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कोरोना के बीच कैसे हो विधानसभा का मानसून सत्र, मंथन शुरू

कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर सत्र बुलाना किसी चुनौती से कम नहीं है. इसलिए दिल्ली विधानसभा अब मानसून सत्र को लेकर मंथन शुरू कर चुका है.

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Published : Jul 17, 2020, 3:59 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा का मानसून सत्र बुलाने को लेकर मंथन शुरू हो चुका है. दरअसल कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर सत्र बुलाना किसी चुनौती से कम नहीं है. क्योंकि विधानसभा के जिस मुख्य सभागार में सत्र बुलाया जाता है वहां सीटिंग अरेंजमेंट ऐसी नहीं है कि एक डेस्क पर एक विधायक बैठ सकें.

कोरोना के बीच कैसे हो विधानसभा का मानसून सत्र

बजट सत्र कुछ घंटों में हो गया था खत्म

कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए मार्च महीने में जब लॉकडाउन का ऐलान किया गया था. उसी दौरान विधानसभा का बजट सत्र पहले से 5 दिनों के लिए शेड्यूल था. मगर उससे पहले लॉकडाउन के ऐलान होने से बजट सत्र महज कुछ घंटों में ही सिमट कर रह गया था. 23 मार्च को वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने बजट टेबल कर दिया और बजट सत्र की समाप्ति कर दी गई.



मानसून सत्र बुलाए जाने पर माथापच्ची

अब मानसून सत्र बुलाना जरूरी है तो विधानसभा सचिवालय ने अन्य राज्यों से भी सत्र बुलाने के तौर-तरीकों को लेकर सुझाव मांगा है. दरअसल दो सत्रों के बीच में 6 महीने से अधिक का अंतराल नहीं होना चाहिए. इसलिए अगस्त महीने में विधानसभा का सत्र बुलाना जरूरी है. मगर इसकी रूपरेखा कैसे होगी? इस पर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है.

Delhi Assembly Speaker Ram Niwas Goel
दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल


विधानसभा में भी हो चुकी है कोरोना की एंट्री

कोरोना वायरस की चपेट में विधानसभा कार्यालय के कई कर्मचारी, विधानसभा अध्यक्ष के निजी सचिव तक आ चुके हैं. ऐसे में वायरस के खौफ से सत्र बुलाने में कोताही नहीं बरती जा सकती है. अन्य राज्य भी इस संबंध में क्या सोच रहे हैं? इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने पत्र लिखकर सुझाव मांगा है.


बता दें कि कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र 23 मार्च को बुलाया गया था लेकिन कोरोना के चलते उत्पन्न स्थिति को देखते हुए सत्र एक दिन का ही बुलाया गया. सत्र की शुरुआत के कुछ देर बाद वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली सरकार का बजट पेश किया और सत्र अनिश्चित काल तक के लिए स्थगित कर दिया गया था.

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा का मानसून सत्र बुलाने को लेकर मंथन शुरू हो चुका है. दरअसल कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर सत्र बुलाना किसी चुनौती से कम नहीं है. क्योंकि विधानसभा के जिस मुख्य सभागार में सत्र बुलाया जाता है वहां सीटिंग अरेंजमेंट ऐसी नहीं है कि एक डेस्क पर एक विधायक बैठ सकें.

कोरोना के बीच कैसे हो विधानसभा का मानसून सत्र

बजट सत्र कुछ घंटों में हो गया था खत्म

कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए मार्च महीने में जब लॉकडाउन का ऐलान किया गया था. उसी दौरान विधानसभा का बजट सत्र पहले से 5 दिनों के लिए शेड्यूल था. मगर उससे पहले लॉकडाउन के ऐलान होने से बजट सत्र महज कुछ घंटों में ही सिमट कर रह गया था. 23 मार्च को वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने बजट टेबल कर दिया और बजट सत्र की समाप्ति कर दी गई.



मानसून सत्र बुलाए जाने पर माथापच्ची

अब मानसून सत्र बुलाना जरूरी है तो विधानसभा सचिवालय ने अन्य राज्यों से भी सत्र बुलाने के तौर-तरीकों को लेकर सुझाव मांगा है. दरअसल दो सत्रों के बीच में 6 महीने से अधिक का अंतराल नहीं होना चाहिए. इसलिए अगस्त महीने में विधानसभा का सत्र बुलाना जरूरी है. मगर इसकी रूपरेखा कैसे होगी? इस पर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है.

Delhi Assembly Speaker Ram Niwas Goel
दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष राम निवास गोयल


विधानसभा में भी हो चुकी है कोरोना की एंट्री

कोरोना वायरस की चपेट में विधानसभा कार्यालय के कई कर्मचारी, विधानसभा अध्यक्ष के निजी सचिव तक आ चुके हैं. ऐसे में वायरस के खौफ से सत्र बुलाने में कोताही नहीं बरती जा सकती है. अन्य राज्य भी इस संबंध में क्या सोच रहे हैं? इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष रामनिवास गोयल ने पत्र लिखकर सुझाव मांगा है.


बता दें कि कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच दिल्ली विधानसभा का बजट सत्र 23 मार्च को बुलाया गया था लेकिन कोरोना के चलते उत्पन्न स्थिति को देखते हुए सत्र एक दिन का ही बुलाया गया. सत्र की शुरुआत के कुछ देर बाद वित्त मंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली सरकार का बजट पेश किया और सत्र अनिश्चित काल तक के लिए स्थगित कर दिया गया था.

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