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दिल्ली सरकार के अस्पतालों में HMIS लागू करने में जानबूझकर की जा रही देरी: विजेंद्र गुप्ता - HIPS SCHEME

दिल्ली सरकार अस्पतालों में 'स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली को लागू करने में कर रही है देरी,नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता का दिल्ली सरकार पर आरोप.

There is a deliberate delay in implementing HIM in Delhi government hospitals: Vijender Gupta
दिल्ली सरकार के अस्पतालों में हिम्स लागू करने में जानबूझकर की जा रही देरी: विजेंद्र गुप्ता (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 10, 2024, 8:10 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना को पत्र लिखकर दिल्ली सरकार के सभी अस्पतालों में केंद्र सरकार के सॉफ्टवेयर 'स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली' हिम्स को लागू करने की मांग की है. उन्होंने इसके क्रियान्वयन में पिछले आठ साल से हो रही देरी पर अपना रोष व्यक्त करते हुए कहा कि इसे दिल्ली सरकार के अस्पतालों में लागू ना करने के कारण मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है.

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटल बनाने, मरीजों के स्वास्थ्य के रिकॉर्ड की ट्रेकिंग सुनिश्चित करने, अस्पतालों के सुचारू प्रबंधन, जनता के पैसों के दुरुपयोग को रोकने और स्वास्थ्य के समूचे सिस्टम को बेहतर बनाने के उद्देश्य से इस सॉफ्टवेयर को बनाया गया है.

दिल्ली सरकार अस्पतालों में हिम्स लागू करने में जानबूझकर की जा रही देरी: विजेंद्र गुप्ता (ETV Bharat)

इसकी उपयोगिता इसी से सिद्ध हो रही है कि इसका प्रयोग व्यापक रूप से सभी केंद्रीय अस्पतालों में किया जा रहा है. केंद्र सरकार के सफदरजंग अस्पताल, राम मनोहर लोहिया अस्पताल सहित देश के 738 अस्पतालों में पिछले कई सालों से सफलता पूर्वक उपयोग किया जा रहा है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह बड़े दुःख का विषय है कि 2016-17 के बजट में घोषणा के बावजूद दिल्ली सरकार इसे लागो लागू करने में में असफल रही है.

ये भी पढ़ें: Delhi: विजेंद्र गुप्ता ने चाचा नेहरू हॉस्पिटल में निर्माणाधीन आईसीयू का किया दौरा, भ्रष्टाचार का लगाया आरोप

प्रमुख सचिव ने देरी पर चिंता जताई

उन्होंने हैरानी जताई कि तीन महीने पहले दिल्ली के मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव ने भी इसके क्रियान्वयन में हो रही देरी पर चिंता जताई थी और स्वास्थ्य मंत्री की इसके क्रियान्वयन की अनुशंसा की थी. लेकिन, दिल्ली सरकार को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा और वो इस महत्वपूर्ण सूचना सिस्टम को लागू करने के प्रति पूरी तरह से उदासीन बनी हुई है.

केंद्र सरकार के एनआईसी द्वारा विकसित किये गए दोनों सॉफ्टवेयर ई-हॉस्पिटल और 'नेक्स्ट जेन हॉस्पिटल' पूरे भारत में व्यापक रूप से स्वीकृत हैं और इनका प्रयोग बड़े पैमाने पर किया जा रहा है. गुप्ता ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार जानबूझकर इसको लागू करने में देरी कर रही, है जिससे यह साफ जाहिर हो रहा है कि सरकार अपने भ्रष्टाचार की पोल खुलने से डर रही है.

उच्च न्यायालय ने की आलोचना

गुप्ता ने कहा कि इसके क्रियान्वयन में हो रही देरी पर दिल्ली सरकार को हाल ही में माननीय उच्च न्यायालय से भी आलोचना सुनने को मिली. लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार अपने पूर्वाग्रहों से ग्रस्त है और किसी भी केंद्रीय योजना का लाभ नही उठाना चाहती. सरकार ने प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना का लाभ भी दिल्ली के नागरिकों को नहीं दिया और अब इस सॉफ्टवेयर के क्रियान्वयन में भी अड़ंगे लगा रही है ताकि जनता को इसका फायदा न मिले.

