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Delhi Cold Wave: अस्पतालों में 70% सांस के मरीज, बुजुर्ग और प्रेग्नेंट महिलाएं ऐसे बचें

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Published : Jan 11, 2023, 10:47 PM IST

Updated : Jan 12, 2023, 7:05 AM IST

राजधानी दिल्ली में इन दिनों जबर्दस्त ठंड पर रही है. वहीं अस्पतालों में सांस संबंधी मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. सर गंगाराम अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि इन दिनों सुबह घर से बाहर निकलने से बचना चाहिए. साथ ही घर से निकलें तो पतला मास्क जरूर पहनें. (Increased number of respiratory patients due to cold wave)

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नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में पिछले 23 सालों के इतिहास में तीसरी बार सबसे जबर्दस्त शीतलहर दर्ज की गई है. वहीं, स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अस्पतालों में आपातकालीन वार्ड और ओपीडी में सांस और हृदय संबंधी समस्याओं वाले अधिक मरीज देखे जा रहे हैं. उनका कहना है कि ठंड और वायु प्रदूषण के कारण इन बीमारियों का खतरा लगातार बढ़ रहा है. (Increased number of respiratory patients due to cold wave)

सर गंगाराम अस्पताल के मेडिसिन एचओडी और वाइस प्रेसिडेंट डॉ. एसपी ब्योत्रा ​​ने बताया, "सर्दियों में सांस संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि सर्दियों में हर तरफ धुंध छाया रहता है और इस धुंध में कई प्रदूषित कण मौजूद होते हैं, जिससे कई बीमारियां हो सकती है. इसमें सर्दी, खांसी, दस्त, बुखार और निमोनिया की समस्या बढ़ सकती है. इसके साथ ही दूसरे संक्रमण भी होने की आशंका बढ़ जाती है. गंगाराम अस्पताल में इन बीमारियों के मरीजों की संख्या भी बढ़ गई है."

डॉ. ब्योत्रा ने बताया, "इन दिनों 70 से 80 प्रतिशत मरीज वे हैं, जिन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं जैसे अस्थमा की समस्या है. सर्दियों के दिनों में इस तरह की समस्याएं और भी बढ़ जाती है क्योंकि लोग धुंध के बीच प्रदूषित हवाओं को ग्रहण करते हैं. इस धुंध में धूल के कण होते हैं." उन्होंने बताया कि इस समय में प्रेग्नेंट महिलाओं में सबसे अधिक समस्याएं देखने को मिलती है. उनमें समय से पहले बच्चे को जन्म देना अथवा बच्चे को जन्म देने में समस्याएं सामने आती है. इसके अलावा उनमें हार्ट अटैक और स्ट्रोक के मामले भी देखे जाते हैं.

पिछले 23 सालों के इतिहास में तीसरी बार सबसे सर्द दिल्ली.
पिछले 23 सालों के इतिहास में तीसरी बार सबसे सर्द दिल्ली.

धूप हो तभी बाहर निकले प्रेग्नेंट महिलाएंः डॉ. ब्योत्रा ने आगे बताया कि प्रेग्नेंट महिलाओं को हल्का धूप निकलने के बाद ही घर से बाहर निकलना चाहिए. वहीं अन्य लोगों को पतला मास्क पहनकर बाहर निकलना चाहिए. इसी तरह हमें आंखों को भी कुछ सुरक्षा देनी होगी. लोगों को पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ लेने चाहिए. तरल पदार्थ को गर्म करके लेना फायदेमंद होता है. जैसे शहद और नींबू के साथ पानी और पौष्टिक भोजन का सेवन जरूर करना चाहिए. प्राणायाम जैसे सांस संबंधी एक्सरसाइज किया जा सकता है. इससे काफी मदद मिलती है.

ये भी पढ़ेंः देश का सबसे प्रदूषित शहर दिल्ली, 10 सबसे प्रदूषित शहरों में तीन NCR के

खान-पान ठीक रखें हार्ट पेशेंटः सर गंगाराम अस्पताल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अरुण मोहंती के अनुसार, हृदय रोग से पीड़ित लोगों को सर्दियों में अपने आहार का ध्यान रखने की आवश्यकता होती है क्योंकि उन्हें हृदय रोग जैसे दिल का दौरा पड़ने का खतरा होता है. उन्होंने बताया कि इसके साथ ही जो लोग हृदय रोग से पीड़ित नहीं हैं, उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है. बल्कि कुछ बातों का ध्यान रखने की जरूरत है. सर्दियों में अपना खान-पान बेहतर रखें और रोजाना व्यायाम करें, तो उन्हें हृदय रोग का खतरा नहीं रहेगा. इसके अलावा, ठंड में बाहर जाने से बचें और ठंड में बाहर जॉगिंग और व्यायाम न करें.

