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किन बच्चों पर होगा वैक्सीन ट्रायल- क्या होगी प्रक्रिया, जानिए सबकुछ - बच्चों में वैक्सीन ट्रायल फेज एम्स दिल्ली

AIIMS में बच्चों के लिए वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल किया जा रहा है. इस ट्रायल के अंतर्गत 2 से 18 साल की उम्र के बच्चों को वैक्सीन लगाई जा रही है. इस ट्रायल को लेकर Principal investigator और Community Medicine Department के प्रोफेसर डॉ संजय कुमार राय ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

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AIIMS में बच्चों के लिए वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल
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Published : Jun 15, 2021, 4:05 PM IST

नई दिल्ली: ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) में बच्चों के लिए वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल किया जा रहा है. इस ट्रायल के अंतर्गत 2 से 18 साल की उम्र के बच्चों को वैक्सीन लगाई जा रही है. दिल्ली के एम्स अस्पताल में यह ट्रायल 7 जून से शुरू हुआ है, जिसमें पहले चरण के अंतर्गत 12 से 18 आयु वर्ग के बच्चों को परीक्षण के तौर पर वैक्सीन का पहला डोज़ दिया जा चुका है, जिसके बाद 15 जून से दूसरे चरण में 6 से 12 आयु वर्ग के बच्चों को वैक्सीन के ट्रायल में शामिल किया गया है.

तीन चरणों में होगा ट्रायल
इस वैक्सीन ट्रायल के Principal Investigator और Community Medicine Department के प्रोफेसर संजय कुमार राय ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि बच्चों के लिए वैक्सीन ट्रायल को तीन चरणों में बांटा गया है. पहले चरण में 12 से 18 आयु वर्ग के बच्चों को वैक्सीन लगाई गई है. दूसरे चरण में 6 से 12 आयु वर्ग के बच्चों को वैक्सीन लगाई जा रही है. वहीं तीसरे चरण में 2 से 6 आयु वर्ग के बच्चों को वैक्सीन लगाई जाएगी. इस ट्रायल में भारत बायोटेक की कोवैक्सीन बच्चों को लगाई जा रही है.
AIIMS में बच्चों के लिए वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल
बच्चों को देख-रेख में रखा गया
डॉक्टर संजय राय ने बताया कि बच्चों पर वैक्सीन का ट्रायल इसीलिए किया जा रहा है कि यह पता लगाया जा सके कि वैक्सीन बच्चों के लिए कितनी कारगर है, क्योंकि बच्चों पर वैक्सीन को लेकर कोई भी डाटा हमारे पास उपलब्ध नहीं है. इसी कड़ी में बच्चों को वैक्सीन लगाई जा रही है. उन्होंने बताया कि पहले चरण के अंतर्गत 12 से 18 आयु वर्ग के बच्चों को वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है. इस उम्र के बच्चों को वैक्सीन दिए जाने के बाद किसी भी तरीके का रिएक्शन या परेशानी देखने को नहीं मिली. बच्चों को ऑब्जर्वेशन में रखा गया था. अब 28 दिन के बाद इन बच्चों को वैक्सीन की दूसरी डोज दी जाएगी.
पूरी तरह से स्वस्थ बच्चे ही ट्रायल में शामिल
डॉ संजय राय ने बताया कि 15 जून से दूसरे चरण में 6 से 12 आयु वर्ग के उन्हीं बच्चों की स्क्रीनिंग की जा रही है, जो बच्चे पूरी तरीके से स्वस्थ हैं. किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित नहीं हैं. साथ ही उन्हें कोरोना नहीं हुआ है, या उनके परिवार में कोई भी कोरोना संक्रमित नहीं है. उन्हीं बच्चों को इस ट्रायल में शामिल किया गया है. इस क्राइटेरिया में जो बच्चे आते हैं, उनको ही वैक्सीन दी जायेगी. साथ ही उन्होंने बताया कि इस उम्र के बच्चों को वैक्सीन की डोज दिए जाने के बाद 7 से 8 दिन तक हमारी टीम उन्हें ऑब्जर्वेशन में रखेगी. हालांकि किसी भी बच्चे को अस्पताल में भर्ती नहीं किया जाएगा. घर पर रहकर ही उस पर नजर रखी जाएगी.
डरने की आवश्यकता नहीं
वैक्सीनेशन ऑफिसर ने बताया कि बच्चों पर वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल के अंतर्गत हर चरण में 175 बच्चों को शामिल किया जा रहा है. कुल 525 बच्चों को वैक्सीन लगाई जाएगी और पहले चरण में 12 से 18 आयु वर्ग के 175 किशोरों को कोवैक्सीन लगाई जा चुकी है और इनका डाटा रेगुलर अथॉरिटी को सौंप दिया गया है. इसके बाद अब दूसरे चरण में 6 से 12 आयु वर्ग के बच्चों को वैक्सीन लगाई जाएगी. साथ ही उन्होंने अभिभावकों से कहा कि इस ट्रायल या तीसरी लहर को लेकर बच्चों के लिए डरने की आवश्यकता नहीं है. बच्चों पर वैक्सीन का ट्रायल किया जा रहा है और उम्मीद है कि यह पूरी तरीके से कारगर होगा और जल्द ही हमारे सामने अच्छे नतीजे आएंगे.

