नई दिल्ली: यंग लड़कियां हों या महिलाएं सभी को आभूषण पहनने का शौक रहता है. सोने का भाव रोजाना रिकॉर्ड तोड़ रहा है. ऐसे में आर्टिफिशियल जूलरी ने महिलों की मुश्किल कुछ आसान कर दी है. दिल्ली के कई प्रसिद्ध बाजारों में आर्टिफिशियल जूलरी की ढेरों दुकानें हैं. जिससे महिलाओं के लिए यह समझ पाना मुश्किल हो जाता है कि किफायती और अच्छी आर्टिफिशियल जूलरी कहां से मिलेगी. अगर आपके साथ भी ऐसा होता है, तो जनपथ बाजार आपके लिए अच्छा ऑपशन हो सकता है.
20 रुपये से लेकर हजारों रुपये तक की मिलती है जूलरी: जनपथ बाजार में आप आकर्षक और अपने बजट के मुताबिक सुंदर आर्टिफिशियल जूलरी खरीद सकती हैं. राजीव चौक मेट्रो स्टेशन और जनपथ मेट्रो स्टेशन से आप आसानी से यहां पहुंच सकती हैं. जनपथ में 20 रुपये से लेकर हजारों रुपये तक की ज्वेलरी मिलती है. शादी हो या पार्टी महिलाएं जूलरी पहनना कभी नहीं भूलती हैं. सभी महिलाओं को यह शौक होता है कि उनके पास हर ड्रेस की मैचिंग जूलरी कलेक्शन हो.
ग्राहकों की बजट के हिसाब से मिलती है जूलरी: आर्टिफिशियल जूलरी के विक्रेता मनोज कुमार ने बताया कि जनपथ पर ग्राहकों की पसंद और बजट के हिसाब से जूलरी मिलती है. जिस तरह की जूलरी का डिजाइन महिलाएं टीवी सीरियल और फिल्म पर देखती हैं, उस तरह के सभी आइटम्स जनपथ में मौजूद होते हैं. उन्होंने बताया कि सोने के दाम में इजाफा होने से आर्टिफिशियल जूलरी के बाजार ने काफी रफ्तार पकड़ी है.
विदेशियों की पसंद बना जनपथ बाजार: विक्रेता ने बताया कि विदेशी महिलाओं में भारतीय महिलाओं से ज्यादा और काफी पहले से आर्टिफिशियल जूलरी पहनने का चलन रहा है. अंतर बस इतना है कि विदेशी महिलाओं को छोटी और हल्की जूलरी पहनना पसंद हैं, जबकि भारतीय महिलाओं का रूझान हैवी जूलरी की तरफ ज्यादा रहता है. हालांकि कॉलेज जाने वाली युवतियां भी हल्के वजन की जूलरी पहनना पसंद करती हैं.
वर्षों से जनपथ में बिकती हैं आर्टिफिशियल जूलरी: जनपथ में आर्टिफिशियल जूलरी की बिक्री कोई नया बाजार नहीं है। जनपथ बाजार का इतिहास ब्रिटिश काल से जुड़ा है। स्थानीय दुकानदारों की मानें तो जनपथ को पहले क्वीन-वे के नाम से ही जाना जाता था. ब्रिटिश काल में यहां से ब्रिटिश की महारानी विक्टोरिया गुजरती थीं.
बंटवारे के समय पाकिस्तान से आए शरणार्थी चला रहे दुकान: बंटवारे के समय पाकिस्तान से आए शरणार्थियों को भारत सरकार ने व्यवसाय करने के लिए जनपथ पर दुकानें दी थी. जिसके बाद से वह आज तक सरकार की दी गई दुकानों में अपना काम करते हैं. स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि यह बाजार करीब 70 साल पुराना है, जहां प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और राजीव गांधी जैसे दिग्गज नेता भी आ चुके हैं.
बाजार में होता है सबसे ज्यादा मोलभाव: दिल्ली के बीचों-बीच स्थित इस मार्केट की अपनी अलग खासियत है. यहां पर स्ट्रीट मार्केट लगती है. खास बात यह है कि स्ट्रीट मार्केट होने के बावजूद भी यहां सबसे लेटेस्ट ट्रेंड की जूलरी मिल जाएंगी. अगर आप गोल्ड और सिलवर ज्वेलरी पहन कर बोर हो चुकी हैं या महंगाई के दौर में बजट नहीं बन रहा तो इस मार्केट में जरूर आएं. इसमें एंटीक, जंक, कॉकटेल और फंकी ज्वेलरी मिल जाएंगी. यहां के विक्रेता बहुत ही कम मार्जिन पर माल़ बेचने का दावा करते हैं. वहीं, ग्राहकों का कहना है कि यहां मोलभाव भी जमकर होता है, इसलिए अगर आप अच्छी तरह मोल भाव करना जानती हैं तो आपके लिए यह मार्केट परफेक्ट है.
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