नई दिल्ली: राकेश अस्थाना की दिल्ली पुलिस कमिश्नर के पद पर नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि क्या आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना की दिल्ली पुलिस कमिश्नर के पद पर नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका किसी और अदालत में भी लंबित है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले पर 24 अगस्त को सुनवाई करने का आदेश दिया.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता है पूछा कि आप बताएं कि आपकी याचिका सुनवाई योग्य कैसे है. कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वो ये बताएं कि ऐसी याचिका दूसरी कोर्ट में तो लंबित नहीं है.
याचिका दिल्ली के वकील बदले आलम ने दायर किया है. याचिका में कहा गया है कि 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना को उनके रिटायर होने से महज चार दिन पहले 27 जुलाई को की गई है. उनकी नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के प्रकाश सिंह के फैसले में दिए गए दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है.
राकेश अस्थाना की नियुक्ति के खिलाफ याचिका पर सुनवाई, कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा ये सवाल
राकेश अस्थाना की दिल्ली पुलिस कमिश्नर के पद पर नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता है पूछा कि आप बताएं कि आपकी याचिका सुनवाई योग्य कैसे है. कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वो ये बताएं कि ऐसी याचिका दूसरी कोर्ट में तो लंबित नहीं है.
नई दिल्ली: राकेश अस्थाना की दिल्ली पुलिस कमिश्नर के पद पर नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि क्या आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना की दिल्ली पुलिस कमिश्नर के पद पर नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका किसी और अदालत में भी लंबित है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले पर 24 अगस्त को सुनवाई करने का आदेश दिया.
सुनवाई के दौरान कोर्ट ने याचिकाकर्ता है पूछा कि आप बताएं कि आपकी याचिका सुनवाई योग्य कैसे है. कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वो ये बताएं कि ऐसी याचिका दूसरी कोर्ट में तो लंबित नहीं है.
याचिका दिल्ली के वकील बदले आलम ने दायर किया है. याचिका में कहा गया है कि 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना को उनके रिटायर होने से महज चार दिन पहले 27 जुलाई को की गई है. उनकी नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट के प्रकाश सिंह के फैसले में दिए गए दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है.