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Eye Flu In Delhi: आई फ्लू से कैसे खुद का करें बचाव, शिक्षा विभाग ने जारी की एडवाइजरी

राजधानी में आई फ्लू के बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली शिक्षा विभाग ने अपने स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए एक दिशा-निर्देश जारी किया है. इसमें आई फ्लू से बचाव को लेकर जानकारी दी गई है.

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Published : Jul 28, 2023, 11:02 AM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में आई फ्लू की दस्तक और बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली सरकार की शिक्षा विभाग ने अपने एक हजार से अधिक स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है. शिक्षा विभाग ने आई फ्लू से बचाव के संबंध में कुछ जरूरी दिशा-निर्देश दिए हैं. इसमें कहा गया है कि भारी बारिश के चलते जलभराव और बाढ़ के बाद लोगों में आई फ्लू का प्रकोप फैल गया है. पिछले कुछ दिनों में आई फ्लू के मामले अधिक संख्या में सामने आ रहे हैं.

यह एलर्जी या बैक्टीरिया या वायरल संक्रमण के कारण हो सकता है. आई फ्लू बेहद संक्रामक हो सकता है और आंखों से निकलने वाले स्राव के संपर्क में आने से फैलता है. संक्रमण से होने वाली असुविधा से बचने के लिए आंखों की सुरक्षा करना जरूरी है. व्यक्ति को अच्छी स्वच्छता बनाए रखनी चाहिए, जिसमें हाथ धोना और गंदे हाथों से आंखों को छूने से बचना चाहिए. किसी को निजी सामान जैसे तौलिया, लेंस या चश्मा साझा करने से भी बचना चाहिए.

क्या है आई फ्लू
कंजंक्टिवाइटिस आंखों की एक बीमारी है, जिसे आंख आना भी कहते हैं. कंजंक्टिवाइटिस होने पर आंखें लाल होने के साथ ही उनमें सूजन भी आ जाती है.
संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से, दूषित जगह को छूने या संपर्क में आने से, दूषित तौलिए का इस्तेमाल करने से तथा दूषित पानी में तैरने आदि से कंजंक्टिवाइटिस हो सकता है.

कंजक्टिवाइटिस के लक्षण
आँखों में लालिमा, दर्द या किरकिरापन महसूस होना, लाइट से परेशानी होना, आंख से पीला पानी आना, आँखों में कीचड़ जमा हो जाना, पलकों का लाल हो जाना और सूजी हुई पलकें इत्यादि.


कंजक्टिवाइटिस से कैसे करें बचाव
बार-बार हाथ धोना, आँखों को छूने या रगड़ने से बचना, दूषित पानी में तैरने से बचना. बचाव के लिए चश्मा पहनना. लक्षण दिखने पर डॉक्टर की सलाह लें.

आई फ्लू को कम करने के उपाय
आंखों में खुजली और जलन होने पर आई ड्रॉ का इस्तेमाल करें. रूई को पानी में भिगोकर दिन में दो बार पलकों पर जमे हुए चिपचिपे आई डिस्चार्ज को साफ करें. यदि एक आँख संक्रमित नहीं है तो दोनों आंखों के लिए एक ही आई ड्राप का इस्तेमाल करने से बचें. पलकों और चेहरे को माइल्ड साबुन से धोएं. आंखो को रगड़े नहीं क्योंकि यह गंभीर हो सकता है. आंखों में आई ड्रॉप डालने से पहले हाथ को साफ कर लें.

शिक्षा विभाग ने अपने सभी स्कूलों के प्रमुखों से कहा है कि वे यह निर्देश सभी छात्रों को दें और इसका कड़ाई से पालन कराएं. अगर स्कूल में कोई छात्र आई फ्लू की समस्या से जूझ रहा है तो क्लास टीचर इसकी जानकारी स्कूल प्रमुख को दें.

