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Abdus Salam Memorial Lectures: जामिया यूनिवर्सिटी ने किया 18वें अब्दुस सलाम मेमोरियल लेक्चर का आयोजन - टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च

जामिया यूनिवर्सिटी द्वारा 18वें अब्दुस सलाम मेमोरियल लेक्चर का आयोजन किया गया. हर साल आयोजित होने वाले इस लेक्चर प्रोग्राम में भारत या विदेश से विज्ञान के एक प्रतिष्ठित व्यक्ति को आमंत्रित किया जाता है.

18वें अब्दुस सलाम मेमोरियल लेक्चर का आयोजन
18वें अब्दुस सलाम मेमोरियल लेक्चर का आयोजन
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Published : Mar 20, 2023, 4:45 PM IST

नई दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया के भौतिकी विभाग की ओर से यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के ऑडिटोरियम में 18वां अब्दुस सलाम मेमोरियल लेक्चर आयोजित किया गया. यह मेमोरियल लेक्चर टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च और बेंगलुरु के अंतर्राष्ट्रीय सैद्धांतिक विज्ञान केंद्र से प्रोफेसर स्पेंटा आर वाडिया ने दिया, जिसका का शीर्षक 'ब्लैक होल, क्वांटम मैकेनिक्स एंड स्पेसटाइम' था.

अब्दुस सलाम मेमोरियल लेक्चर का आयोजन
अब्दुस सलाम मेमोरियल लेक्चर का आयोजन

जामिया के भौतिकी विभाग के तहत विश्वविद्यालय द्वारा अब्दुस सलाम मेमोरियल लेक्चर सालाना आयोजित किया जाता है, जिसका उद्देश्य उन विचारों को कायम रखना था, जिनमें प्रोफेसर सलाम विश्वास करते थे. इस व्याख्यान के लिए प्रत्येक वर्ष भारत या विदेश से विज्ञान के एक प्रतिष्ठित व्यक्ति को आमंत्रित किया जाता है. इस दौरान वह व्याख्यान की शैली और सामग्री नई खोजों, विचारों और चुनौतियों को प्रेरित कर उत्साह व्यक्त करते हैं.

अब्दुस सलाम मेमोरियल लेक्चर का आयोजन
अब्दुस सलाम मेमोरियल लेक्चर का आयोजन

लेक्चर की शुरुआत जामिया के फिजिक्स विभाग के अध्यक्ष प्रो. एम ए एच एहसान के स्वागत भाषण से हुई. इस दौरान उन्होंने जामिया की वाइस चांसलर प्रो. नजमा अख्तर (पद्म श्री) और रजिस्ट्रार, जामिया के निरंतर सहयोग के लिए उनका आभार व्यक्त किया. प्राकृतिक विज्ञान संकाय के डीन प्रो. सैयद अख्तर हुसैन ने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में वक्ता प्रोफेसर स्पेंटा आर वाडिया का स्वागत किया. साथ ही उन्होंने दर्शकों के साथ वार्षिक अब्दुस सलाम मेमोरियल व्याख्यान के इतिहास को संक्षेप में साझा किया.

अब्दुस सलाम मेमोरियल लेक्चर का आयोजन
अब्दुस सलाम मेमोरियल लेक्चर का आयोजन

ये भी पढ़ें: Delhi Liquor Scam: सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 14 दिनों के लिए बढ़ी, 21 मार्च को जमानत पर सुनवाई

प्रो. स्पेंटा ने न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत और रिलेटिविटी के विशेष सिद्धांत के बीच टेंशन की ऐतिहासिक चर्चा से शुरुआत की, जिसके कारण 1915 में आइंस्टीन का गुरुत्वाकर्षण का सामान्य रिलेटिविस्टिक सिद्धांत सामने आया था. सामान्य रिलेटिविटी और क्वांटम यांत्रिकी जो लगभग 100 साल पुराने हैं. बता दें कि आधुनिक भौतिकी के दो स्तंभ जो उनके अनुप्रयोगों के क्षेत्र में बहुत अच्छी तरह से काम करते हैं. हालांकि, ब्लैक होल की क्वांटम प्रकृति को समझने की कोशिश करते हुए स्टीफन हॉकिंग ने दो सिद्धांतों की अप्रासंगिकता की ओर इशारा किया. प्रो वाडिया ने स्ट्रिंग थ्योरी के संदर्भ में इस टेंशन को हल करने के तरीकों पर चर्चा की.

