ETV Bharat / state

प्राइवेट हॉस्पिटल में 80% ICU बेड रिजर्व करने के मामले पर सुनवाई आज

कोर्ट की सिंगल बेंच ने प्राइवेट अस्पतालों को अपने आईसीयू में 80 फीसदी बेड कोरोना मरीजों के लिए आरक्षित रखने के दिल्ली सरकार के आदेश पर रोक लगाने का आदेश दिया था. जिस पर हाई कोर्ट में दिल्ली सरकार ने याचिका दायर की है. मामले पर चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच इस याचिका पर आज सुनवाई करेगी.

icu bed for corona patients
ICU बेड आरक्षित करने का आदेश
author img

By

Published : Sep 28, 2020, 10:28 AM IST

नई दिल्ली: हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच आज प्राइवेट अस्पतालों के आईसीयू में 80 फीसदी बेड कोरोना के मरीजों के लिए आरक्षित रखने के आदेश पर रोक लगाने के फैसले के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करेगा. दरअसल, दिल्ली सरकार ने सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच इस याचिका पर सुनवाई करेगी.

HC में याचिका पर सुनवाई
सिंगल बेंच के फैसले को चुनौती दी


पिछले 25 सितंबर को दिल्ली सरकार की ओर से एएसजी संजय जैन के सुनवाई के दौरान उपलब्ध नहीं होने पाए थे. जिसके बाद कोर्ट ने सुनवाई को टाल दिया था. याचिका में दिल्ली सरकार ने कहा है कि कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं.

सिंगल बेंच ने 22 सितंबर के अपने आदेश में दिल्ली सरकार के कोरोना से निपटने के लिए किए गए उपायों पर कोई गौर नहीं किया. सिंगल बेंच के फैसले से निजी नर्सिंग होम और अस्पतालों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. याचिका में कहा गया है कि सिंगल बेंच का फैसला मनमाना और गैरकानूनी है.


बीमारी खुद कभी आरक्षण का आधार नहीं बन सकती


पिछले 22 सितंबर को जस्टिस नवीन चावला की सिंगल बेंच ने प्राइवेट अस्पतालों को अपने आईसीयू में 80 फीसदी बेड कोरोना के मरीजों के लिए आरक्षित रखने के दिल्ली सरकार के आदेश पर रोक लगाने का आदेश दिया था. कोर्ट ने दिल्ली सरकार के आदेश को संविधान की धारा-21 के खिलाफ बताया था. सिंगल बेंच ने कहा था कि बीमारी खुद कभी आरक्षण का आधार नहीं बन सकती है.

सिंगल बेंच के समक्ष याचिका एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर ने दायर की थी. याचिका में दिल्ली सरकार के आदेश को रद्द करने की मांग की गई थी. सिंगल बेंच ने केंद्र और दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है. याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार के इस आदेश से कोरोना के अलावा दूसरे रोगों से पीड़ित मरीजों को इलाज में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.


दिल्ली सरकार का फैसला मनमाना और गैरकानूनी


सिंगल बेंच के समक्ष दायर याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार का ये फैसला बिना पूर्व विचार-विमर्श के लिया गया है. फैसला लेने के पहले वर्तमान में रोगियों की जरूरतों का ध्यान नहीं रखा गया है. याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार का फैसला मनमाना और गैरकानूनी है. याचिका में कहा गया है कि निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज के लिए 40 फीसदी आईसीयू बेड आरक्षित करने की मांग की है.

नई दिल्ली: हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच आज प्राइवेट अस्पतालों के आईसीयू में 80 फीसदी बेड कोरोना के मरीजों के लिए आरक्षित रखने के आदेश पर रोक लगाने के फैसले के खिलाफ याचिका पर सुनवाई करेगा. दरअसल, दिल्ली सरकार ने सिंगल बेंच के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच इस याचिका पर सुनवाई करेगी.

HC में याचिका पर सुनवाई
सिंगल बेंच के फैसले को चुनौती दी


पिछले 25 सितंबर को दिल्ली सरकार की ओर से एएसजी संजय जैन के सुनवाई के दौरान उपलब्ध नहीं होने पाए थे. जिसके बाद कोर्ट ने सुनवाई को टाल दिया था. याचिका में दिल्ली सरकार ने कहा है कि कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं.

सिंगल बेंच ने 22 सितंबर के अपने आदेश में दिल्ली सरकार के कोरोना से निपटने के लिए किए गए उपायों पर कोई गौर नहीं किया. सिंगल बेंच के फैसले से निजी नर्सिंग होम और अस्पतालों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा. याचिका में कहा गया है कि सिंगल बेंच का फैसला मनमाना और गैरकानूनी है.


बीमारी खुद कभी आरक्षण का आधार नहीं बन सकती


पिछले 22 सितंबर को जस्टिस नवीन चावला की सिंगल बेंच ने प्राइवेट अस्पतालों को अपने आईसीयू में 80 फीसदी बेड कोरोना के मरीजों के लिए आरक्षित रखने के दिल्ली सरकार के आदेश पर रोक लगाने का आदेश दिया था. कोर्ट ने दिल्ली सरकार के आदेश को संविधान की धारा-21 के खिलाफ बताया था. सिंगल बेंच ने कहा था कि बीमारी खुद कभी आरक्षण का आधार नहीं बन सकती है.

सिंगल बेंच के समक्ष याचिका एसोसिएशन ऑफ हेल्थकेयर प्रोवाइडर ने दायर की थी. याचिका में दिल्ली सरकार के आदेश को रद्द करने की मांग की गई थी. सिंगल बेंच ने केंद्र और दिल्ली सरकार से जवाब मांगा है. याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार के इस आदेश से कोरोना के अलावा दूसरे रोगों से पीड़ित मरीजों को इलाज में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.


दिल्ली सरकार का फैसला मनमाना और गैरकानूनी


सिंगल बेंच के समक्ष दायर याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार का ये फैसला बिना पूर्व विचार-विमर्श के लिया गया है. फैसला लेने के पहले वर्तमान में रोगियों की जरूरतों का ध्यान नहीं रखा गया है. याचिका में कहा गया है कि दिल्ली सरकार का फैसला मनमाना और गैरकानूनी है. याचिका में कहा गया है कि निजी अस्पतालों में कोरोना के इलाज के लिए 40 फीसदी आईसीयू बेड आरक्षित करने की मांग की है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.