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नरसिंहानंद की हत्या के लिए जैश-ए-मोहम्मद ने दी सुपारी, साधु बनकर करनी थी हत्या - नरसिंहानंद की हत्या के लिए जैश ने दी सुपारी

पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादास्पद बयान देने के बाद चौतरफा विरोध झेलने वाले डासना मंदिर के महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती की अब हत्या के लिए सुपारी देने का मामला सामने आया है. हत्या की यह सुपारी पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने दी थी, जिसमें पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है.

jaish-e-mohammad gave betel contract to kill narasimhanand
नरसिंहानंद
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Published : May 17, 2021, 10:28 AM IST

Updated : May 17, 2021, 11:33 AM IST

नई दिल्ली: डासना स्थित मंदिर के प्रमुख महंत नरसिंहानंद सरस्वती की हत्या के लिए सुपारी देने का मामला सामने आया है. हत्या की यह सुपारी पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने दी थी. पकड़ा गया आरोपी जान मोहम्मद डार उर्फ जहांगीर साधु का भेष बनाकर नरसिंहानंद की हत्या को अंजाम देने वाला था. स्पेशल सेल ने उसके पास से हथियार के अलावा भगवा ड्रेस भी बरामद किया है.


जानकारी के अनुसार, डासना स्थित देवी मंदिर महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कुछ दिन पहले वहां पानी पी रहे एक बच्चे की पिटाई कर दी थी. इसके बाद उन्होंने प्रेस क्लब में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में आपत्तिजनक बयान दिया था, जिसे लेकर उनके खिलाफ FIR भी दर्ज हुई थी.

ऐसे में पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने नरसिंहानंद सरस्वती की हत्या के लिए साजिश रची और इसके लिए सुपारी दी. स्पेशल सेल ने खुफिया एजेंसी के साथ मिलकर यह पता लगाया कि इस हत्याकांड के लिए जम्मू कश्मीर के पुलवामा निवासी जान मोहम्मद को सुपारी दी गई है. इसके बाद पुलिस टीम ने छापा मारकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. उसके पास से एक पिस्तौल, दो मैगजीन, 15 कारतूस, भगवा रंग का कुर्ता एवं साधुओं द्वारा पहने जाने वाले कुछ अन्य सामान बरामद हुए हैं.



ये भी पढ़ें:- अमन विहारः यति नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ प्रदर्शन, FIR दर्ज करने की मांग


साधु के भेष में करने वाला था हत्या

पूछताछ में पता चला कि जान मोहम्मद डार उर्फ जांगी साधु की वेशभूषा पहनकर स्वामी यति नरसिंहानंद सरस्वती को मारने वाला था. पुलिस को छानबीन में पता चला कि आरोपी 2016 में सेना पर पथराव के मामले में भी गिरफ्तार हो चुका है. आतंकी बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद सेना पर पथराव करने में वह शामिल था. आरोपी ने पुलिस को बताया है कि जम्मू कश्मीर में उसकी मुलाकात बीते दिसंबर महीने में आतंकी आबिद से हुई थी. आबिद नहीं उसको इस हत्या का टास्क दिया था.

बीते फरवरी महीने में भी अपने भतीजे का इलाज कराने के लिए वह दिल्ली आया था. यहां आकर वह जामा मस्जिद के बशीर गेस्ट हाउस में ठहरा था. यहां से लौटने के बाद उसने आबिद को दिल्ली की जानकारी दी, जिसके बाद उसने स्वामी नरसिंहानंद की हत्या की सुपारी दी. उसे कश्मीर में ही हथियार चलाना सिखाया गया. उसे 6500 रुपये नकद और 35,000 रुपये उसके बैंक खाते में भेजे गये थे. जामा मस्जिद में उसने उमर से हथियार लिया. इसके बाद वह पहाड़गंज चला गया था.