ये भी पढ़ें: द‍िल्‍ली में बढ़ा आई फ्लू का खतरा, AIIMS में हर रोज पहुंच रहे सैकड़ों मरीज, जानें लक्षण और बचाव के उपाय

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में आई फ्लू की दस्तक और बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली सरकार की शिक्षा विभाग ने अपने एक हजार से अधिक स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों के लिए एक एडवाइजरी जारी की है. शिक्षा विभाग ने आई फ्लू से बचाव के संबंध में कुछ जरूरी दिशा-निर्देश दिए हैं. इसमें कहा गया है कि भारी बारिश के चलते जलभराव और बाढ़ के बाद लोगों में आई फ्लू का प्रकोप फैल गया है. पिछले कुछ दिनों में आई फ्लू के मामले अधिक संख्या में सामने आ रहे हैं.

यह एलर्जी या बैक्टीरिया या वायरल संक्रमण के कारण हो सकता है. आई फ्लू बेहद संक्रामक हो सकता है और आंखों से निकलने वाले स्राव के संपर्क में आने से फैलता है. संक्रमण से होने वाली असुविधा से बचने के लिए आंखों की सुरक्षा करना जरूरी है. व्यक्ति को अच्छी स्वच्छता बनाए रखनी चाहिए, जिसमें हाथ धोना और गंदे हाथों से आंखों को छूने से बचना चाहिए. किसी को निजी सामान जैसे तौलिया, लेंस या चश्मा साझा करने से भी बचना चाहिए.

क्या है आई फ्लू
कंजंक्टिवाइटिस आंखों की एक बीमारी है, जिसे आंख आना भी कहते हैं. कंजंक्टिवाइटिस होने पर आंखें लाल होने के साथ ही उनमें सूजन भी आ जाती है.
संक्रमित लोगों के संपर्क में आने से, दूषित जगह को छूने या संपर्क में आने से, दूषित तौलिए का इस्तेमाल करने से तथा दूषित पानी में तैरने आदि से कंजंक्टिवाइटिस हो सकता है.

कंजक्टिवाइटिस के लक्षण
आँखों में लालिमा, दर्द या किरकिरापन महसूस होना, लाइट से परेशानी होना, आंख से पीला पानी आना, आँखों में कीचड़ जमा हो जाना, पलकों का लाल हो जाना और सूजी हुई पलकें इत्यादि.


कंजक्टिवाइटिस से कैसे करें बचाव
बार-बार हाथ धोना, आँखों को छूने या रगड़ने से बचना, दूषित पानी में तैरने से बचना. बचाव के लिए चश्मा पहनना. लक्षण दिखने पर डॉक्टर की सलाह लें.

आई फ्लू को कम करने के उपाय
आंखों में खुजली और जलन होने पर आई ड्रॉ का इस्तेमाल करें. रूई को पानी में भिगोकर दिन में दो बार पलकों पर जमे हुए चिपचिपे आई डिस्चार्ज को साफ करें. यदि एक आँख संक्रमित नहीं है तो दोनों आंखों के लिए एक ही आई ड्राप का इस्तेमाल करने से बचें. पलकों और चेहरे को माइल्ड साबुन से धोएं. आंखो को रगड़े नहीं क्योंकि यह गंभीर हो सकता है. आंखों में आई ड्रॉप डालने से पहले हाथ को साफ कर लें.

शिक्षा विभाग ने अपने सभी स्कूलों के प्रमुखों से कहा है कि वे यह निर्देश सभी छात्रों को दें और इसका कड़ाई से पालन कराएं. अगर स्कूल में कोई छात्र आई फ्लू की समस्या से जूझ रहा है तो क्लास टीचर इसकी जानकारी स्कूल प्रमुख को दें.

ये भी पढ़ें: द‍िल्‍ली में बढ़ा आई फ्लू का खतरा, AIIMS में हर रोज पहुंच रहे सैकड़ों मरीज, जानें लक्षण और बचाव के उपाय

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