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बिना OTP वाले ATM कार्ड हैं घातक! जरूरी है नई तकनीक की ये जानकारी

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया (ICAI) के पदाधिकारी राजीव गुप्ता ने नई तकनीक वाले एटीएम कार्ड के दुरुपयोग की बात कही. उन्होंने इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी.

ATM fraud
ATM फ्रॉड
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Published : Dec 7, 2019, 11:39 AM IST

नई दिल्ली: देशभर में कई बैंक ऐसे एटीएम कार्ड लेकर आये हैं जिनका इस्तेमाल छोटे ट्रांजेक्शन के लिए बिना ओटीपी किया जा सकता है. इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया (ICAI) के पदाधिकारी राजीव गुप्ता ने बताया कि अब इनका भी दुरुपयोग होने लगा है. उन्होंने इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी.

बिना ओटीपी वाले एटीएम कार्ड का हो रहा है दुरुपयोग

बता दें कि बैंक नये एटीएम कार्ड लेकर आये हैं. इनसे दो हजार रुपये तक के ट्रांजेक्शन में ओटीपी की आवश्यकता नहीं होती. ऐसे कार्ड को केवल मशीन पर टच कर अमाउंट डालना होता है. चंद सेकेंड में ये रकम बैंक खाते से कट जाती है. बैंक ये कार्ड सुविधा के लिए लाए थे, ताकि जालसाज छोटे ट्रांजेक्शन के दौरान ओटीपी या पासवर्ड न देख सकें. हालांकि अब इसका भी दुरुपयोग होने लगा है.

जेब में कार्ड, निकल गई रकम !

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया के पदाधिकारी राजीव गुप्ता ने बताया कि हाल ही में ऐसा मामला सामने आया है जब जेब में एटीएम कार्ड रखा हुआ था और पीछे से मशीन लगाकर उससे दो हजार रुपये निकाल लिए गए. ये इसलिए संभव हुआ क्योंकि दो हजार से कम के ट्रांजेक्शन के लिए ओटीपी की आवश्यकता ही नहीं है.

उस शख्स को पता भी नहीं लगा कि उसके कार्ड से ट्रांजेक्शन हो गया. इस तरह की एटीएम ठगी के मामले की अभी शुरुआत है जो भविष्य में धीरे-धीरे बढ़ने लगेंगे.

राजीव गुप्ता ने कहा-

तकनीक जिस तरीके से आ रही है उसके साथ ही दुरुपयोग को रोकने का भी काम करना होगा. जब कभी तकनीक को लोगों के बीच लाया जाए तो उससे पहले इस बात का अच्छे से पता कर लेना चाहिए कि इसके क्या दुरुपयोग हो सकते हैं. इन दुरुपयोगों को रोकने का प्रयास किया जाए और इसके बाद ही लोगों के पास इस तरह की तकनीक दी जाए. इससे ठगी के मामलों में काफी कमी आएगी.

नई दिल्ली: देशभर में कई बैंक ऐसे एटीएम कार्ड लेकर आये हैं जिनका इस्तेमाल छोटे ट्रांजेक्शन के लिए बिना ओटीपी किया जा सकता है. इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया (ICAI) के पदाधिकारी राजीव गुप्ता ने बताया कि अब इनका भी दुरुपयोग होने लगा है. उन्होंने इसके बारे में विस्तार से जानकारी दी.

बिना ओटीपी वाले एटीएम कार्ड का हो रहा है दुरुपयोग

बता दें कि बैंक नये एटीएम कार्ड लेकर आये हैं. इनसे दो हजार रुपये तक के ट्रांजेक्शन में ओटीपी की आवश्यकता नहीं होती. ऐसे कार्ड को केवल मशीन पर टच कर अमाउंट डालना होता है. चंद सेकेंड में ये रकम बैंक खाते से कट जाती है. बैंक ये कार्ड सुविधा के लिए लाए थे, ताकि जालसाज छोटे ट्रांजेक्शन के दौरान ओटीपी या पासवर्ड न देख सकें. हालांकि अब इसका भी दुरुपयोग होने लगा है.