नई दिल्ली: ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज (AIIMS) में बच्चों के लिए वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल किया जा रहा है. इस ट्रायल के अंतर्गत 2 से 18 साल की उम्र के बच्चों को वैक्सीन लगाई जा रही है. दिल्ली के एम्स अस्पताल में यह ट्रायल 7 जून से शुरू हुआ है, जिसमें पहले चरण के अंतर्गत 12 से 18 आयु वर्ग के बच्चों को परीक्षण के तौर पर वैक्सीन का पहला डोज़ दिया जा चुका है, जिसके बाद 15 जून से दूसरे चरण में 6 से 12 आयु वर्ग के बच्चों को वैक्सीन के ट्रायल में शामिल किया गया है.

तीन चरणों में होगा ट्रायल
इस वैक्सीन ट्रायल के Principal Investigator और Community Medicine Department के प्रोफेसर संजय कुमार राय ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में बताया कि बच्चों के लिए वैक्सीन ट्रायल को तीन चरणों में बांटा गया है. पहले चरण में 12 से 18 आयु वर्ग के बच्चों को वैक्सीन लगाई गई है. दूसरे चरण में 6 से 12 आयु वर्ग के बच्चों को वैक्सीन लगाई जा रही है. वहीं तीसरे चरण में 2 से 6 आयु वर्ग के बच्चों को वैक्सीन लगाई जाएगी. इस ट्रायल में भारत बायोटेक की कोवैक्सीन बच्चों को लगाई जा रही है.
AIIMS में बच्चों के लिए वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल
बच्चों को देख-रेख में रखा गया
डॉक्टर संजय राय ने बताया कि बच्चों पर वैक्सीन का ट्रायल इसीलिए किया जा रहा है कि यह पता लगाया जा सके कि वैक्सीन बच्चों के लिए कितनी कारगर है, क्योंकि बच्चों पर वैक्सीन को लेकर कोई भी डाटा हमारे पास उपलब्ध नहीं है. इसी कड़ी में बच्चों को वैक्सीन लगाई जा रही है. उन्होंने बताया कि पहले चरण के अंतर्गत 12 से 18 आयु वर्ग के बच्चों को वैक्सीन की पहली डोज दी जा चुकी है. इस उम्र के बच्चों को वैक्सीन दिए जाने के बाद किसी भी तरीके का रिएक्शन या परेशानी देखने को नहीं मिली. बच्चों को ऑब्जर्वेशन में रखा गया था. अब 28 दिन के बाद इन बच्चों को वैक्सीन की दूसरी डोज दी जाएगी.
पूरी तरह से स्वस्थ बच्चे ही ट्रायल में शामिल
डॉ संजय राय ने बताया कि 15 जून से दूसरे चरण में 6 से 12 आयु वर्ग के उन्हीं बच्चों की स्क्रीनिंग की जा रही है, जो बच्चे पूरी तरीके से स्वस्थ हैं. किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित नहीं हैं. साथ ही उन्हें कोरोना नहीं हुआ है, या उनके परिवार में कोई भी कोरोना संक्रमित नहीं है. उन्हीं बच्चों को इस ट्रायल में शामिल किया गया है. इस क्राइटेरिया में जो बच्चे आते हैं, उनको ही वैक्सीन दी जायेगी. साथ ही उन्होंने बताया कि इस उम्र के बच्चों को वैक्सीन की डोज दिए जाने के बाद 7 से 8 दिन तक हमारी टीम उन्हें ऑब्जर्वेशन में रखेगी. हालांकि किसी भी बच्चे को अस्पताल में भर्ती नहीं किया जाएगा. घर पर रहकर ही उस पर नजर रखी जाएगी.
डरने की आवश्यकता नहीं
वैक्सीनेशन ऑफिसर ने बताया कि बच्चों पर वैक्सीन के क्लिनिकल ट्रायल के अंतर्गत हर चरण में 175 बच्चों को शामिल किया जा रहा है. कुल 525 बच्चों को वैक्सीन लगाई जाएगी और पहले चरण में 12 से 18 आयु वर्ग के 175 किशोरों को कोवैक्सीन लगाई जा चुकी है और इनका डाटा रेगुलर अथॉरिटी को सौंप दिया गया है. इसके बाद अब दूसरे चरण में 6 से 12 आयु वर्ग के बच्चों को वैक्सीन लगाई जाएगी. साथ ही उन्होंने अभिभावकों से कहा कि इस ट्रायल या तीसरी लहर को लेकर बच्चों के लिए डरने की आवश्यकता नहीं है. बच्चों पर वैक्सीन का ट्रायल किया जा रहा है और उम्मीद है कि यह पूरी तरीके से कारगर होगा और जल्द ही हमारे सामने अच्छे नतीजे आएंगे.
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