(इनपुटः ANI)

ये भी पढ़ेंः पंजाब से बिहार तक आज भी घना कोहरा, कई उड़ाने और ट्रेनें प्रभावित

नई दिल्लीः राजधानी दिल्ली में पिछले 23 सालों के इतिहास में तीसरी बार सबसे जबर्दस्त शीतलहर दर्ज की गई है. वहीं, स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि अस्पतालों में आपातकालीन वार्ड और ओपीडी में सांस और हृदय संबंधी समस्याओं वाले अधिक मरीज देखे जा रहे हैं. उनका कहना है कि ठंड और वायु प्रदूषण के कारण इन बीमारियों का खतरा लगातार बढ़ रहा है. (Increased number of respiratory patients due to cold wave)

सर गंगाराम अस्पताल के मेडिसिन एचओडी और वाइस प्रेसिडेंट डॉ. एसपी ब्योत्रा ​​ने बताया, "सर्दियों में सांस संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है, क्योंकि सर्दियों में हर तरफ धुंध छाया रहता है और इस धुंध में कई प्रदूषित कण मौजूद होते हैं, जिससे कई बीमारियां हो सकती है. इसमें सर्दी, खांसी, दस्त, बुखार और निमोनिया की समस्या बढ़ सकती है. इसके साथ ही दूसरे संक्रमण भी होने की आशंका बढ़ जाती है. गंगाराम अस्पताल में इन बीमारियों के मरीजों की संख्या भी बढ़ गई है."

डॉ. ब्योत्रा ने बताया, "इन दिनों 70 से 80 प्रतिशत मरीज वे हैं, जिन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं जैसे अस्थमा की समस्या है. सर्दियों के दिनों में इस तरह की समस्याएं और भी बढ़ जाती है क्योंकि लोग धुंध के बीच प्रदूषित हवाओं को ग्रहण करते हैं. इस धुंध में धूल के कण होते हैं." उन्होंने बताया कि इस समय में प्रेग्नेंट महिलाओं में सबसे अधिक समस्याएं देखने को मिलती है. उनमें समय से पहले बच्चे को जन्म देना अथवा बच्चे को जन्म देने में समस्याएं सामने आती है. इसके अलावा उनमें हार्ट अटैक और स्ट्रोक के मामले भी देखे जाते हैं.

पिछले 23 सालों के इतिहास में तीसरी बार सबसे सर्द दिल्ली.
पिछले 23 सालों के इतिहास में तीसरी बार सबसे सर्द दिल्ली.

धूप हो तभी बाहर निकले प्रेग्नेंट महिलाएंः डॉ. ब्योत्रा ने आगे बताया कि प्रेग्नेंट महिलाओं को हल्का धूप निकलने के बाद ही घर से बाहर निकलना चाहिए. वहीं अन्य लोगों को पतला मास्क पहनकर बाहर निकलना चाहिए. इसी तरह हमें आंखों को भी कुछ सुरक्षा देनी होगी. लोगों को पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ लेने चाहिए. तरल पदार्थ को गर्म करके लेना फायदेमंद होता है. जैसे शहद और नींबू के साथ पानी और पौष्टिक भोजन का सेवन जरूर करना चाहिए. प्राणायाम जैसे सांस संबंधी एक्सरसाइज किया जा सकता है. इससे काफी मदद मिलती है.

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खान-पान ठीक रखें हार्ट पेशेंटः सर गंगाराम अस्पताल के वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. अरुण मोहंती के अनुसार, हृदय रोग से पीड़ित लोगों को सर्दियों में अपने आहार का ध्यान रखने की आवश्यकता होती है क्योंकि उन्हें हृदय रोग जैसे दिल का दौरा पड़ने का खतरा होता है. उन्होंने बताया कि इसके साथ ही जो लोग हृदय रोग से पीड़ित नहीं हैं, उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है. बल्कि कुछ बातों का ध्यान रखने की जरूरत है. सर्दियों में अपना खान-पान बेहतर रखें और रोजाना व्यायाम करें, तो उन्हें हृदय रोग का खतरा नहीं रहेगा. इसके अलावा, ठंड में बाहर जाने से बचें और ठंड में बाहर जॉगिंग और व्यायाम न करें.

(इनपुटः ANI)

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Last Updated : Jan 12, 2023, 7:05 AM IST
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