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राऊज एवेन्यू कोर्ट: प्रिया रमानी के खिलाफ एमजे अकबर की मानहानि याचिका पर सुनवाई आज

राऊज एवेन्यू कोर्ट आज पूर्व मंत्री एमजे अकबर की ओर से पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर मानहानि के मामले में सुनवाई करेगा. एमजे अकबर ने 15 अक्टूबर 2018 को प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था. उन्होंने प्रिया रमानी द्वारा अपने खिलाफ यौन प्रताड़ना का आरोप लगाने के बाद ये आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया था.

MJ Akbar and Priya Ramani
एमजे अकबर और प्रिया रमानी
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Published : Jan 12, 2021, 8:59 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट आज पूर्व मंत्री एमजे अकबर की ओर से पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर मानहानि के मामले पर सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई के दौरान एमजे अकबर ने कहा था कि प्रिया रमानी पहली महिला थीं जिन्होंने उनके खिलाफ आरोप लगाया. इस मामले की सुनवाई एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रविंद्र कुमार पांडेय करेंगे.


प्रिया रमानी के पहले किसी ने कुछ नहीं कहा
पिछले 7 जनवरी को सुनवाई के दौरान एमजे अकबर की ओर से वरिष्ठ वकील गीता लूथरा ने कहा था कि एमजे अकबर की छवि काफी अच्छी है और प्रिया रमानी के आरोपों के पहले किसी ने कुछ नहीं कहा. लूथरा ने कहा था कि एमजे अकबर अपने सार्वजनिक जीवन में राज्यसभा के सदस्य रहे और केंद्र सरकार में मंत्री भी रहे. प्रिया रमानी ने एमजे अकबर की छवि पर धब्बा लगाने की कोशिश की.


एक सेकेंड में छवि हो जाती है खराब
लूथरा ने कहा था कि रमानी के ट्वीट के आधार पर दूसरे आलेख लिखे गए. रमानी के झूठे और अपमानजनक बयानों को मीडिया में दोहराया गया. उन्होंने कहा था कि छवि बनाने में समय लगता है और उसे बर्बाद करने में एक सेकेंड लगता है. एमजे अकबर ने अपनी छवि 50 सालों में बनाई. इस दौरान किसी ने उंगली नहीं उठाई. अकबर के अधीन दस से बीस हजार कर्मचारी काम करते होंगे.

दुर्भावना से भरे थे प्रिया रमानी के ट्वीट

सुनवाई के दौरान एमजे अकबर की ओर से वरिष्ठ वकील गीता लूथरा ने रमानी के ट्वीट को पढ़ते हुए कहा कि वे अपमानजनक और दुर्भावना से भरे हुए थे. उन्होंने कहा कि रमानी ने कोर्ट के बाहर ट्रायल चलाने की कोशिश की. न्यायिक प्रक्रिया कोर्ट में ही चल सकती है, कोई खुद कानून नहीं बन सकता है.

लूथरा ने रमानी के क्रास-एग्जामिनेशन को पढ़ते हुए कहा कि एक ही झूठ को दस लोगों की ओर से कहे जाने का मतलब ये नहीं है कि वो सच बन जाएगा.

2018 में दायर किया था मामला

एमजे अकबर ने 15 अक्टूबर 2018 को प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था. उन्होंने प्रिया रमानी द्वारा अपने खिलाफ यौन प्रताड़ना का आरोप लगाने के बाद ये आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया. 18 अक्टूबर 2018 को कोर्ट ने एमजे अकबर की आपराधिक मानहानि की याचिका पर संज्ञान लिया था. 25 फरवरी 2019 को कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और पत्रकार एमजे अकबर द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के मामले में पत्रकार प्रिया रमानी को जमानत दी थी. कोर्ट ने प्रिया रमानी को दस हजार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दी थी. कोर्ट ने 10 अप्रैल 2019 को प्रिया रमानी के खिलाफ आरोप तय किए थे.

नई दिल्ली: दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट आज पूर्व मंत्री एमजे अकबर की ओर से पत्रकार प्रिया रमानी के खिलाफ दायर मानहानि के मामले पर सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई के दौरान एमजे अकबर ने कहा था कि प्रिया रमानी पहली महिला थीं जिन्होंने उनके खिलाफ आरोप लगाया. इस मामले की सुनवाई एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रविंद्र कुमार पांडेय करेंगे.


प्रिया रमानी के पहले किसी ने कुछ नहीं कहा
पिछले 7 जनवरी को सुनवाई के दौरान एमजे अकबर की ओर से वरिष्ठ वकील गीता लूथरा ने कहा था कि एमजे अकबर की छवि काफी अच्छी है और प्रिया रमानी के आरोपों के पहले किसी ने कुछ नहीं कहा. लूथरा ने कहा था कि एमजे अकबर अपने सार्वजनिक जीवन में राज्यसभा के सदस्य रहे और केंद्र सरकार में मंत्री भी रहे. प्रिया रमानी ने एमजे अकबर की छवि पर धब्बा लगाने की कोशिश की.


एक सेकेंड में छवि हो जाती है खराब
लूथरा ने कहा था कि रमानी के ट्वीट के आधार पर दूसरे आलेख लिखे गए. रमानी के झूठे और अपमानजनक बयानों को मीडिया में दोहराया गया. उन्होंने कहा था कि छवि बनाने में समय लगता है और उसे बर्बाद करने में एक सेकेंड लगता है. एमजे अकबर ने अपनी छवि 50 सालों में बनाई. इस दौरान किसी ने उंगली नहीं उठाई. अकबर के अधीन दस से बीस हजार कर्मचारी काम करते होंगे.

दुर्भावना से भरे थे प्रिया रमानी के ट्वीट

सुनवाई के दौरान एमजे अकबर की ओर से वरिष्ठ वकील गीता लूथरा ने रमानी के ट्वीट को पढ़ते हुए कहा कि वे अपमानजनक और दुर्भावना से भरे हुए थे. उन्होंने कहा कि रमानी ने कोर्ट के बाहर ट्रायल चलाने की कोशिश की. न्यायिक प्रक्रिया कोर्ट में ही चल सकती है, कोई खुद कानून नहीं बन सकता है.

लूथरा ने रमानी के क्रास-एग्जामिनेशन को पढ़ते हुए कहा कि एक ही झूठ को दस लोगों की ओर से कहे जाने का मतलब ये नहीं है कि वो सच बन जाएगा.

2018 में दायर किया था मामला

एमजे अकबर ने 15 अक्टूबर 2018 को प्रिया रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि का मुकदमा दायर किया था. उन्होंने प्रिया रमानी द्वारा अपने खिलाफ यौन प्रताड़ना का आरोप लगाने के बाद ये आपराधिक मानहानि का मुकदमा दर्ज कराया. 18 अक्टूबर 2018 को कोर्ट ने एमजे अकबर की आपराधिक मानहानि की याचिका पर संज्ञान लिया था. 25 फरवरी 2019 को कोर्ट ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और पत्रकार एमजे अकबर द्वारा दायर आपराधिक मानहानि के मामले में पत्रकार प्रिया रमानी को जमानत दी थी. कोर्ट ने प्रिया रमानी को दस हजार रुपए के निजी मुचलके पर जमानत दी थी. कोर्ट ने 10 अप्रैल 2019 को प्रिया रमानी के खिलाफ आरोप तय किए थे.

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