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नन्हीं बच्ची के इलाज के लिए डॉक्टर ने अपनाया हैरतअंगेज रास्ता, हर तरफ चर्चा

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Published : Aug 30, 2019, 6:46 PM IST

Updated : Aug 30, 2019, 10:54 PM IST

11 माह की बच्ची के उपचार के लिए डॉक्टरों को उसकी डॉल की पहले पट्टी करनी पड़ी. दरअसल बच्ची का अपनी डॉल से इतना लगाव था कि वो उसके उपचार को देखने के बाद ही वो अपना उपचार करने दे रही थी.

डॉल के साथ किया गया बच्ची का ट्रीटमेंट

नई दिल्ली: राजधानी के लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में ऐसा अनोखा मामला सामने आया है. जिसे सुनने के बाद हर कोई हैरान है. 11 महीने की बच्ची के पैर में फ्रैक्चर के बाद प्लास्टर करना था लेकिन पहले उनकी डॉल गुड़िया का प्लास्टर करना पड़ा तब कहीं जाके बच्ची का प्लास्टर किया जा सका. है ना बेहद दिलचस्प.

इलाज के लिए डॉक्टर ने अपनाया हैरतअंगेज रास्ता

11 माह की बच्ची के उपचार के लिए डॉक्टरों को उसकी डॉल का पहले फैक्चर की पट्टी करनी पड़ी. दरअसल बच्ची का अपनी डॉल से इतना लगाव था कि वो उसके उपचार को देखने के बाद ही वो अपना उपचार करने दे रही थी.

हड्डी विभाग के डॉ. अतुल गुप्ता ने बताया कि बच्ची के परिजन दरियागंज के रहने वाले हैं. उनकी 11 महीने की बच्ची फरीन को अस्पताल में लेकर आए थे. उन्होंने बताया कि वह खेल-खेल में बेड से नीचे गिर गई थी. जिसके बाद उसके पैर में फैक्चर आया था. लेकिन उपचार के दौरान बच्ची काफी रो रही थी.

interesting treatment of 11 months old girl in Lnjp hospital with her doll
डॉल के साथ किया गया बच्ची का ट्रीटमेंट

जिससे बच्ची के पैर का प्लास्टर लगाने में डॉक्टरों को मुश्किल हो रही थी. इसी बीच बच्ची ने अपनी डॉल अस्पताल लाने की मांग की. जिसके बाद परिजन डॉल को अस्पताल लेकर आए तो वो थोड़ा खुश हो गई.
डॉक्टर ने बताया कि ये देखा गया कि बच्ची का अपनी डॉल से काफी लगाव है, जिसके बाद डॉल को इंजेक्शन पहले दिया गया. उसके बाद बच्ची को इंजेक्शन दिया गया. डॉक्टरों ने इंजेक्शन देने के बाद पहले डॉल के पैर में प्लास्टर चढ़ाया और फिर बच्ची के पैरों को प्लास्टर कर उसकी पट्टी की. बच्ची ने जब देखा कि उसकी डॉल का भी इलाज हो रहा है तो वो जरा भी नहीं रोई. न ही उसने डॉक्टरों को इलाज करने में परेशान किया.

interesting treatment of 11 months old girl in Lnjp hospital with her doll
पहले डॉल का किया ट्रीटमेंट, फिर बच्ची का हुआ इलाज

दादी ने दी थी डॉल
परिजनों ने बताया कि जब फरीन दो महीने की थी तब उसकी दादी ने यह डॉल उसे गिफ्ट में दी थी. तब से उसका डॉल से काफी लगाव रहा है. परिजनों इस बात पर अब भी यकीन नहीं कर पा रहे कि डॉल से लगाव बच्ची का इतना चौंकाने वाला कैसे हो सकता है.

फिलहाल बच्ची का अब उपचार चल रहा है. उसके उपचार से परिजन और डॉक्टर भी खुश हैं.

नई दिल्ली: राजधानी के लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में ऐसा अनोखा मामला सामने आया है. जिसे सुनने के बाद हर कोई हैरान है. 11 महीने की बच्ची के पैर में फ्रैक्चर के बाद प्लास्टर करना था लेकिन पहले उनकी डॉल गुड़िया का प्लास्टर करना पड़ा तब कहीं जाके बच्ची का प्लास्टर किया जा सका. है ना बेहद दिलचस्प.

इलाज के लिए डॉक्टर ने अपनाया हैरतअंगेज रास्ता

11 माह की बच्ची के उपचार के लिए डॉक्टरों को उसकी डॉल का पहले फैक्चर की पट्टी करनी पड़ी. दरअसल बच्ची का अपनी डॉल से इतना लगाव था कि वो उसके उपचार को देखने के बाद ही वो अपना उपचार करने दे रही थी.

