नई दिल्ली: मौजूदा समय में दिल्ली एनसीआर के अधिकतर इलाकों का प्रदूषण स्तर "मॉडरेट" कैटिगरी और "पूअर" कैटेगरी में बना है. हर साल प्रदूषण की रोकथाम को लेकर तमाम दावे और वादे किए जाते हैं लेकिन अक्टूबर शुरू होते ही प्रदूषण का ग्राफ तेजी से ऊपर बढ़ने लगता है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि आगामी दिनों में अगर हवा की रफ्तार कम होती है तो एयर क्वालिटी इंडेक्स में इजाफा हो सकता है. एयर क्वालिटी इंडेक्स 200 के ऊपर पहुंचने पर सांस की नली और फेफड़ों पर सबसे ज्यादा असर पड़ता है अस्थमा और फेफड़ों का कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है. आइए जानते हैं क्या कहते हैं वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. बृजपाल त्यागी.
सवाल: प्रदूषित हवा में सांस लेने पर क्या होता है?
जवाब: एयर क्वालिटी इंडेक्स 200 के ऊपर पहुंचने पर लोगों को कई प्रकार की स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं हो सकती हैं. खासकर वह लोग जो पहले से किसी प्रकार की गंभीर बीमारी से ग्रसित है उनके लिए प्रदूषण बेहद खतरनाक साबित हो सकता है. फेफड़े खराब होने लगते हैं, सांस लेने में तकलीफ होती है, खांसी में खून आने लगता है, सही समय पर इलाज न मिले तो जानलेवा भी हो सकता है
सवाल: प्रदूषित हवा कैन-कौन सी बीमारियों का खतरा बढ़ा देती है?
जवाब: जब हम सांस लेते हैं तो नाक के माध्यम से कई प्रकार के प्रदूषण के कण फिल्टर होते हैं. जो कण फिल्टर नहीं हो पाते हैं और फाइन पार्टिकल्स होते हैं वह सांस के रास्ते ट्रैकिया से होते हुए लंग्स तक पहुंचते हैं. Pollutants के फाइन पार्टिकल्स लंग्स के alveoli में आकर इकट्ठे हो जाते हैं. इसके बाद alveoli काफी हद तक ब्लॉक हो जाती हैं. जिसकी वजह से खून में ऑक्सीजन का बहाव कम हो जाता है. ऐसे में हार्ट, सांस आदि की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. शरीर में ऑक्सीजन का लेवल गिरने लगता है. शरीर के विभिन्न ऑर्गन्स में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन न पहुंचने से ऑर्गन्स ठीक प्रकार से काम करने में असमर्थ होते हो जाते हैं. लंबे समय तक प्रदूषित हवा में सांस लेने से साइनाइटिस, लेरिन्जाइटिस, ट्रेकीआइटिस, ब्रोंकाइटिस आदि का खतरा बढ़ जाता हैं.
सवाल: प्रदूषित हवा से खुद को कैसे बचाएं?
जवाब: हवा में मौजूद PM 2.5, PM 10, कार्बन मोनोऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, नाइट्रस ऑक्साइड समेत कई प्रकार की गैसेस की मात्रा बढ़ने से हवा प्रदूषण हो जाती है. ऐसे में अगर घर से बाहर निकलते हैं तो एतिहात बरते. घर से निकलने पर कॉटन के ट्रिपल लेयर मस्क का प्रयोग कर सकते हैं. मास्क घर में तैयार कर सकते हैं. साथ ही मास्क को गीला करके पहनने से हवा में मौजूद पोल्यूटेंट्स सांस के रास्ते शरीर के अंदर नहीं जा पाएंगे. इसके साथ ही शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाना भी बेहद जरूरी है.
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