ये भी पढ़ें: SC का OROP पर बड़ा फैसला, 4 सप्ताह में बकाया भुगतान का दिया आदेश

नई दिल्ली: जामिया मिल्लिया इस्लामिया के भौतिकी विभाग की ओर से यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के ऑडिटोरियम में 18वां अब्दुस सलाम मेमोरियल लेक्चर आयोजित किया गया. यह मेमोरियल लेक्चर टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च और बेंगलुरु के अंतर्राष्ट्रीय सैद्धांतिक विज्ञान केंद्र से प्रोफेसर स्पेंटा आर वाडिया ने दिया, जिसका का शीर्षक 'ब्लैक होल, क्वांटम मैकेनिक्स एंड स्पेसटाइम' था.

अब्दुस सलाम मेमोरियल लेक्चर का आयोजन
अब्दुस सलाम मेमोरियल लेक्चर का आयोजन

जामिया के भौतिकी विभाग के तहत विश्वविद्यालय द्वारा अब्दुस सलाम मेमोरियल लेक्चर सालाना आयोजित किया जाता है, जिसका उद्देश्य उन विचारों को कायम रखना था, जिनमें प्रोफेसर सलाम विश्वास करते थे. इस व्याख्यान के लिए प्रत्येक वर्ष भारत या विदेश से विज्ञान के एक प्रतिष्ठित व्यक्ति को आमंत्रित किया जाता है. इस दौरान वह व्याख्यान की शैली और सामग्री नई खोजों, विचारों और चुनौतियों को प्रेरित कर उत्साह व्यक्त करते हैं.

अब्दुस सलाम मेमोरियल लेक्चर का आयोजन
अब्दुस सलाम मेमोरियल लेक्चर का आयोजन

लेक्चर की शुरुआत जामिया के फिजिक्स विभाग के अध्यक्ष प्रो. एम ए एच एहसान के स्वागत भाषण से हुई. इस दौरान उन्होंने जामिया की वाइस चांसलर प्रो. नजमा अख्तर (पद्म श्री) और रजिस्ट्रार, जामिया के निरंतर सहयोग के लिए उनका आभार व्यक्त किया. प्राकृतिक विज्ञान संकाय के डीन प्रो. सैयद अख्तर हुसैन ने अपनी प्रारंभिक टिप्पणी में वक्ता प्रोफेसर स्पेंटा आर वाडिया का स्वागत किया. साथ ही उन्होंने दर्शकों के साथ वार्षिक अब्दुस सलाम मेमोरियल व्याख्यान के इतिहास को संक्षेप में साझा किया.

अब्दुस सलाम मेमोरियल लेक्चर का आयोजन
अब्दुस सलाम मेमोरियल लेक्चर का आयोजन

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प्रो. स्पेंटा ने न्यूटन के गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत और रिलेटिविटी के विशेष सिद्धांत के बीच टेंशन की ऐतिहासिक चर्चा से शुरुआत की, जिसके कारण 1915 में आइंस्टीन का गुरुत्वाकर्षण का सामान्य रिलेटिविस्टिक सिद्धांत सामने आया था. सामान्य रिलेटिविटी और क्वांटम यांत्रिकी जो लगभग 100 साल पुराने हैं. बता दें कि आधुनिक भौतिकी के दो स्तंभ जो उनके अनुप्रयोगों के क्षेत्र में बहुत अच्छी तरह से काम करते हैं. हालांकि, ब्लैक होल की क्वांटम प्रकृति को समझने की कोशिश करते हुए स्टीफन हॉकिंग ने दो सिद्धांतों की अप्रासंगिकता की ओर इशारा किया. प्रो वाडिया ने स्ट्रिंग थ्योरी के संदर्भ में इस टेंशन को हल करने के तरीकों पर चर्चा की.

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