नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में निगम मुख्यालय सिविक सेंटर में आगामी वित्तीय वर्ष के लिए एकीकृत एमसीडी का पहला बजट पेश (First budget of integrated MCD presented) किया गया. कमिश्नर ज्ञानेश भारती ने विशेष अधिकारी को एकीकृत एमसीडी का पहला बजट सौंप दिया. इसे आचार संहिता लागू होने के चलते 15 दिसंबर तक सार्वजनिक नहीं किया जाएगा. ऐसा माना जा रहा है कि अधिकारियों द्वारा इस बार सामान्य बजट पेश किया गया है. क्योंकि सदन के गठन के बाद बजट में बड़े स्तर के बदलाव होने के अनुमान हैं.
दिल्ली एमसीडी का यह बजट इस बार कई मायनों में अहम माना जा रहा है, क्योंकि करीब 10 साल बाद एमसीडी द्वारा एकीकृत बजट इस साल पेश किया गया है. आगामी बजट को ना ही कमिश्नर सदन में पढ़ेंगे और ना ही पार्षद बजट को प्रस्तुत किए जाने के दौरान सदन में होंगे. भले ही एमसीडी चुनाव के नतीजे आ चुके हैं, लेकिन अभी तक कोरम का गठन नहीं हुआ है. इसीलिए फिलहाल बजट को फाइलों में सीधे स्पेशल ऑफिसर को भेज दिया गया है, जिसे 15 दिसंबर तक सार्वजनिक नहीं किया जाएगा. ऐसा इसलिए क्योंकि राजधानी दिल्ली में राज्य चुनाव आयोग ने आचार संहिता लागू रहने तक बजट को सार्वजनिक न करने के निर्देश दिए हैं.
बताया जा रहा है कि वित्तीय वर्ष 2023-24 के मद्देनजर जो बजट इस बार एमसीडी में प्रस्तुत किया गया है, वह पिछले बजट के लगभग बराबर का ही है. क्योंकि सदन के गठन के बाद बजट में बदलाव होने की पूरी संभावना है. इसको देखते हुए सामान्य बजट ही इस बार अधिकारियों द्वारा आगामी वित्तीय वर्ष को लेकर तैयार किया गया है. गौरतलब है कि एमसीडी का बीते वित्तीय वर्ष का बजट 15 हजार 276 करोड़ रुपये का था.