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JNU अकादमिक काउंसिल की हुई अहम बैठक, स्नातक चार साल करने पर हुई चर्चा

JNU अकादमिक काउंसिल की अहम बैठक हुई. इसमें स्नातक चार साल करने के साथ ही कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. वहीं जेएनयू शिक्षक संघ ने बैठक पर विरोध जताया.

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Published : Nov 20, 2020, 3:21 AM IST

Updated : Nov 20, 2020, 5:48 AM IST

JNU Academic Council
JNU अकादमिक काउंसिल

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में अकादमिक काउंसिल की 155वीं बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में स्नातक पाठ्यक्रम की अवधि 3 साल से बढ़ाकर 4 साल करने, नई शिक्षा नीति लागू करने के लिए कमेटी गठित करने, पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी तरह से ऑनलाइन कराने सहित कई मुद्दों पर चर्चा हुई. वहीं जेएनयू रेक्टर 1 प्रोफेसर चिंतामणि महापात्रा ने कहा कि अकादमिक काउंसिल (एसी) की इस बैठक में पारित हुए निर्णय को एग्जीक्यूटिव काउंसिल (ईसी) में प्रस्तावित किया जाएगा और ईसी से मंजूरी मिलने के बाद ही इन्हें कार्यान्वित किया जाएगा.

JNU अकादमिक काउंसिल की बैठक

शिक्षा नीति सहित कई मुद्दों पर हुई चर्चा

जेएनयू में अकादमिक काउंसिल की हुई बैठक को लेकर जेएनयू के रेक्टर 1 प्रोफेसर चिंतामणि महापात्रा ने बताया कि अकादमिक काउंसिल की बैठक ऑनलाइन आयोजित की गई जिसमें नई शिक्षा नीति लागू करने सहित कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई.

उन्होंने कहा कि इस बैठक में एक कमेटी के गठन पर सहमति बनी है जो नई शिक्षा नीति लागू करने में आ रही अड़चनों को दूर करेगी. साथ ही नई शिक्षा नीति को किस तरह लागू किया जाए इस पर अपने सुझाव भी देगी. उन्होंने बताया कि इस कमेटी में जेएनयू के विभिन्न स्कूलों और केंद्रों के डीन शामिल होंगे.

स्नातक पाठ्यक्रम की अवधि बढ़ाने पर हुई चर्चा

प्रोफेसर चिंतामणि ने कहा कि इस बैठक में स्नातक पाठ्यक्रम की अवधि को भी बढ़ाने पर चर्चा की गई जिसके तहत स्नातक पाठ्यक्रम को 3 वर्ष के बजाय 4 वर्ष करने और उसके आगामी परिणामों पर चर्चा हुई. इसके अलावा पाठ्यक्रम में संशोधन किए जाने, फैकल्टी स्तर पर आने वाली चुनौतियों सहित क्लास मैनेजमेंट आदि पर भी चर्चा हुई.

पोस्टग्रेजुएशन की पढ़ाई ऑनलाइन कराने को लेकर मांगे सुझाव

प्रोफेसर चिंतामणि ने बताया कि इस बैठक में इस बात पर भी चर्चा की गई कि पोस्ट ग्रेजुएशन के जिन कोर्सेज में लैबोरेट्री प्रैक्टिकल परीक्षा की आवश्यकता नहीं होती उसकी पढ़ाई पूरी तरह से ऑनलाइन कराई जाए. इसको लेकर सभी स्कूलों व केंद्रों के डीन से सुझाव भी मांगे गए हैं.

इसके अलावा आर्थिक स्तर पर कमजोर वर्ग के छात्रों को शिक्षा के बेहतर अवसर देने की विश्वविद्यालय की नीति को और बेहतर बनाने, विदेशी छात्रों के लिए सीटों की संख्या बढ़ाने सहित कई अहम मुद्दों पर भी चर्चा की गई.

जेएनयू में स्थापित होगा मॉलिक्यूलर डेटा का हब

जेएनयू कुलपति प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार ने कहा कि जेएनयू स्पेशल सेंटर फॉर सिस्टम्स मेडिसिन स्थापित करेगा जिसके तहत यह केंद्र क्लीनिकल व मॉलिक्युलर डाटा को विकसित करने के लिए राष्ट्रीय हब के तौर पर काम करेगा.

जेएनयू शिक्षक संघ ने बैठक पर जताया विरोध

अकादमिक काउंसिल की हुई इस बैठक का जेएनयू शिक्षक संघ ने विरोध किया है. शिक्षक संघ का कहना है कि जहां एक ओर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति जेएनयू के छात्रों और शिक्षकों की प्रशंसा करते हैं तो वहीं दूसरी ओर जेएनयू प्रशासन ने अकादमिक काउंसिल की हुई इतनी अहम बैठक में शिक्षक संघ और छात्र संघ के प्रतिनिधि को शामिल करना भी जरूरी नहीं समझा.

शिक्षक संघ ने कहा कि इस तरह की बैठकों में हुई चर्चा शिक्षक संघ के लिए मायने नहीं रखती और यदि जेएनयू प्रशासन छात्रों और शिक्षकों के भविष्य से संबंधित कोई अहम निर्णय लेता है तो जरूरी है कि उसमें छात्र संघ और शिक्षक संघ के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे.