उन्होंने आतिशी से कहा है कि एनआईसी की डिजिटल स्वास्थ्य सेवाएं जनता के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध हो सकती हैं, इसलिए मुख्यमंत्री को इसका राजनीतिकरण करने की बजाय इसको जल्द से जल्द क्रियान्वित करने के लिए हस्तक्षेप कर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश देने चाहिए ताकि इसका फायदा जनता को मिल सके.

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नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी मार्लेना को पत्र लिखकर दिल्ली सरकार के सभी अस्पतालों में केंद्र सरकार के सॉफ्टवेयर 'स्वास्थ्य प्रबंधन सूचना प्रणाली' हिम्स को लागू करने की मांग की है. उन्होंने इसके क्रियान्वयन में पिछले आठ साल से हो रही देरी पर अपना रोष व्यक्त करते हुए कहा कि इसे दिल्ली सरकार के अस्पतालों में लागू ना करने के कारण मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है.

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटल बनाने, मरीजों के स्वास्थ्य के रिकॉर्ड की ट्रेकिंग सुनिश्चित करने, अस्पतालों के सुचारू प्रबंधन, जनता के पैसों के दुरुपयोग को रोकने और स्वास्थ्य के समूचे सिस्टम को बेहतर बनाने के उद्देश्य से इस सॉफ्टवेयर को बनाया गया है.

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इसकी उपयोगिता इसी से सिद्ध हो रही है कि इसका प्रयोग व्यापक रूप से सभी केंद्रीय अस्पतालों में किया जा रहा है. केंद्र सरकार के सफदरजंग अस्पताल, राम मनोहर लोहिया अस्पताल सहित देश के 738 अस्पतालों में पिछले कई सालों से सफलता पूर्वक उपयोग किया जा रहा है. नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि यह बड़े दुःख का विषय है कि 2016-17 के बजट में घोषणा के बावजूद दिल्ली सरकार इसे लागो लागू करने में में असफल रही है.

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प्रमुख सचिव ने देरी पर चिंता जताई

उन्होंने हैरानी जताई कि तीन महीने पहले दिल्ली के मुख्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख सचिव ने भी इसके क्रियान्वयन में हो रही देरी पर चिंता जताई थी और स्वास्थ्य मंत्री की इसके क्रियान्वयन की अनुशंसा की थी. लेकिन, दिल्ली सरकार को इससे कोई फर्क नहीं पड़ रहा और वो इस महत्वपूर्ण सूचना सिस्टम को लागू करने के प्रति पूरी तरह से उदासीन बनी हुई है.

केंद्र सरकार के एनआईसी द्वारा विकसित किये गए दोनों सॉफ्टवेयर ई-हॉस्पिटल और 'नेक्स्ट जेन हॉस्पिटल' पूरे भारत में व्यापक रूप से स्वीकृत हैं और इनका प्रयोग बड़े पैमाने पर किया जा रहा है. गुप्ता ने आरोप लगाया कि दिल्ली सरकार जानबूझकर इसको लागू करने में देरी कर रही, है जिससे यह साफ जाहिर हो रहा है कि सरकार अपने भ्रष्टाचार की पोल खुलने से डर रही है.

उच्च न्यायालय ने की आलोचना

गुप्ता ने कहा कि इसके क्रियान्वयन में हो रही देरी पर दिल्ली सरकार को हाल ही में माननीय उच्च न्यायालय से भी आलोचना सुनने को मिली. लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार अपने पूर्वाग्रहों से ग्रस्त है और किसी भी केंद्रीय योजना का लाभ नही उठाना चाहती. सरकार ने प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना का लाभ भी दिल्ली के नागरिकों को नहीं दिया और अब इस सॉफ्टवेयर के क्रियान्वयन में भी अड़ंगे लगा रही है ताकि जनता को इसका फायदा न मिले.

उन्होंने आतिशी से कहा है कि एनआईसी की डिजिटल स्वास्थ्य सेवाएं जनता के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध हो सकती हैं, इसलिए मुख्यमंत्री को इसका राजनीतिकरण करने की बजाय इसको जल्द से जल्द क्रियान्वित करने के लिए हस्तक्षेप कर संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश देने चाहिए ताकि इसका फायदा जनता को मिल सके.

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