जेब में कार्ड, निकल गई रकम !

इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया के पदाधिकारी राजीव गुप्ता ने बताया कि हाल ही में ऐसा मामला सामने आया है जब जेब में एटीएम कार्ड रखा हुआ था और पीछे से मशीन लगाकर उससे दो हजार रुपये निकाल लिए गए. ये इसलिए संभव हुआ क्योंकि दो हजार से कम के ट्रांजेक्शन के लिए ओटीपी की आवश्यकता ही नहीं है.

उस शख्स को पता भी नहीं लगा कि उसके कार्ड से ट्रांजेक्शन हो गया. इस तरह की एटीएम ठगी के मामले की अभी शुरुआत है जो भविष्य में धीरे-धीरे बढ़ने लगेंगे.

राजीव गुप्ता ने कहा-

तकनीक जिस तरीके से आ रही है उसके साथ ही दुरुपयोग को रोकने का भी काम करना होगा. जब कभी तकनीक को लोगों के बीच लाया जाए तो उससे पहले इस बात का अच्छे से पता कर लेना चाहिए कि इसके क्या दुरुपयोग हो सकते हैं. इन दुरुपयोगों को रोकने का प्रयास किया जाए और इसके बाद ही लोगों के पास इस तरह की तकनीक दी जाए. इससे ठगी के मामलों में काफी कमी आएगी.

Intro:नई दिल्ली
देशभर में कई बैंक ऐसे एटीएम कार्ड लेकर आये हैं जिनका इस्तेमाल छोटे ट्रांजेक्शन के लिए बिना ओटीपी किया जा सकता है. लेकिन अब इनका भी दुरुपयोग होने लगा है. यह कहना है इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टेड अकॉउंटेंट ऑफ इंडिया के पदाधिकारी राजीव गुप्ता का. उन्होंने बताया कि इस तरह की ठगी में राशि छोटी होने के चलते काफी लोग शिकायत भी नहीं करते.


Body:जानकारी के अनुसार बैंक नये एटीएम कार्ड लेकर आये हैं जिनसे दो हजार रुपये तक के ट्रांजेक्शन में ओटीपी की आवश्यकता नहीं होती. ऐसे कार्ड को केवल मशीन पर टच कर राशि डालनी होती है. चंद सेकंड में यह रकम बैंक खाते से कट जाती है. यह कार्ड बैंक सुविधा के लिए लाए थे ताकि जालसाज छोटे ट्रांजेक्शन के दौरान ओटीपी या पासवर्ड न देख सकें. लेकिन अब इसका भी दुरुपयोग होने लगा है.



जेब में कार्ड, निकल गई रकम
इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया के पदाधिकारी राजीव गुप्ता ने बताया कि हाल ही में ऐसा मामला सामने आया है जब जेब में एटीएम कार्ड रखा हुआ था और पीछे से मशीन लगाकर उससे दो हजार रुपये निकाल लिए गए. यह इसलिए संभव हुआ क्योंकि दो हजार से कम के ट्रांजैक्शन के लिए ओटीपी की आवश्यकता ही नहीं है. उस शख्स को पता भी नहीं लगा कि उसके कार्ड से ट्रांजैक्शन हो गया. इस तरह की ठगी के मामले की अभी शुरुआत है जो भविष्य में धीरे-धीरे बढ़ने लगेंगे.





Conclusion:तकनीक के साथ दुरुपयोग रोकना होगा
राजीव गुप्ता ने कहा कि तकनीक जिस तरीके से आ रही है उसके साथ ही उसके दुरुपयोग को रोकने का भी काम करना होगा. उन्होंने बताया कि जब कभी तकनीक को लोगों के बीच लाया जाए तो उससे पहले इस बात का अच्छे से पता कर लेना चाहिए कि इसके क्या दुरुपयोग हो सकते हैं. इन दुरुपयोग को रोकने का प्रयास किया जाए और इसके बाद ही लोगों के पास इस तरह की तकनीक दी जानी चाहिए. इससे ठगी के मामलों में काफी कमी आएगी.
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