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लेटेस्ट फैशन की आर्टिफिशियल ज्वेलरी का ठिकाना है जनपथ मार्केट - Janpath market destination of artificial jewelry

दिल्ली के जनपथ बाजार में लेटेस्ट फैशन की आर्टिफिशियल ज्वेलरी उपलब्ध है. ग्राहकों को यहां मनपसंद और बजट के हिसाब से ज्वेलरी मिलती हैं.

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Published : May 22, 2023, 9:13 AM IST

नई दिल्ली: हमारे देश में शायद ही ऐसी कोई महिला हो जिसको ज्वेलरी पहनने का शौक न हो. सोने का भाव रोजाना रिकॉर्ड तोड़ रहा है. ऐसे में आर्टिफिशियल ज्वेलरी ने महिलाओं की मुश्किल कुछ आसान कर दी है. शादी हो या पार्टी महिलाएं, ज्वेलरी पहनना कभी नहीं भूलती हैं. सभी महिलाओं को यह शौक होता है कि उनके पास हर ड्रेस की मैचिंग ज्वेलरी कलेक्शन हो.

दिल्ली के कई प्रसिद्ध बाजारों में आर्टिफिशियल ज्वेलरी की ढेरों दुकानें हैं. ऐसे में महिलाओं के लिए यह समझ पाना मुश्किल होता है कि किफायती और अच्छी आर्टिफिशियल जूलरी कहां से मिलेगी ? अगर आपके साथ भी ऐसा होता है, तो आइए आपको ले चलते हैं जनपथ बाजार. यहां आप आकर्षक और अपने बजट के मुताबिक सुंदर आर्टिफिशियल ज्वेलरी खरीद सकती हैं. राजीव चौक मेट्रो स्टेशन और जनपथ मेट्रो स्टेशन से आप आसानी से यहां पहुंच सकती हैं. जनपथ में 20 रुपए से लेकर हज़ारों रुपये तक की ज्वेलरी उपलब्ध है.

आर्टिफिशियल ज्वेलरी के विक्रेता मनोज कुमार ने बताया कि जनपथ पर ग्राहकों की पसंद और बजट के हिसाब से ज्वेलरी मिलती हैं. टीवी सीरियल्स और फिल्मों में महिलाओं द्वारा पहनी जाने वाली ज्वेलरी की डिजाइंस जनपथ पर उपलब्ध हैं. मनोज का मानना है कि सोने के दाम में इजाफा होने से आर्टिफिशियल ज्वेलरी के बाजार ने काफी रफ्तार पकड़ी है.

भारतीयों के अलावा विदेशियों को भी पसंद मार्केट
मनोज का कहना है कि विदेशी महिलाओं में काफी पहले से आर्टिफिशियल ज्वेलरी पहनने का चलन रहा है. अंतर बस इतना है कि विदेशी महिलाओं को छोटी और हल्की ज्वेलरी पहनना पसंद है, वहीं भारतीय महिलाओं का रूझान हैवी ज्वेलरी की तरफ ज्यादा रहता है. मनोज ने बताया कि भारत में कॉलेज जाने वाली युवतियां भी हल्के वजन की ज्वेलरी पहनना पसंद करती हैं.

वर्षों से जनपथ पर बिकती हैं आर्टिफिशियल ज्वेलरी
जनपथ में आर्टिफिशियल ज्वेलरी की बिक्री कोई नया बाजार नहीं है. जनपथ बाजार का इतिहास ब्रिटिश काल से जुड़ा है. स्थानीय दुकानदारों की मानें तो जनपथ को पहले क्वीन-वे के नाम से जाना जाता था. ब्रिटिश काल में यहां से ब्रिटिश महारानी विक्टोरिया गुजरती थीं. बंटवारे के समय पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को भारत सरकार ने व्यवसाय करने के लिए जनपथ पर दुकानें दी थी, जिसके बाद से वे आज तक यहां अपनी दुकानें चलाते हैं. स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि यह बाजार करीब 70 साल पुराना है.

यहां प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी जैसे नेता भी आ चुके हैं. मनोज ने बताया कि उनकी दुकान काफी पुरानी है. उनसे पहले उनके पिता यहां बैठते थे. दिल्‍ली के बीचों-बीच स्थित इस मार्केट की अपनी अलग खासियत है. यहां पर स्‍ट्रीट मार्केट लगती है. खास बात यह है कि स्ट्रीट मार्केट होने बावजूद यहां सबसे लेटेस्‍ट ट्रेंड की ज्वेलरी मिल जाएंगी. अगर आप गोल्‍ड और सिल्वर ज्‍वेलरी पहन कर बोर हो चुकी हैं या महंगाई के दौर में बजट नहीं बन पा रहा तो इस मार्केट में जरूर आएं. इसमें एंटीक, जंक, कॉकटेल और फंकी ज्‍वेलरी मिल जाएंगी. यहां के विक्रेता बहुत ही कम मार्जिन पर माल़ बेचने का दावा करते हैं. ग्राहकों का कहना है कि यहां बार्गेनिंग भी जम कर होती है, इसलिए अगर आप अच्‍छी तरह मोल भाव करना जानती हैं तो यह मार्केट आपके लिए परफेक्‍ट है.

