नई दिल्ली: 15 जून को मंडोली जेल में 62 साल के बुजुर्ग कैदी की मौत के बाद जेल प्रशासन सकते में आ गया है. जिसके कारण तिहाड़, रोहिणी और मंडोली जेल में 13000 से अधिक कैदियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए होम्योपैथिक उपचार का भी सहारा लिया जा रहा है. इन तीनों जेलों के तमाम कैदियों को जानलेवा वायरस से बचाव के लिए होम्योपैथिक दवाई दी गई है. ताकि कैदियों की इम्युनिटी पावर को बढ़ाया जा सके.
योगा कराने के साथ-साथ दे रही है होम्योपैथिक दवाई
जेल प्रशासन के अनुसार इस वक्त कैदियों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि वह लोग इस वायरस के संक्रमण से बच सकें. जेल प्रशासन को यह उम्मीद है कि योगा करने के साथ-साथ होम्योपैथिक दवाई भी कैदियों को कोरोना वायरस से लड़ने में मदद करेगी. इसके साथ ही कुछ कैदियों को गर्म पानी और काढ़ा भी दिया जा रहा है, जिससे कि वह स्वस्थ रहें.
प्रशासन को जानकारी देने के लिए दिए गए निर्देश
वहीं जेल प्रशासन ने कैदियों को यह निर्देश भी दिए हैं कि अगर किसी भी कैदी को कोई भी दिक्कत या परेशानी आती है. वह तुरंत प्रशासन को इस बात की जानकारी दें, जिससे कि समय रहते उसका उचित उपचार हो सके और वह सुरक्षित रह सके.
कैदियों में नहीं दिखे थे कोरोना के लक्षण
जेल प्रशासन का कहना है कि पिछले कुछ मामलों में जो कैदी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे, उनमें से किसी में भी कोरोना के लक्षण नहीं दिखाई दिए थे. ऐसे में उनके संपर्क में आने वाले तमाम जेल स्टाफ और कैदियों को भी क्वारंटाइन कर दिया गया है.