ETV Bharat / state

Art Exhibition: इंडिया हैबिटेट सेंटर में चित्रकला प्रदर्शनी, खूब पसंद की जारी हीरल सिंघल की पेंटिंग

चित्रकला एक ऐसी आर्ट है, जिसमें कलाकार अपने जज्बातों को रंगों के माध्यम से कैनवास पर उतरता है. हीरल एक स्पेशल बच्ची है. दिल्ली के श्रीराम स्कूल से 10 कक्षा तक पढ़ाई की है. हीरल महामारी के दौरान लगे लॉक डाउन में चित्रकारी करनी शुरू की.

इंडिया हैबिटेट सेंटर में चित्रकला प्रदर्शनी
इंडिया हैबिटेट सेंटर में चित्रकला प्रदर्शनी
author img

By

Published : May 27, 2023, 6:46 PM IST

इंडिया हैबिटेट सेंटर में चित्रकला प्रदर्शनी

नई दिल्ली: दिल्ली के लोदी रोड स्थित इंडिया हैबिटेट सेंटर में हीरल की पहली सोलो प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है. हीरल ने बताया कि उनको रंगों के साथ खेलना भी पसंद है. प्रदर्शनी में लगी अपनी एक पेंटिंग के बारे में बताया कि यह उनकी नई कला है, जिसका नाम फ्रेंड है. इसमें उन्होंने अपनी पसंद के सभी रंगों का इस्तेमाल किया है. उन्होंने बताया कि वह अपनी पेंटिंग को 30 मिनट में पूरा कर लेती हैं.

हीरल की मां पूनम सिंघल ने बताया कि बिटिया की जीवन में चित्रकारी का सफर काफी पहले शुरू हो गया था, लेकिन इसका आभास उसे कई वर्षों के बाद हुआ. जब हीरल 7 साल की थी, तब उन्होंने रंगों से खेलना शुरू किया था. उन्होंने पहले पढ़ाई पर जोर दिया. उसके बाद जब कोरोना ने देश में दस्तक दी और लॉकडाउन लग गया. उस दौरान हीरल ने फिर से रंग और ब्रश उठाए और मन में आई भावनाओं को खूबसूरत रूप दिया.

पूनम ने बताया कि हीरल ने शुरुआती दिनों में अपनी पेंटिंग को उनसे छुपा कर रखा. बाद में धीरे-धीरे उनको इस बात की जानकारी हुई कि हीरल बहुत सुंदर चित्रकारी करती है. उन्होंने हीरल की पेंटिंग को घर की दीवारों पर सजाना शुरू की. एक दफा कुछ गेस्ट आए और उन्होंने पेंटिंग की प्रदर्शनी लगाने की सलाह दी. इसके बाद पूनम ने लगभग 5 महीने पहले इंडिया हैबिटेट सेंटर में जगह के लिए अप्लाई किया. उन्होंने बताया कि हैबिटेट सेंटर में आने वाले सभी लोगों द्वारा पेंटिंग खूब पसंद की जा रही है. इसके अलावा लगभग 11 पेंटिंग्स की सेल भी हो चुकी है और कुछ नई पेंटिंग के ऑर्डर भी मिले हैं.

ये भी पढ़ें: आर्टिस्ट ने अपनी कला से कैनवास पर उतारे जीवन के 8 सत्य, नाम दिया- A Journey In Search of Truth

हीरल को पिछले साल पेंटिंग के लिए अवॉर्ड भी मिला था. हीरल एक डाउन सिंड्रोम नाम की बीमारी से ग्रस्त है. ये बीमारी जीवनभर रहती है. इसके बावजूद वह एक बेहतरीन चित्रकार के साथ खिलाड़ी भी है. वह बैडमिंटन और बास्केट बॉल भी खेलती है. चित्रकला के लिए किसी भी कलाकार की उम्र मायने नहीं रखता है. ऐसी ही एक चित्रकार हैं हीरल, जिन्होंने बिना किसी प्रशिक्षण के कैनवास पर रंगों का बखूबी इस्तेमाल किया है.

ये भी पढ़ें: Art Exhibition: त्रिवेणी कला संगम में चित्रकला प्रदर्शनी, दिखा घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं का दर्द

इंडिया हैबिटेट सेंटर में चित्रकला प्रदर्शनी

नई दिल्ली: दिल्ली के लोदी रोड स्थित इंडिया हैबिटेट सेंटर में हीरल की पहली सोलो प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है. हीरल ने बताया कि उनको रंगों के साथ खेलना भी पसंद है. प्रदर्शनी में लगी अपनी एक पेंटिंग के बारे में बताया कि यह उनकी नई कला है, जिसका नाम फ्रेंड है. इसमें उन्होंने अपनी पसंद के सभी रंगों का इस्तेमाल किया है. उन्होंने बताया कि वह अपनी पेंटिंग को 30 मिनट में पूरा कर लेती हैं.

हीरल की मां पूनम सिंघल ने बताया कि बिटिया की जीवन में चित्रकारी का सफर काफी पहले शुरू हो गया था, लेकिन इसका आभास उसे कई वर्षों के बाद हुआ. जब हीरल 7 साल की थी, तब उन्होंने रंगों से खेलना शुरू किया था. उन्होंने पहले पढ़ाई पर जोर दिया. उसके बाद जब कोरोना ने देश में दस्तक दी और लॉकडाउन लग गया. उस दौरान हीरल ने फिर से रंग और ब्रश उठाए और मन में आई भावनाओं को खूबसूरत रूप दिया.

पूनम ने बताया कि हीरल ने शुरुआती दिनों में अपनी पेंटिंग को उनसे छुपा कर रखा. बाद में धीरे-धीरे उनको इस बात की जानकारी हुई कि हीरल बहुत सुंदर चित्रकारी करती है. उन्होंने हीरल की पेंटिंग को घर की दीवारों पर सजाना शुरू की. एक दफा कुछ गेस्ट आए और उन्होंने पेंटिंग की प्रदर्शनी लगाने की सलाह दी. इसके बाद पूनम ने लगभग 5 महीने पहले इंडिया हैबिटेट सेंटर में जगह के लिए अप्लाई किया. उन्होंने बताया कि हैबिटेट सेंटर में आने वाले सभी लोगों द्वारा पेंटिंग खूब पसंद की जा रही है. इसके अलावा लगभग 11 पेंटिंग्स की सेल भी हो चुकी है और कुछ नई पेंटिंग के ऑर्डर भी मिले हैं.

ये भी पढ़ें: आर्टिस्ट ने अपनी कला से कैनवास पर उतारे जीवन के 8 सत्य, नाम दिया- A Journey In Search of Truth

हीरल को पिछले साल पेंटिंग के लिए अवॉर्ड भी मिला था. हीरल एक डाउन सिंड्रोम नाम की बीमारी से ग्रस्त है. ये बीमारी जीवनभर रहती है. इसके बावजूद वह एक बेहतरीन चित्रकार के साथ खिलाड़ी भी है. वह बैडमिंटन और बास्केट बॉल भी खेलती है. चित्रकला के लिए किसी भी कलाकार की उम्र मायने नहीं रखता है. ऐसी ही एक चित्रकार हैं हीरल, जिन्होंने बिना किसी प्रशिक्षण के कैनवास पर रंगों का बखूबी इस्तेमाल किया है.

ये भी पढ़ें: Art Exhibition: त्रिवेणी कला संगम में चित्रकला प्रदर्शनी, दिखा घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं का दर्द

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.