नई दिल्ली : दिल्ली में बदलते मौसम के साथ दिल्ली और उसके आसपास के सटे इलाकों में AQI लगातार खराब हो रहा है. बढ़ते प्रदूषण को लेकर लोगों को कई तरह की बीमारियां होने का भी खतरा बढ़ रहा है. दिल्ली में लगातार बढ़ते प्रदूषण के बीच सबसे ज्यादा खतरा सांस के रोगियों बुजुर्गों और बच्चों पर ज्यादा बढ़ रहा है. बढ़ते प्रदूषण को लेकर किस तरह सतर्कता बरतनी चाहिए, इसको लेकर ईटीवी भारत की टीम ने सांस रोग विशेषज्ञ और हेल्थ एक्सपर्ट से बातचीत की जानिए डॉक्टर्स की सलाह.
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बीएलके हॉस्पिटल के पलमोनरी डिपार्मेंट के एचओडी डॉक्टर संदीप नायर ने ईटीवी भारत से बात करते हुए बताया है कि दिल्ली में लगातार प्रदूषण की समस्या गंभीर होती जा रही है. जो खास तौर पर बुजुर्गों और अस्थमा के रोगियों के लिए घातक साबित हो रही है. डॉक्टर संदीप नायर का कहना है कि क्रोनिक ब्रोंकाइटिस और अस्थमा जैसी सांस संबंधी समस्याओं से पीड़ित लोग अपनी दवाएं नियमित रूप से लें और जब तक बहुत जरूरी न हो, खुले में न जाएं
घरों में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करने की सलाहः उन्होंने लोगों को अपने घरों में एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करने की सलाह दी. साथ ही उनका कहना है कि बुजुर्गों को और खास तौर पर अस्थमा के रोगियों को घर से बिल्कुल बाहर नहीं निकलना चाहिए. मॉर्निंग वॉक पर जो लोग सुबह शाम जाते हैं उन्हें भी घर पर ही व्यायाम करना चाहिए. क्योंकि जब वह हवा में निकलेंगे बाहर के मौसम में जाएंगे तो जहरीली हवा सांस के द्वारा उनके शरीर में फैलेगी और वह नुकसानदायक है.
जरूरी काम हो तभी बाहर निकलेः इसके अलावा जिन लोगों की दवा चल रही है उन्हें नियमित तौर पर दवा समय पर लेनी चाहिए. हमारे पास भी इस समय सांस के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है, जो नियमित दवा ले रहे थे. उन्हें भी समस्या हो रही है. दिल्ली में पॉल्यूशन का लेवल लगातार बढ़ रहा है. इसलिए युवाओं और बच्चों से अपील है कि फेस्टिवल सीजन है ऐसे में जरूरी काम हो तभी बाहर निकले अन्यथा घर में रहे और मास्क का उपयोग करें.
डाइट में हरी सब्जियां और ताजे फलों को शामिल करेंः इस तरह की स्थिति में आपको अपने खानपान पर भी ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है. ऐसे में जितना हो सके अपनी डाइट में हरी सब्जियां और ताजे फलों को शामिल करें. इन्हें खाने से पहले अच्छी तरह से धो लें. इस समय लोगों को ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए .
गर्भवती महिलाओं को बाहर निकलने से बचना चाहिएः यह पॉल्यूशन गर्भवती महिलाओं पर भी ज्यादा इफेक्ट करता है, क्योंकि गर्भवती महिलाओं की सांसों में जा रहा प्रदूषण खून के जरिए बच्चों पर भी इफेक्ट करता है. इसलिए उन्हें भी इससे बचना चाहिए. अगर किसी को समस्या आ रही है तो अपने नजदीकी अस्पताल जाकर चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए.
आंखों को पॉल्यूशन से बचाने के लिए लगाएं चश्माः हेल्थ एक्सपर्ट डॉक्टर समीर भाटी ने बताया कि ज्यादातर पॉल्यूशन के समय हमारी आंखों में जलन होने लगती है आंखें सूजने लगती है. गले में दिक्कत होती है. सबसे ज्यादा पॉल्यूशन हमारे लंग्स और हार्ट के ऊपर असर डालता है. सभी की इम्युनिटी के ऊपर यह सब डिपेंड करता है जिन लोगों की आंखों में जलन सूजन या दिक्कत परेशानी हो रही है. उन्हें अच्छे सनग्लासेस का उपयोग करना चाहिए. चश्मा हर समय लगाए रहना चाहिए.
घर पर ही योग या व्यायाम करेंः और ज्यादा घर से बाहर न निकले. घर पर ही योग या व्यायाम कर लेना चाहिए, क्योंकि बाहर की हवा बहुत ज्यादा प्रदूषित है. जिसकी वजह से हमें गंभीर बीमारियां भी हो रही है, जिससे बचने की कोशिश करनी चाहिए