ये भी पढ़ें:- महंत यति नरसिंहानंद की गिरफ्तारी की मांग, कर्दमपुरी में प्रदर्शन

बढ़ई का काम करता है आरोपी

गिरफ्तार किया गया आरोपी जान मोहम्मद पुलवामा का रहने वाला है. पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पहाड़गंज के शिवा होटल से की है. वह 12वीं कक्षा तक पढ़ा हुआ है और बढ़ई का काम करता है. दिसंबर 2020 में उसकी मुलाकात जैश-ए- मोहम्मद के आतंकी से हुई थी, जिसने उसे इस हत्या के लिए मोटी रकम देने की बात कही थी. वह वाट्सऐप के जरिए लगातार उससे संपर्क में रहता था.

नई दिल्ली: डासना स्थित मंदिर के प्रमुख महंत नरसिंहानंद सरस्वती की हत्या के लिए सुपारी देने का मामला सामने आया है. हत्या की यह सुपारी पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने दी थी. पकड़ा गया आरोपी जान मोहम्मद डार उर्फ जहांगीर साधु का भेष बनाकर नरसिंहानंद की हत्या को अंजाम देने वाला था. स्पेशल सेल ने उसके पास से हथियार के अलावा भगवा ड्रेस भी बरामद किया है.


जानकारी के अनुसार, डासना स्थित देवी मंदिर महंत यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कुछ दिन पहले वहां पानी पी रहे एक बच्चे की पिटाई कर दी थी. इसके बाद उन्होंने प्रेस क्लब में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में आपत्तिजनक बयान दिया था, जिसे लेकर उनके खिलाफ FIR भी दर्ज हुई थी.

ऐसे में पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने नरसिंहानंद सरस्वती की हत्या के लिए साजिश रची और इसके लिए सुपारी दी. स्पेशल सेल ने खुफिया एजेंसी के साथ मिलकर यह पता लगाया कि इस हत्याकांड के लिए जम्मू कश्मीर के पुलवामा निवासी जान मोहम्मद को सुपारी दी गई है. इसके बाद पुलिस टीम ने छापा मारकर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया. उसके पास से एक पिस्तौल, दो मैगजीन, 15 कारतूस, भगवा रंग का कुर्ता एवं साधुओं द्वारा पहने जाने वाले कुछ अन्य सामान बरामद हुए हैं.



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साधु के भेष में करने वाला था हत्या

पूछताछ में पता चला कि जान मोहम्मद डार उर्फ जांगी साधु की वेशभूषा पहनकर स्वामी यति नरसिंहानंद सरस्वती को मारने वाला था. पुलिस को छानबीन में पता चला कि आरोपी 2016 में सेना पर पथराव के मामले में भी गिरफ्तार हो चुका है. आतंकी बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद सेना पर पथराव करने में वह शामिल था. आरोपी ने पुलिस को बताया है कि जम्मू कश्मीर में उसकी मुलाकात बीते दिसंबर महीने में आतंकी आबिद से हुई थी. आबिद नहीं उसको इस हत्या का टास्क दिया था.

बीते फरवरी महीने में भी अपने भतीजे का इलाज कराने के लिए वह दिल्ली आया था. यहां आकर वह जामा मस्जिद के बशीर गेस्ट हाउस में ठहरा था. यहां से लौटने के बाद उसने आबिद को दिल्ली की जानकारी दी, जिसके बाद उसने स्वामी नरसिंहानंद की हत्या की सुपारी दी. उसे कश्मीर में ही हथियार चलाना सिखाया गया. उसे 6500 रुपये नकद और 35,000 रुपये उसके बैंक खाते में भेजे गये थे. जामा मस्जिद में उसने उमर से हथियार लिया. इसके बाद वह पहाड़गंज चला गया था.

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बढ़ई का काम करता है आरोपी

गिरफ्तार किया गया आरोपी जान मोहम्मद पुलवामा का रहने वाला है. पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पहाड़गंज के शिवा होटल से की है. वह 12वीं कक्षा तक पढ़ा हुआ है और बढ़ई का काम करता है. दिसंबर 2020 में उसकी मुलाकात जैश-ए- मोहम्मद के आतंकी से हुई थी, जिसने उसे इस हत्या के लिए मोटी रकम देने की बात कही थी. वह वाट्सऐप के जरिए लगातार उससे संपर्क में रहता था.

Last Updated : May 17, 2021, 11:33 AM IST
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