हड्डी विभाग के डॉ. अतुल गुप्ता ने बताया कि बच्ची के परिजन दरियागंज के रहने वाले हैं. उनकी 11 महीने की बच्ची फरीन को अस्पताल में लेकर आए थे. उन्होंने बताया कि वह खेल-खेल में बेड से नीचे गिर गई थी. जिसके बाद उसके पैर में फैक्चर आया था. लेकिन उपचार के दौरान बच्ची काफी रो रही थी.

interesting treatment of 11 months old girl in Lnjp hospital with her doll
डॉल के साथ किया गया बच्ची का ट्रीटमेंट

जिससे बच्ची के पैर का प्लास्टर लगाने में डॉक्टरों को मुश्किल हो रही थी. इसी बीच बच्ची ने अपनी डॉल अस्पताल लाने की मांग की. जिसके बाद परिजन डॉल को अस्पताल लेकर आए तो वो थोड़ा खुश हो गई.
डॉक्टर ने बताया कि ये देखा गया कि बच्ची का अपनी डॉल से काफी लगाव है, जिसके बाद डॉल को इंजेक्शन पहले दिया गया. उसके बाद बच्ची को इंजेक्शन दिया गया. डॉक्टरों ने इंजेक्शन देने के बाद पहले डॉल के पैर में प्लास्टर चढ़ाया और फिर बच्ची के पैरों को प्लास्टर कर उसकी पट्टी की. बच्ची ने जब देखा कि उसकी डॉल का भी इलाज हो रहा है तो वो जरा भी नहीं रोई. न ही उसने डॉक्टरों को इलाज करने में परेशान किया.

interesting treatment of 11 months old girl in Lnjp hospital with her doll
पहले डॉल का किया ट्रीटमेंट, फिर बच्ची का हुआ इलाज

दादी ने दी थी डॉल
परिजनों ने बताया कि जब फरीन दो महीने की थी तब उसकी दादी ने यह डॉल उसे गिफ्ट में दी थी. तब से उसका डॉल से काफी लगाव रहा है. परिजनों इस बात पर अब भी यकीन नहीं कर पा रहे कि डॉल से लगाव बच्ची का इतना चौंकाने वाला कैसे हो सकता है.

फिलहाल बच्ची का अब उपचार चल रहा है. उसके उपचार से परिजन और डॉक्टर भी खुश हैं.

Intro:11 माह की बच्ची के इलाज के लिए पहले उसकी डॉल का करना पड़ा प्लास्टर

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल में ऐसा अनोखा मामला सामने आया है. जहां पर 11 माह की बच्ची के उपचार के लिए डॉक्टरों को उसकी डॉल का पहले फैक्चर की पट्टी करनी पड़ी. दरअसल बच्ची का अपनी डॉल से इतना लगा था कि वह उसके उपचार को देखने के बाद ही अपना उपचार करने दे रही थी.Body: हड्डी विभाग के डॉ अतुल गुप्ता ने बताया कि बच्ची के परिजन दरियागंज के रहने वाले हैं.उनकी 11 महीने की बच्ची फरीन को अस्पताल में लेकर आए थे.उन्होंने बताया कि वह खेल खेल में बेड से नीचे गिर गई थी.जिसके बाद उसके पैर में फैक्चर आया था.लेकिन उपचार के दौरान बच्ची काफी रुओ रही थी.जिससे बच्ची के पैर का प्लास्टर लगाने में डॉक्टरों को मुश्किल हो रही थी.इस बाबत बच्ची लगातार अपनी डॉल अस्पताल लाने की मांग कर रही थी.इसके बाद परिजन डॉल को अस्पताल लाए. तो वह थोड़ा खुश हुई.डॉक्टर ने बताया कि इस बाबत यह देखा गया कि बच्ची का डॉल से काफी लगाव है, जिसके बाद डॉल को इंजेक्शन पहले दिया, उसके बाद बच्ची को.इस बात को देख वह बिल्कुल नहीं रोइ.इसे देख सभी भौचक्के रह गए.डॉक्टरों ने इस बाबत पहले डॉल को पैर में फेक्चर चढ़ाया और उसके बाद बच्ची के. जिसके बाद बच्ची अपनी डॉल को देख इलाज करा रही है.

दो माह की थी बच्ची तब दी थी नानी ने डॉल
परिजनों ने बताया कि जब फरीन दो माह की थी तब उसकी दादी ने यह डॉल उसे गिफ्ट में दी थी.तब से उसका डॉल से काफी लगाव था.परिजन इस बात से भौचक्के हैं कि बच्ची का इस तरह डॉल से लगाव होना बेहद ही चौकाने वाला है.Conclusion:फिलहाल बच्ची का अब उपचार चल रहा है.उसके उपचार से परिजन और डॉक्टर भी खुश हैं.
Last Updated : Aug 30, 2019, 10:54 PM IST
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