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'हमारी दवाइयां-हमारी जिंदगी', अस्पताल में नहीं मिली दवाई तो सचिवालय पर डाला डेरा - दिल्ली सरकार के अस्पताल

हेपेटाइटिस सी जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित इन मरीजों का कहना है कि इन्हें 2 साल से सरकारी अस्पतालों में दवाइयां व इलाज ठीक से चल रहा था.

hepatitis c patients demanded medicine and protest on delhi secretariat
अस्पताल में नहीं मिली दवाई तो सचिवालय पर डाला डेरा
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Published : Jul 23, 2020, 4:39 PM IST

नई दिल्ली: कोरोना महामारी के दौरान अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों को जिस तरह की परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है, उनके पास सिवाय धरना, प्रदर्शन के कोई विकल्प नहीं बचा है. गुरुवार को हेपेटाइटिस जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीज अचानक दिल्ली सचिवालय आ पहुंचे और अपने इलाज व दवाइयां देने की मांग को लेकर वहां धरने पर बैठ गए.

अस्पताल में नहीं मिली दवाई तो सचिवालय पर डाला डेरा
फरवरी से अस्पतालों में नहीं मिल रही हेपेटाइटिस की दवाइयांहेपेटाइटिस सी जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित इन मरीजों का कहना है कि इन्हें 2 साल से सरकारी अस्पतालों में दवाइयां व इलाज ठीक से चल रहा था. हेपेटाइटिस सी जैसी गंभीर बीमारियों को इलाज के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन भी सहयोग कर रहा है. लेकिन पिछले 6 महीने से दिल्ली के किसी भी सरकारी अस्पताल में ना तो इनका इलाज हो रहा है और ना ही दवाइयां मिल रही है.



'मंत्री और मुख्यमंत्री से कर चुके हैं संपर्क'

इन मरीजों ने अपनी परेशानी व कई बार पत्र मेल के जरिए स्वास्थ्य मंत्री, मुख्यमंत्री तक को बता चुके हैं. मगर कोई सुनवाई नहीं हुई. तब वे सब यहां धरना देने के लिए आए हैं. उनकी मांग है कि इलाज और दवाई का प्रबंध जल्द से जल्द किया जाए.

hepatitis c patients demanded medicine and protest on delhi secretariat
'हमारी दवाइयां, हमारी जिंदगी'


पहले थी लाइलाज बीमारी

इस बीमारी से ग्रसित मरीज का कहना है कि वह इतने सक्षम नहीं हैं कि इस बीमारी के महंगी दवाइयां वह खरीद सकें. केंद्र सरकार 2 सालों से तो दिल्ली सरकार के अस्पतालों में 1 साल से दवाइयां व इलाज फ्री में हो रहा था. अगर अभी किसी भी अस्पताल में ना तो इस बीमारी का इलाज हो रहा है और ना ही दवाइयां मिल रही है.


बता दें कि दिल्ली ही नहीं देश भर में पिछले एक दशक के दौरान हेपेटाइटिस सी के मामले में काफी इजाफा हुआ है. पहले यह लाइलाज बीमारी होता था. मगर अब इसका इलाज संभव है और समय पर दवाई और इलाज हो तो इस बीमारी से छुटकारा भी मिल सकती है.

नई दिल्ली: कोरोना महामारी के दौरान अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित मरीजों को जिस तरह की परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है, उनके पास सिवाय धरना, प्रदर्शन के कोई विकल्प नहीं बचा है. गुरुवार को हेपेटाइटिस जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीज अचानक दिल्ली सचिवालय आ पहुंचे और अपने इलाज व दवाइयां देने की मांग को लेकर वहां धरने पर बैठ गए.

अस्पताल में नहीं मिली दवाई तो सचिवालय पर डाला डेरा
फरवरी से अस्पतालों में नहीं मिल रही हेपेटाइटिस की दवाइयांहेपेटाइटिस सी जैसी गंभीर बीमारी से पीड़ित इन मरीजों का कहना है कि इन्हें 2 साल से सरकारी अस्पतालों में दवाइयां व इलाज ठीक से चल रहा था. हेपेटाइटिस सी जैसी गंभीर बीमारियों को इलाज के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन भी सहयोग कर रहा है. लेकिन पिछले 6 महीने से दिल्ली के किसी भी सरकारी अस्पताल में ना तो इनका इलाज हो रहा है और ना ही दवाइयां मिल रही है.



'मंत्री और मुख्यमंत्री से कर चुके हैं संपर्क'

इन मरीजों ने अपनी परेशानी व कई बार पत्र मेल के जरिए स्वास्थ्य मंत्री, मुख्यमंत्री तक को बता चुके हैं. मगर कोई सुनवाई नहीं हुई. तब वे सब यहां धरना देने के लिए आए हैं. उनकी मांग है कि इलाज और दवाई का प्रबंध जल्द से जल्द किया जाए.

hepatitis c patients demanded medicine and protest on delhi secretariat
'हमारी दवाइयां, हमारी जिंदगी'


पहले थी लाइलाज बीमारी

इस बीमारी से ग्रसित मरीज का कहना है कि वह इतने सक्षम नहीं हैं कि इस बीमारी के महंगी दवाइयां वह खरीद सकें. केंद्र सरकार 2 सालों से तो दिल्ली सरकार के अस्पतालों में 1 साल से दवाइयां व इलाज फ्री में हो रहा था. अगर अभी किसी भी अस्पताल में ना तो इस बीमारी का इलाज हो रहा है और ना ही दवाइयां मिल रही है.


बता दें कि दिल्ली ही नहीं देश भर में पिछले एक दशक के दौरान हेपेटाइटिस सी के मामले में काफी इजाफा हुआ है. पहले यह लाइलाज बीमारी होता था. मगर अब इसका इलाज संभव है और समय पर दवाई और इलाज हो तो इस बीमारी से छुटकारा भी मिल सकती है.

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