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आयुर्वेद के डॉक्टरों को सर्जरी की अनुमति पर IMA का विरोध जारी, 7 अप्रैल को जागरुकता अभियान

आयुर्वेद के डॉक्टरों को सर्जरी की अनुमति दिए जाने को लेकर IMA लगातार विरोध कर रहा है. इसको लेकर वे 7 अप्रैल को 'वर्ल्ड हेल्थ डे' के मौके पर जागरुकता अभियान चलाने जा रहे हैं.

IMA will run awareness campaign on mixopathy in world health day in delhi
आयुर्वेद के डॉक्टरों को सर्जरी की अनुमति पर IMA का विरोध जारी
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Published : Feb 25, 2021, 4:18 AM IST

नई दिल्ली: आयुर्वेद के डॉक्टरों को सर्जरी की अनुमति दिए जाने को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन इसे एलोपैथी और आयुर्वेद का मिश्रण यानी मिक्सोपैथी करार दे रहा है. जिसको लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की तरफ से लगातार आवाज उठाई जा रही है और इसका विरोध किया जा रहा है. अब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कहा है कि आने वाले 7 अप्रैल पर 'वर्ल्ड हेल्थ डे' के मौके पर mixopathy को लेकर लोगों के बीच अपनी आवाज बुलंद करेंगे.

आयुर्वेद के डॉक्टरों को सर्जरी की अनुमति पर IMA का विरोध जारी
मिक्सोपैथी को लेकर जागरूकता अभियान IMA के पूर्व अध्यक्ष डॉ विनय अग्रवाल ने बताया एक्शन कमेटी के साथ बैठक की जा रही है, हम हर एक शहर में इस मिक्सोपैथी को लेकर जागरूकता अभियान चलाएंगें. वहीं वर्ल्ड हेल्थ डे के मौके पर भी लोगों को यह बताया जाएगा कि किस तरीके से आयुर्वेद को एलोपैथी में मिलाकर ना केवल इसे खत्म करने की कोशिश की जा रही है बल्कि मॉडर्न मेडिसिन को इससे बड़ा नुकसान हो रहा है.'आयुर्वेद को खत्म करने की कोशिश'डॉ अग्रवाल ने कहा कि हम आयुर्वेद का आदर करते हैं उसका सम्मान करते हैं, आयुर्वेद सबसे पुरानी विधि है. आज सरकार के इस फैसले से ना केवल मॉडर्न मेडिसिन बल्कि पुराने आयुर्वेद के डॉक्टर खासा नाराज है. क्योंकि इसके जरिए आयुर्वेद को खत्म करने की कोशिश की जा रही है.

जनता का होगा नुकसान

डॉक्टर ने कहा कि सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन की तरफ से जो नोटिफिकेशन जारी किया गया है. वह सरकार के इस फैसले को और ज्यादा परेशान करने वाला है, क्योंकि यदि आयुर्वेद के डॉक्टर सर्जरी कर रहे हैं सरकार उन्हें सर्जन की उपाधि दे रही है तो आयुर्वेद में ही दी जाए ना कि एलोपैथी में, क्योंकि इससे जनता का नुकसान होगा.

नई दिल्ली: आयुर्वेद के डॉक्टरों को सर्जरी की अनुमति दिए जाने को लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन इसे एलोपैथी और आयुर्वेद का मिश्रण यानी मिक्सोपैथी करार दे रहा है. जिसको लेकर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की तरफ से लगातार आवाज उठाई जा रही है और इसका विरोध किया जा रहा है. अब इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने कहा है कि आने वाले 7 अप्रैल पर 'वर्ल्ड हेल्थ डे' के मौके पर mixopathy को लेकर लोगों के बीच अपनी आवाज बुलंद करेंगे.

आयुर्वेद के डॉक्टरों को सर्जरी की अनुमति पर IMA का विरोध जारी
मिक्सोपैथी को लेकर जागरूकता अभियान IMA के पूर्व अध्यक्ष डॉ विनय अग्रवाल ने बताया एक्शन कमेटी के साथ बैठक की जा रही है, हम हर एक शहर में इस मिक्सोपैथी को लेकर जागरूकता अभियान चलाएंगें. वहीं वर्ल्ड हेल्थ डे के मौके पर भी लोगों को यह बताया जाएगा कि किस तरीके से आयुर्वेद को एलोपैथी में मिलाकर ना केवल इसे खत्म करने की कोशिश की जा रही है बल्कि मॉडर्न मेडिसिन को इससे बड़ा नुकसान हो रहा है.'आयुर्वेद को खत्म करने की कोशिश'डॉ अग्रवाल ने कहा कि हम आयुर्वेद का आदर करते हैं उसका सम्मान करते हैं, आयुर्वेद सबसे पुरानी विधि है. आज सरकार के इस फैसले से ना केवल मॉडर्न मेडिसिन बल्कि पुराने आयुर्वेद के डॉक्टर खासा नाराज है. क्योंकि इसके जरिए आयुर्वेद को खत्म करने की कोशिश की जा रही है.

जनता का होगा नुकसान

डॉक्टर ने कहा कि सेंट्रल काउंसिल ऑफ इंडियन मेडिसिन की तरफ से जो नोटिफिकेशन जारी किया गया है. वह सरकार के इस फैसले को और ज्यादा परेशान करने वाला है, क्योंकि यदि आयुर्वेद के डॉक्टर सर्जरी कर रहे हैं सरकार उन्हें सर्जन की उपाधि दे रही है तो आयुर्वेद में ही दी जाए ना कि एलोपैथी में, क्योंकि इससे जनता का नुकसान होगा.

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