.

'श्रीनगर के लोग भी अनुच्छेद 370 हटने से खुश'
जितेंद्र सिंह ने कहा कि अटल जी ने कश्मीर के विषय पर अपनी बात हमेशा रखा, जब कांग्रेस की सरकार थी, नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री थे तब भी अटल बिहारी वाजपेयी को कश्मीर पर भारत की बात रखने के लिए भेजा जाता था. अटल जी के विचार ने संगठन को बांधे रखा है. जितेंद्र सिंह ने कहा कि अब अनुच्छेद 370 हटने के बाद हमें इस पर अपनी बात सीधे और सपाट रूप से कहनी चाहिए. आज जम्मू, लेह लद्दाख के ही नहीं, श्रीनगर के मुस्लिम भी अनुच्छेद 370 हटाने से काफी खुश हैं.

'अटल जी जैसे महान नेता कम होते हैं'
इस मौके पर भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू ने अटल जी से जुड़े कई संस्मरणों को सुनाया. जिसमें उनके बिहार, हिमाचल, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश में अटल जी के संस्मरण को सुनाया. उन्होंने कहा कि अटल ऐसे थे कि 60 साल तक वह विपक्ष में बैठने रहने के बावजूद कभी भी हताश नहीं हुए. उन्होंने सत्ता पक्ष में भी आत्मविश्वास भरने का काम किया. उनके संस्मरणों को सुनाने के लिए चंद घंटे नहीं कुछ साल भी कम पड़ेंगे. ऐसे महान नेता कम होते हैं.

'अटल जी जन्मदिन पर होगी प्रतियोगिता'
ज्ञान फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस व्याख्यान समारोह के बाद अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिन यानी 25 दिसंबर तक देशभर में अटल जी की याद में प्रतिदिन कोई न कोई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. जिसमें पेंटिंग प्रतियोगिता से लेकर वाद विवाद प्रतियोगिता तथा डॉक्यूमेंट्री प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया.

Intro:नई दिल्ली. देश के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि के अवसर पर शुक्रवार सुबह अटल समाधि पर देश के गणमान्य लोगों ने उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित कर याद किया तो वहीं शाम को रफी मार्ग स्थित कांस्टीट्यूशन क्लब में एक व्याख्यान समारोह का आयोजन किया गया. जिसमें अटल नीति राष्ट्र नीति विषय पर वक्ताओं ने अपनी बात रखी.




Body:स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि श्यामा प्रसाद मुखर्जी की शहादत को अब सही मायने सच्ची श्रद्धांजलि दी गयी है. अनुच्छेद 370 हटाने को लेकर अटल बिहारी वाजपेयी कटिबद्ध थे. उनकी प्रथम पुण्यतिथि से ठीक पहले अनुच्छेद 370 हटाकर भाजपा ने अटल बिहारी वाजपेयी के सपने को साकार किया है, कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा नहीं रहे भाजपा दशकों से सपना देख रही थी. आज कश्मीर के हालात दशकों बाद बेहतर हुए है. इस वर्ष वहां जैसी ईद और स्वतंत्रता दिवस मना ऐसा कभी नहीं मनाया गया था.

जितेंद्र सिंह ने कहा, अटल जी ने कश्मीर के विषय पर अपनी बात हमेशा रखा, जब कांग्रेस की सरकार थी, नरसिम्हा राव प्रधानमंत्री थे तब भी अटल बिहारी वाजपेयी को कश्मीर पर भारत की बात रखने के लिए भेजा जाता था. अटल जी के विचार ने संगठन को बांधे रखा है. जितेंद्र सिंह ने कहा अब अनुच्छेद 370 हटने के बाद हमे इसपर अपनी बात सीधे और सपाट रूप से कहनी चाहिए. आज जम्मू, लेह लद्दाख के ही नहीं, श्रीनगर के मुस्लिम भी अनुच्छेद 370 हटाने से काफी खुश हैं.

इस मौके पर भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू ने अटल जी से जुड़े कई संस्मरणों को सुनाया. जिसमें उनके बिहार, हिमाचल, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश में अटल जी के संस्मरण को सुनाया. उन्होंने कहा कि अटल ऐसे थे कि 60 साल तक वह विपक्ष में बैठने रहने के बावजूद कभी भी हताश नहीं हुए. उन्होंने सत्ता पक्ष में भी आत्मविश्वास भरने का काम किया. उनके संस्मरणों को सुनाने के लिए चंद घंटे नहीं कुछ साल भी कम पड़ेंगे. ऐसे महान नेता कम होते हैं.

ज्ञान फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस व्याख्यान समारोह के बाद अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिन यानी 25 दिसंबर तक देशभर में अटल जी की याद में प्रतिदिन कोई न कोई कार्यक्रम बनाए आयोजित किए जाएंगे. जिसमें पेंटिंग प्रतियोगिता से लेकर वाद विवाद प्रतियोगिता तथा डॉक्यूमेंट्री प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया.

समाप्त, आशुतोष झा


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