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Cyber Crime: साइबर क्राइम से बचना है तो इन बातों का रखें ध्यान..

देश में पिछले कुछ साल में जहां डिजिटल लेनदेन बढ़ा है, तो वहीं साइबर अपराध के मामले बढ़े हैं. ऐसे में ठगों से खुद को बचाने के लिए साइबर क्राइम थाना की प्रभारी निरीक्षक रीता यादव ने कुछ टिप्स दिए हैं.

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Published : Jun 5, 2023, 10:27 PM IST

साइबर क्राइम से बचने के टिप्स देतीं साइबर थाना प्रभारी रीता यादव

नई दिल्ली/नोएडा: इंटरनेट की दुनिया जितनी उपयोगी है, उतनी ही जोखिम भरी भी. यहां आप पलक झपकते कोई भी जानकारी पा सकते हैं, तो पलक झपकते ही आपका अकाउंट भी खाली हो सकता है. इस डिजिटलाइजेशन के जामने में ठगों से बचने के लिए नोएडा के सेक्टर 36 स्थित साइबर क्राइम थाना की प्रभारी निरीक्षक रीता यादव ने साइबर अपराध करने वालों के संबंध में जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि साइबर क्राइम करने वाले हमेशा लोगों से ऐसी बातें करते हैं, जिसमें लोगों का लाभ छिपा हो. कुछ लोग चंद पैसों की लालच में आकर अपने ऑनलाइन सारे डेटा बड़े ही आसानी से साइबर अपराध करने वालों को दे देते हैं, जिसका फायदा उठाते हुए साइबर फ्रॉड करने वाले आपके सारे पैसे निकाल लेते हैं.

फ्री में नहीं देता है कोई किसी को पैसा: प्रभारी निरीक्षक रीता यादव ने बताया कि आज के समय में कोई भी व्यक्ति किसी को फ्री में पैसा नहीं देता है. साइबर अपराध करने वाले लोगों को लुभावने ऑफर देकर उन्हें अधिक कमाई का लालच देते हैं, जिस के लालच में आकर लोग फंसते हैं और साइबर ठगी का शिकार होते हैं. कभी भी किसी भी वेबसाइट, सोशल मीडिया या अन्य तरीके से आप से कोई संपर्क करता है, तो काफी सूझबूझ के साथ अनजान व्यक्ति से बात करें. साथ ही कभी भी अनजान नंबर पर वीडियो कॉल ना उठाएं. इसके साथ ही अनजान व्यक्ति से बात के दौरान कभी भी उसके झांसे में ना आए और ना ही अपनी किसी भी गोपनीय बात को उससे साझा करें. खासतौर से बैंक अकाउंट, पारिवारिक डिटेल सहित अन्य चीजें.

इसे भी पढ़ें: बेटी की शादी में ज्वेलर ने थमाए नकली गहने, ससुराल वाले गिरवी रखने गए तो हुआ खुलासा

अकाउंट नंबर, ओटीपी किसी को न बताएं: साइबर थाना प्रभारी का कहना साइबर क्राइम थाना प्रभारी का कहना है कि साइबर अपराध से बचना है तो जागरुकता सबसे बड़ी प्राथमिकता है. कभी भी अपने बैंक का अकाउंट नंबर, एटीएम का पासवर्ड, मोबाइल पर आया हुआ ओटीपी, अनजान नंबर से आया हुआ लिंक या फिर केवाईसी, क्रेडिट कार्ड सहित अन्य चीजों के अपडेट किए जाने से संबंधित किसी प्रकार का फोन आने पर उससे कोई भी जानकारी साझा ना करें. अनजान नंबर उठाने से पूर्व फोन करने वाले के संबंध में पूरी जानकारी पहले ले फिर उससे बात करें. अनजान नंबर पर बात जरूर करें पर किसी प्रकाश से उनके झांसे में ना आए. इसके साथ ही साइबर ठगी करने वालों के प्रलोभन दिए जाने के बाद भी आप उसमे ना फंसे, तभी आप साइबर ठगी से बच सकते हैं.

इसे भी पढ़ें: इलाहाबाद हाईकोर्ट में नौकरी लगाने के नाम पर ठगी, रिटायर्ड दरोगा और वकील के खिलाफ FIR

साइबर क्राइम से बचने के टिप्स देतीं साइबर थाना प्रभारी रीता यादव

नई दिल्ली/नोएडा: इंटरनेट की दुनिया जितनी उपयोगी है, उतनी ही जोखिम भरी भी. यहां आप पलक झपकते कोई भी जानकारी पा सकते हैं, तो पलक झपकते ही आपका अकाउंट भी खाली हो सकता है. इस डिजिटलाइजेशन के जामने में ठगों से बचने के लिए नोएडा के सेक्टर 36 स्थित साइबर क्राइम थाना की प्रभारी निरीक्षक रीता यादव ने साइबर अपराध करने वालों के संबंध में जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि साइबर क्राइम करने वाले हमेशा लोगों से ऐसी बातें करते हैं, जिसमें लोगों का लाभ छिपा हो. कुछ लोग चंद पैसों की लालच में आकर अपने ऑनलाइन सारे डेटा बड़े ही आसानी से साइबर अपराध करने वालों को दे देते हैं, जिसका फायदा उठाते हुए साइबर फ्रॉड करने वाले आपके सारे पैसे निकाल लेते हैं.

फ्री में नहीं देता है कोई किसी को पैसा: प्रभारी निरीक्षक रीता यादव ने बताया कि आज के समय में कोई भी व्यक्ति किसी को फ्री में पैसा नहीं देता है. साइबर अपराध करने वाले लोगों को लुभावने ऑफर देकर उन्हें अधिक कमाई का लालच देते हैं, जिस के लालच में आकर लोग फंसते हैं और साइबर ठगी का शिकार होते हैं. कभी भी किसी भी वेबसाइट, सोशल मीडिया या अन्य तरीके से आप से कोई संपर्क करता है, तो काफी सूझबूझ के साथ अनजान व्यक्ति से बात करें. साथ ही कभी भी अनजान नंबर पर वीडियो कॉल ना उठाएं. इसके साथ ही अनजान व्यक्ति से बात के दौरान कभी भी उसके झांसे में ना आए और ना ही अपनी किसी भी गोपनीय बात को उससे साझा करें. खासतौर से बैंक अकाउंट, पारिवारिक डिटेल सहित अन्य चीजें.

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अकाउंट नंबर, ओटीपी किसी को न बताएं: साइबर थाना प्रभारी का कहना साइबर क्राइम थाना प्रभारी का कहना है कि साइबर अपराध से बचना है तो जागरुकता सबसे बड़ी प्राथमिकता है. कभी भी अपने बैंक का अकाउंट नंबर, एटीएम का पासवर्ड, मोबाइल पर आया हुआ ओटीपी, अनजान नंबर से आया हुआ लिंक या फिर केवाईसी, क्रेडिट कार्ड सहित अन्य चीजों के अपडेट किए जाने से संबंधित किसी प्रकार का फोन आने पर उससे कोई भी जानकारी साझा ना करें. अनजान नंबर उठाने से पूर्व फोन करने वाले के संबंध में पूरी जानकारी पहले ले फिर उससे बात करें. अनजान नंबर पर बात जरूर करें पर किसी प्रकाश से उनके झांसे में ना आए. इसके साथ ही साइबर ठगी करने वालों के प्रलोभन दिए जाने के बाद भी आप उसमे ना फंसे, तभी आप साइबर ठगी से बच सकते हैं.

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