नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट शुक्रवार को मशहूर कत्थक कलाकार बिरजू महाराज को सरकारी आवास खाली करने के केंद्र सरकार के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार के आदेश पर रोक लगा दी थी. जस्टिस प्रतिभा सिंह की बेंच सुनवाई करेगी.
बिरजू महाराज को आवास खाली करने का आदेश
30 दिसंबर 2020 को बिरजू महाराज की ओर से वकील अखिल सिब्बल ने कोर्ट से कहा कि कथक में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें सरकारी आवास आवंटित किया गया था. केंद्रीय आवास और शहरी विकास मंत्रालय ने उन्हें 31 दिसंबर तक आवास खाली करने का नोटिस दिया है. अखिल सिब्बल ने कहा था कि बिरजू महाराज की तरह ही दूसरे कलाकारों को भी आवास खाली करने का नोटिस दिया गया है. उन कलाकारों ने भी इस नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. हाईकोर्ट ने दूसरे कलाकारों की याचिका पर सुनवाई करते हुए आवास खाली करने के आदेश पर रोक लगा दी है.
कला के प्रति किया जीवन समर्पित
याचिका में कहा गया है कि इन कलाकारों ने कला के प्रति अपना जीवन समर्पित कर दिया. सभी कलाकार बुजुर्ग हैं. वे दूसरे प्रोफेशनल्स की तरह अच्छी कमाई नहीं कर सकते हैं. ऐसे में उन्हें दूसरा आवास नहीं मिल सकता है. दिल्ली देश की राजधानी है और उस नाते यहां सांस्कृतिक आदान-प्रदान का अच्छा प्लेटफार्म मिलता है. याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता अपनी कला के लिए देश के ब्रांड एंबेसडर हैं. ये कलाकार अगली पीढ़ी को कला से परिचित कराने का काम करते हैं. ऐसे में उन्हें आवास खाली करने का आदेश गलत है.
कौन-कौन हैं दूसरे कलाकार
पिछले 24 दिसंबर को हाईकोर्ट ने दो पद्मश्री विजेता समेत तीन कलाकारों को उनके लिए आवंटित आवास को खाली करने के केंद्र सरकार के आदेश पर रोक लगा दी थी. जिन कलाकारों ने याचिका दायर की थी, उनमें भारती शिवाजी, वी जयराम राव और बनारसी राव शामिल हैं.
भारती शिवाजी को मोहिनीअट्टनम के लिए पद्मश्री, संगीत नाटक एकेडमी अवार्ड और साहित्य कला परिषद सम्मान मिल चुका है. वी जयराम राव को कुचीपुड़ी में अपने योगदान के लिए पद्मश्री अवार्ड मिल चुका है. वी जयराम राव और बनारसी राव एक साथ रहते हैं. बनारसी राव की पत्नी भी डांसर है. बनारसी राव को कुचीपुड़ी में अपने योगदान के लिए संगीत नाटक एकेडमी अवार्ड मिल चुका है.