नई दिल्ली: हमारे देश में शायद ही ऐसी कोई महिला हो जिसको ज्वेलरी पहनने का शौक न हो. सोने का भाव रोजाना रिकॉर्ड तोड़ रहा है. ऐसे में आर्टिफिशियल ज्वेलरी ने महिलाओं की मुश्किल कुछ आसान कर दी है. शादी हो या पार्टी महिलाएं, ज्वेलरी पहनना कभी नहीं भूलती हैं. सभी महिलाओं को यह शौक होता है कि उनके पास हर ड्रेस की मैचिंग ज्वेलरी कलेक्शन हो.

दिल्ली के कई प्रसिद्ध बाजारों में आर्टिफिशियल ज्वेलरी की ढेरों दुकानें हैं. ऐसे में महिलाओं के लिए यह समझ पाना मुश्किल होता है कि किफायती और अच्छी आर्टिफिशियल जूलरी कहां से मिलेगी ? अगर आपके साथ भी ऐसा होता है, तो आइए आपको ले चलते हैं जनपथ बाजार. यहां आप आकर्षक और अपने बजट के मुताबिक सुंदर आर्टिफिशियल ज्वेलरी खरीद सकती हैं. राजीव चौक मेट्रो स्टेशन और जनपथ मेट्रो स्टेशन से आप आसानी से यहां पहुंच सकती हैं. जनपथ में 20 रुपए से लेकर हज़ारों रुपये तक की ज्वेलरी उपलब्ध है.

आर्टिफिशियल ज्वेलरी के विक्रेता मनोज कुमार ने बताया कि जनपथ पर ग्राहकों की पसंद और बजट के हिसाब से ज्वेलरी मिलती हैं. टीवी सीरियल्स और फिल्मों में महिलाओं द्वारा पहनी जाने वाली ज्वेलरी की डिजाइंस जनपथ पर उपलब्ध हैं. मनोज का मानना है कि सोने के दाम में इजाफा होने से आर्टिफिशियल ज्वेलरी के बाजार ने काफी रफ्तार पकड़ी है.

भारतीयों के अलावा विदेशियों को भी पसंद मार्केट
मनोज का कहना है कि विदेशी महिलाओं में काफी पहले से आर्टिफिशियल ज्वेलरी पहनने का चलन रहा है. अंतर बस इतना है कि विदेशी महिलाओं को छोटी और हल्की ज्वेलरी पहनना पसंद है, वहीं भारतीय महिलाओं का रूझान हैवी ज्वेलरी की तरफ ज्यादा रहता है. मनोज ने बताया कि भारत में कॉलेज जाने वाली युवतियां भी हल्के वजन की ज्वेलरी पहनना पसंद करती हैं.

वर्षों से जनपथ पर बिकती हैं आर्टिफिशियल ज्वेलरी
जनपथ में आर्टिफिशियल ज्वेलरी की बिक्री कोई नया बाजार नहीं है. जनपथ बाजार का इतिहास ब्रिटिश काल से जुड़ा है. स्थानीय दुकानदारों की मानें तो जनपथ को पहले क्वीन-वे के नाम से जाना जाता था. ब्रिटिश काल में यहां से ब्रिटिश महारानी विक्टोरिया गुजरती थीं. बंटवारे के समय पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को भारत सरकार ने व्यवसाय करने के लिए जनपथ पर दुकानें दी थी, जिसके बाद से वे आज तक यहां अपनी दुकानें चलाते हैं. स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि यह बाजार करीब 70 साल पुराना है.

यहां प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी जैसे नेता भी आ चुके हैं. मनोज ने बताया कि उनकी दुकान काफी पुरानी है. उनसे पहले उनके पिता यहां बैठते थे. दिल्‍ली के बीचों-बीच स्थित इस मार्केट की अपनी अलग खासियत है. यहां पर स्‍ट्रीट मार्केट लगती है. खास बात यह है कि स्ट्रीट मार्केट होने बावजूद यहां सबसे लेटेस्‍ट ट्रेंड की ज्वेलरी मिल जाएंगी. अगर आप गोल्‍ड और सिल्वर ज्‍वेलरी पहन कर बोर हो चुकी हैं या महंगाई के दौर में बजट नहीं बन पा रहा तो इस मार्केट में जरूर आएं. इसमें एंटीक, जंक, कॉकटेल और फंकी ज्‍वेलरी मिल जाएंगी. यहां के विक्रेता बहुत ही कम मार्जिन पर माल़ बेचने का दावा करते हैं. ग्राहकों का कहना है कि यहां बार्गेनिंग भी जम कर होती है, इसलिए अगर आप अच्‍छी तरह मोल भाव करना जानती हैं तो यह मार्केट आपके लिए परफेक्‍ट है.

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