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क्लास रूम घोटाला : दिल्ली में 194 स्कूलों के 2400 नए क्लास रूम बनाने में हुई अनियमितता

दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की सरकार के क्लास रूम घोटाले पर सतर्कता निदेशालय ने मुहर लगा दी है. निदेशालय ने मुख्य सचिव को जो रिपोर्ट सौंपी है, उसमें 194 स्कूलों में 2400 से अधिक नए क्लास रूम (more than 2400 new rooms) बनाने में अनियमितता की पुष्टि करते हुए करीब 1300 करोड़ रुपये के घोटाले की बात कही गई है.

नए क्लास रूम बनाने में अनियमितता की पुष्टि
नए क्लास रूम बनाने में अनियमितता की पुष्टि
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Published : Nov 25, 2022, 12:39 PM IST

Updated : Nov 25, 2022, 1:05 PM IST

नई दिल्ली : सरकारी स्कूलों में बनाए गए क्लास रूम घोटाले (Class room scam)के मामले में अब केजरीवाल सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. दिल्ली सरकार के 194 स्कूलों में (194 schools in Delhi) 2400 से अधिक नए कमरों के निर्माण में अनियमितता हुई है. इस पर सतर्कता निदेशालय ने भी मुहर लगा दी है. इस संदर्भ में जांच सतर्कता निदेशालय को सौंपी गई थी. निदेशालय ने अपनी जांच रिपोर्ट मुख्य सचिव नरेश कुमार को दे दी है.

1300 करोड़ रुपये का घोटाला : सतर्कता निदेशालय ने दिल्ली सरकार के स्कूलों के लिए क्लास रूम के निर्माण में कथित अनियमितताओं की विशेष एजेंसी से जांच कराने की सिफारिश की है. साथ ही दावा किया है कि मामले में 1,300 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है. सतर्कता निदेशालय ने जांच की सिफारिश करते हुए एक रिपोर्ट मुख्य सचिव को सौंपी है. केंद्रीय सतर्कता आयोग ने 17 फरवरी, 2020 की एक रिपोर्ट में लोक निर्माण विभाग की ओर से दिल्ली सरकार के स्कूलों में 2,400 से अधिक क्लास रूम के निर्माण में गंभीर अनियमितताओं का उल्लेख किया था.

160 की जगह हुआ 1214 शौचालयों का निर्माण : बता दें कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में नए कमरों और शौचालय के निर्माण में घोटाले की शिकायत पर जांच में देरी को लेकर उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने अगस्त माह में नाराजगी जताई थी. उन्होंने मुख्य सचिव से जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा था. शिकायत की शुरुआती जांच में पाया गया कि 194 स्कूलों में आवश्यक 160 के मुकाबले 1214 शौचालयों का निर्माण किया गया, जिससे 37 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च हुए. सीवीसी की ओर से सतर्कता विभाग के सचिव को 17 फरवरी 2020 को रिपाेर्ट भेजी गई थी.


क्या थी अनियमितता की शिकायत :-

• सीवीसी को 25.07.2019 को दिल्ली सरकार के स्कूलों में अतिरिक्त कक्षा कक्षों के निर्माण में अनियमितताओं और लागत में वृद्धि के संबंध में एक शिकायत प्राप्त हुई थी.

• बेहतरी के नाम पर बिना निविदा के निर्माण लागत 90 फीसदी तक बढ़ गई.

• दिल्ली सरकार ने बिना टेंडर के 500 करोड़ रुपये की लागत बढ़ाने की मंजूरी दी.

• जीएफआर और सीपीडब्ल्यूडी वर्क्स मैनुअल का खुला उल्लंघन.

• निर्माण की खराब गुणवत्ता और अधूरा कार्य.

नई दिल्ली : सरकारी स्कूलों में बनाए गए क्लास रूम घोटाले (Class room scam)के मामले में अब केजरीवाल सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. दिल्ली सरकार के 194 स्कूलों में (194 schools in Delhi) 2400 से अधिक नए कमरों के निर्माण में अनियमितता हुई है. इस पर सतर्कता निदेशालय ने भी मुहर लगा दी है. इस संदर्भ में जांच सतर्कता निदेशालय को सौंपी गई थी. निदेशालय ने अपनी जांच रिपोर्ट मुख्य सचिव नरेश कुमार को दे दी है.

1300 करोड़ रुपये का घोटाला : सतर्कता निदेशालय ने दिल्ली सरकार के स्कूलों के लिए क्लास रूम के निर्माण में कथित अनियमितताओं की विशेष एजेंसी से जांच कराने की सिफारिश की है. साथ ही दावा किया है कि मामले में 1,300 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है. सतर्कता निदेशालय ने जांच की सिफारिश करते हुए एक रिपोर्ट मुख्य सचिव को सौंपी है. केंद्रीय सतर्कता आयोग ने 17 फरवरी, 2020 की एक रिपोर्ट में लोक निर्माण विभाग की ओर से दिल्ली सरकार के स्कूलों में 2,400 से अधिक क्लास रूम के निर्माण में गंभीर अनियमितताओं का उल्लेख किया था.

160 की जगह हुआ 1214 शौचालयों का निर्माण : बता दें कि दिल्ली के सरकारी स्कूलों में नए कमरों और शौचालय के निर्माण में घोटाले की शिकायत पर जांच में देरी को लेकर उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने अगस्त माह में नाराजगी जताई थी. उन्होंने मुख्य सचिव से जांच रिपोर्ट सौंपने को कहा था. शिकायत की शुरुआती जांच में पाया गया कि 194 स्कूलों में आवश्यक 160 के मुकाबले 1214 शौचालयों का निर्माण किया गया, जिससे 37 करोड़ रुपये अतिरिक्त खर्च हुए. सीवीसी की ओर से सतर्कता विभाग के सचिव को 17 फरवरी 2020 को रिपाेर्ट भेजी गई थी.


क्या थी अनियमितता की शिकायत :-

• सीवीसी को 25.07.2019 को दिल्ली सरकार के स्कूलों में अतिरिक्त कक्षा कक्षों के निर्माण में अनियमितताओं और लागत में वृद्धि के संबंध में एक शिकायत प्राप्त हुई थी.

• बेहतरी के नाम पर बिना निविदा के निर्माण लागत 90 फीसदी तक बढ़ गई.

• दिल्ली सरकार ने बिना टेंडर के 500 करोड़ रुपये की लागत बढ़ाने की मंजूरी दी.

• जीएफआर और सीपीडब्ल्यूडी वर्क्स मैनुअल का खुला उल्लंघन.

• निर्माण की खराब गुणवत्ता और अधूरा कार्य.

Last Updated : Nov 25, 2022, 1:05 PM IST
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