नई दिल्ली: तकनीकी शिक्षा मंत्री आतिशी ने गुरुवार को इंटर आईटीआई प्रतियोगिता स्किल-ए-थॉन के विजेताओं को सम्मानित किया, साथ ही छात्रों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी का उद्घाटन किया. दिल्ली सरकार के प्रशिक्षण और तकनीकी शिक्षा निदेशालय (डीटीटीई) द्वारा इस तीन दिवसीय कम्पटीशन का आयोजन किया गया था. इसका उद्देश्य इनोवेशन को बढ़ावा देना और आईटीआई छात्रों को अपने स्किल्स को दिखाने के लिए एक मंच प्रदान करना था. तीन दिवसीय इस कार्यक्रम में छात्रों ने बिल्डिंग एंड कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी, क्रिएटिव आर्ट एंड फैशन, मैन्यूफ़ैक्चरिंग एंड इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी, इन्फॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी, ऑटोमोबाइल जैसे क्षेत्रों में वास्तविक दुनिया की चुनौतियों को दूर करने वाले शानदार मॉडल प्रस्तुत किए.
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शिक्षा मंत्री आतिशी ने स्किल-ए-थॉन में भाग लेने के लिए छात्रों को बधाई देते हुए कहा, "इस प्रोग्राम ने हमारे आईटीआई के छात्रों को इंडस्ट्री और पूरी दुनिया के सामने अपनी प्रतिभा को दिखाने के लिए एक मंच प्रदान किया है।" उन्होंने कहा कि भारतीय शिक्षा प्रणाली में, बच्चे अक्सर दो श्रेणियों में आते हैं: पहले वे जिनके माता-पिता महंगी स्कूल और कॉलेज शिक्षा का खर्च उठा सकते हैं, और दूसरे वे जो आर्थिक रूप से वंचित होते हैं. ऐसे में मध्यम वर्ग और वंचित पृष्ठभूमि के बच्चे अक्सर सरकारी स्कूलों और कॉलेजों में जाते हैं, जहां उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है और उनका मानना है कि उन्हें जीवन में अच्छे अवसर नहीं मिल सकते हैं.
ITI के छात्रों ने 'स्किल-ए-थॉन' में दिखाया अपने हुनर का दमख़म ITI के छात्रों ने 'स्किल-ए-थॉन' में दिखाया अपने हुनर का दमख़म ITI के छात्रों ने 'स्किल-ए-थॉन' में दिखाया अपने हुनर का दमख़म तकनीकी शिक्षा मंत्री ने कहा, "सरकारी आईटीआई में पढ़ने वाले छात्रों को अक्सर अपनी प्रतिभा पर भरोसा नहीं होता है. लेकिन स्किल-ए-थॉन हमारे छात्रों को उनकी क्षमता का एहसास कराने और यह समझने में मदद की है कि उनमें प्रतिभा की कमी नहीं है. कहा कि, मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है इस स्किल-ए-थॉन में आईटीआई छात्रों द्वारा डिजाइन किए गए प्रोजेक्ट्स इतने इनोवेटिव हैं कि इस देश के प्रमुख इंजीनियरिंग कॉलेजों के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं. कार्यक्रम में आईटीआई के छात्रों द्वारा तैयार किए गए एक सेल्फ-चार्जिंग कार मॉडल का उल्लेख करते हुए, आतिशी ने कहा कि जहां आज दुनिया इलेक्ट्रिक कारों पर फोकस कर रही है, वहीं दिल्ली सरकार के आईटीआई के छात्र एक कदम आगे बढ़ाते हुए सेल्फ-चार्जिंग कार डिज़ाइन कर रहे हैं. हमारे छात्र वैसे ही प्रोजैक्ट्स पर काम कर रहे हैं, जिनका परीक्षण टेस्ला जैसी अंतरराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा अपनी प्रयोगशालाओं में किया जा रहा है.कहा कि आज आईटीआई के बच्चों ने शानदार प्रोजैक्ट्स बनाए है उसे देखकर अब सरकार की जिम्मेदारी है कि इन्हें सपोर्ट देकर इनके प्रोजेक्ट को स्टार्टअप में बदला जाए |शिक्षा मंत्री ने कहा कि मुझे इस बात का पूरा भरोसा है कि अगर इन बच्चों को सही दिशा में मेंटरिंग मिलेगी तो आने वाले समय में वे बड़ी-बड़ी कंपनियों के फाउंडर और सीईओ भी होंगे.प्रतियोगिता के कुछ शानदार प्रोजेक्ट्स1. लेजर बेस्ड इंडस्ट्री सिक्योरिटी सिस्टम- छात्रों द्वारा बनाया गया यह प्रोजेक्ट किसी साइंस फिक्शन फ़िल्म की तरह मिरर रिफ्लेक्शन के साथ पूरे कॉम्प्लेक्स को लेजर लाइट से कवर करता है. और यदि कोई बिना अनुमति कॉम्प्लेक्स में आता है तो लेजर के संपर्क में आते ही अलार्म बज उठता है.2. सन ट्रैकिंग सोलर सिस्टम- इसमें सोलर पैनल सूर्य की दिशा में ख़ुद ब ख़ुद मुड़ जाता है.3. एंटी स्लीपिंग अलार्म- इस प्रोजेक्ट में छात्रों ने एक चश्मा विकसित किया है जो कई सेंसरों से लैस है. ड्राइविंग के दौरान यदि ड्राइवर नींद के कारण अपनी पलक झपकाता है तो यहां सेंसर उसे डिटेक्ट कर लेता है और अलार्म बजने लगता है. साथ ही इससे जुड़ा एक डिवाइस ड्राइवर के चेहरे पर पानी की बौछार मारता है.4. स्मार्ट ब्लाइंड स्टिक- नेत्रहीन लोगों के लिए तैयार किया गया स्मार्ट स्टिक जो आगे किसी भी अवरोध को पहचान लेता है.
5. सेल्फ चार्जिंग कार- यहां विद्यार्थियों ने एक ऐसे कार का मॉडल तैयार किया है जो सूर्य ऊर्जा, पवन ऊर्जा के साथ स्वयं चार्ज होता है.