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में अकादमिक काउंसिल की 155वीं बैठक आयोजित की गई. इस बैठक में स्नातक पाठ्यक्रम की अवधि 3 साल से बढ़ाकर 4 साल करने, नई शिक्षा नीति लागू करने के लिए कमेटी गठित करने, पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी तरह से ऑनलाइन कराने सहित कई मुद्दों पर चर्चा हुई. वहीं जेएनयू रेक्टर 1 प्रोफेसर चिंतामणि महापात्रा ने कहा कि अकादमिक काउंसिल (एसी) की इस बैठक में पारित हुए निर्णय को एग्जीक्यूटिव काउंसिल (ईसी) में प्रस्तावित किया जाएगा और ईसी से मंजूरी मिलने के बाद ही इन्हें कार्यान्वित किया जाएगा.

JNU अकादमिक काउंसिल की बैठक

शिक्षा नीति सहित कई मुद्दों पर हुई चर्चा

जेएनयू में अकादमिक काउंसिल की हुई बैठक को लेकर जेएनयू के रेक्टर 1 प्रोफेसर चिंतामणि महापात्रा ने बताया कि अकादमिक काउंसिल की बैठक ऑनलाइन आयोजित की गई जिसमें नई शिक्षा नीति लागू करने सहित कई अहम मुद्दों पर चर्चा की गई.

उन्होंने कहा कि इस बैठक में एक कमेटी के गठन पर सहमति बनी है जो नई शिक्षा नीति लागू करने में आ रही अड़चनों को दूर करेगी. साथ ही नई शिक्षा नीति को किस तरह लागू किया जाए इस पर अपने सुझाव भी देगी. उन्होंने बताया कि इस कमेटी में जेएनयू के विभिन्न स्कूलों और केंद्रों के डीन शामिल होंगे.

स्नातक पाठ्यक्रम की अवधि बढ़ाने पर हुई चर्चा

प्रोफेसर चिंतामणि ने कहा कि इस बैठक में स्नातक पाठ्यक्रम की अवधि को भी बढ़ाने पर चर्चा की गई जिसके तहत स्नातक पाठ्यक्रम को 3 वर्ष के बजाय 4 वर्ष करने और उसके आगामी परिणामों पर चर्चा हुई. इसके अलावा पाठ्यक्रम में संशोधन किए जाने, फैकल्टी स्तर पर आने वाली चुनौतियों सहित क्लास मैनेजमेंट आदि पर भी चर्चा हुई.

पोस्टग्रेजुएशन की पढ़ाई ऑनलाइन कराने को लेकर मांगे सुझाव

प्रोफेसर चिंतामणि ने बताया कि इस बैठक में इस बात पर भी चर्चा की गई कि पोस्ट ग्रेजुएशन के जिन कोर्सेज में लैबोरेट्री प्रैक्टिकल परीक्षा की आवश्यकता नहीं होती उसकी पढ़ाई पूरी तरह से ऑनलाइन कराई जाए. इसको लेकर सभी स्कूलों व केंद्रों के डीन से सुझाव भी मांगे गए हैं.

इसके अलावा आर्थिक स्तर पर कमजोर वर्ग के छात्रों को शिक्षा के बेहतर अवसर देने की विश्वविद्यालय की नीति को और बेहतर बनाने, विदेशी छात्रों के लिए सीटों की संख्या बढ़ाने सहित कई अहम मुद्दों पर भी चर्चा की गई.

जेएनयू में स्थापित होगा मॉलिक्यूलर डेटा का हब

जेएनयू कुलपति प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार ने कहा कि जेएनयू स्पेशल सेंटर फॉर सिस्टम्स मेडिसिन स्थापित करेगा जिसके तहत यह केंद्र क्लीनिकल व मॉलिक्युलर डाटा को विकसित करने के लिए राष्ट्रीय हब के तौर पर काम करेगा.

जेएनयू शिक्षक संघ ने बैठक पर जताया विरोध

अकादमिक काउंसिल की हुई इस बैठक का जेएनयू शिक्षक संघ ने विरोध किया है. शिक्षक संघ का कहना है कि जहां एक ओर प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति जेएनयू के छात्रों और शिक्षकों की प्रशंसा करते हैं तो वहीं दूसरी ओर जेएनयू प्रशासन ने अकादमिक काउंसिल की हुई इतनी अहम बैठक में शिक्षक संघ और छात्र संघ के प्रतिनिधि को शामिल करना भी जरूरी नहीं समझा.

शिक्षक संघ ने कहा कि इस तरह की बैठकों में हुई चर्चा शिक्षक संघ के लिए मायने नहीं रखती और यदि जेएनयू प्रशासन छात्रों और शिक्षकों के भविष्य से संबंधित कोई अहम निर्णय लेता है तो जरूरी है कि उसमें छात्र संघ और शिक्षक संघ के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे.

Last Updated : Nov 20, 2020, 5:48 AM IST
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