नई दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका पर 27 फरवरी को सुनवाई करेगा. इस मामले में हाईकोर्ट 27 फरवरी को प्रवर्तन निदेशालय की अंतिम दलीलों पर सुनवाई करेगा. इससे पहले अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कोर्ट को बताया कि जैन पर प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट का मामला स्पष्ट तौर पर बनता है, ऐसे में उन्हें जमानत नहीं दी जानी चाहिए.
पहले खारिज हो चुकी है जमानत याचिका: 13 फरवरी को सत्येंद्र जैन के सहयोगी वैभव जैन और अंकुर जैन की जमानत याचिका पर कोर्ट में सुनवाई स्थगित कर दी थी, उनकी तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता सुशील गुप्ता ने अपना पक्ष रखा था. बता दें राउज एवेन्यू कोर्ट ने 6 महीने लंबी चली कानूनी प्रक्रियाओं के बाद सत्येंद्र जैन की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
याचिका पर बहस के दौरान सत्येंद्र जैन के वकील एन हरिहरन ने ईडी के द्वारा बनाए गए केस पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा था ईडी द्वारा बनाई गई, कहानी उस फेयरी टेल जैसी है, जिसमें एक गरीब व्यक्ति राजकुमारी से विवाह करना चाहता है, तो उसकी मदद के लिए पूरे शहर के लोग एक साथ आ जाते हैं और सभी एक ही लाइन दोहराते हैं कि जो कुछ भी है उनके पास वह सब उस गरीब का ही है. ठीक इसी प्रकार सत्येंद्र जैन मामले में ईडी की कहानी यही है. किसी का रकम, किसी के भी शेयर, सब आम आदमी प्राटी के नेता जैन के बता दिए गए.
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वहीं अतिरिक्त सॉलीसीटर जनरल एस वी राजू ने ईडी का पक्ष रखते हूए कोर्ट से कहा था, कि 40-50 बार जैन ने हवाला ऑपरेटर को नगद मुहैया कराया हैं. पीएमएलए (PMLA) एक्ट की धारा-50 के तहत गलत जानकारी देना अपराध है. AAP नेता लगातार गलत जानकारी दे रहे हैं, जो की IPC 199 के तहत दंडनीय है. ऐसे में उनको जमानत न दी जाए, जिसके बाद ट्रायल कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी थी. जिसके बाद जैन ने दिल्ली हाई कोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की है.
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