नई दिल्ली: टूलकिट मामले में आरोपी जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. दायर याचिका में जमानत की शर्त में संशोधन की मांग की गई है. उनको जमानत देते हुए कोर्ट ने यह शर्त रखी थी कि जब भी वह विदेश यात्रा पर जाएंगी तो हर बार उन्हें पहले कोर्ट से अनुमति लेनी होगी. रवि की इस याचिका पर सोमवार को सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसले को सुरक्षित रख लिया. कोर्ट का कहना है कि ऑर्डर की कॉपी तैयार नहीं होने के कारण बाद में फैसला सुनाया जाएगा.
विदेश जाने की अनुमति को लेकर संशोधन: याचिका पर दिशा की ओर से पेश वकील ने कहा कि अनुमति की शर्त को सूचना में बदल दिया जाए. याचिका में यह भी तर्क दिया गया है कि रवि को अक्सर विदेश जाना पड़ता है, इसलिए हर बार अपनी यात्रा से पहले ट्रायल कोर्ट से अनुमति लेनी पड़ती है. वकील ने यह भी तर्क दिया कि रवि ने पिछले ढ़ाई वर्षों में अक्सर विदेश यात्रा की है और उसने ट्रायल कोर्ट द्वारा लगाई गई किसी भी जमानत शर्त का कभी उल्लंघन नहीं किया है.
याचिका का विरोध करते हुए दिल्ली पुलिस ने कहा कि जमानत की शर्त असुविधाजनक पाना संशोधित करने का आधार नहीं हो सकता. अदालत को यह भी बताया गया कि मामले में जांच में देरी का कारण अभियोजन पक्ष पहले ही ट्रायल कोर्ट के समक्ष बता चुका है. दिल्ली पुलिस ने ट्रायल कोर्ट के समक्ष जांच पूरी करने में अपनी विफलता के आधार को उचित ठहराया था और कहा था कि राजद्रोह के अपराध के संबंध में कार्यवाही सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक दी गई थी.
अभियोजन पक्ष ने भारत के सॉलिसिटर जनरल से राय प्राप्त करने के बाद शेष अपराधों के संबंध में जांच फिर से शुरू कर दी है. ट्रायल कोर्ट को बताया गया कि जिन अपराधों की जांच की जा रही है उनमें ऐसे संदिग्ध लोग शामिल हैं जो कई विदेशी देशों में स्थित हैं और जांच एजेंसी संबंधित एजेंसियों और मध्यस्थों से महत्वपूर्ण सबूत इकट्ठा करने की प्रक्रिया में हैं.
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क्या है टूलकिट मामला: 2021 के किसानों के विरोध के दौरान सोशल मीडिया पर विभिन्न टूलकिट दस्तावेज प्रसारित किए गए थे, जो कथित तौर पर पोएटिक जस्टिस फाउंडेशन नामक संगठन द्वारा बनाए गए थे. रचनाकारों का उद्देश्य भारत के खिलाफ असंतोष को बढ़ावा देना था. अभियोजन पक्ष के अनुसार विरोध प्रदर्शन के दौरान जिस टूलकिट का इस्तेमाल किया गया था वो कथित तौर पर रवि द्वारा बनाई गई थी. आरोप यह भी थे कि दिशा एक व्हाट्सएप ग्रुप का हिस्सा थी, जिसमें कथित तौर पर टूलकिट को संपादित करने वाले लोग शामिल थे. पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थुनबर्ग सहित अन्य लोगों के साथ भी संवाद किया गया था.
टूलकिट मामले में रवि को दिल्ली पुलिस ने 13 फरवरी, 2021 को उनके बेंगलुरु स्थित आवास से गिरफ्तार किया था. बाद में उन्हें 23 फरवरी, 2021 को ट्रायल कोर्ट द्वारा जमानत दे दी गई थी. रवि को निचली अदालत ने उसके खिलाफ अपर्याप्त सबूतों को देखते हुए जमानत दे दी थी. याचिका में 09 अगस्त को पारित ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें जमानत को संशोधित करने के उनके आवेदन को खारिज कर दिया गया था. उनकी जमानत के यह शर्त है कि वह अदालत की अनुमति के बिना देश नहीं छोड़ेंगी.
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