नई दिल्ली: दिल्ली के 450 निजी स्कूल संगठनों की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुये दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है. इस मामले में दिल्ली सरकार के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें निजी और गैर सहायता प्राप्त स्कूलों की अपनी ट्यूशन फीस में 15 फीसदी की कटौती करने का आदेश दिया गया था.
ये याचिका 450 निजी स्कूलों के संगठन एक्शन कमेटी ऑफ अनऐडेड रिकॉग्नाइज प्राइवेट स्कूल्स ने दायर किया है. याचिका में सिंगल बेंच के फैसले का जिक्र किया गया है, जिसमें स्कूलों को छात्रों से पिछले साल लॉकडाउन खत्म होने के बाद की अवधि के लिए वार्षिक शुल्क और विकास शुल्क लेने की इजाजत दी गई थी.
ये भी पढ़ें: दिल्ली सरकार का पेरेंटस को राहत, प्राइवेट स्कूलों की फीस में 15 फीसदी की कटौती
याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील श्याम दीवान डिवीजन बेंच से कहा कि वो सिंगल बेंच के आदेश के दायरे को स्पष्ट करें. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने नोटिफिकेशन जारी किया है कि वार्षिक शुल्क और विकास शुल्क के अलावा ट्यूशन फीस में 15 फीसदी की कमी की जाएगी.
बता दें कि कोरोना काल में प्राइवेट स्कूलों द्वारा बच्चों व अभिभावकों से फीस के रूप में ज्यादा पैसे वसूलना, बीते साल से एक बड़ा मुद्दा रहा है. यह मुद्दा कोर्ट तक भी पहुंचा था, जिसको लेकर कोर्ट ने आदेश भी जारी किया था. दिल्ली सरकार (Delhi Government) ने हाईकोर्ट के उस आदेश का पालन करते हुए प्राइवेट स्कूलों को फीस में 15 फ़ीसदी की कटौती करने का आदेश दिया था.
यदि वित्त वर्ष 2020-21 में किसी स्कूल की मासिक फीस 3 हजार रुपये है, तो उसमें 15 फ़ीसदी की कटौती करके अभिभावकों से केवल 2 हजार 550 ही लेने होंगे. स्कूलों को यह भी आदेश दिया गया थी कि यदि उन्होंने ज्यादा फीस ली हो, तो उसे वापस करें या अगले महीने की फीस में एडजस्ट करें.
सरकार के इस आदेश के खिलाफ 450 निजी स्कूल संगठन हाईकोर्ट पहुंचे थे. जिस पर हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है.