नई दिल्ली: सुपरटेक के चेयरमैन आरके अरोड़ा के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) की चार्जशीट पर संज्ञान लेने के लिए सुनवाई एक बार फिर 25 सितंबर तक टल गई. शुक्रवार को विशेष न्यायाधीश देवेंदर कुमार जांगला ने कहा कि ईडी ने 100 पेज की चार्जशीट दाखिल की है. इसलिए दस्तावेजों के अवलोकन के लिए उन्हें और समय चाहिए. वे सभी दस्तावेजों का अध्ययन किए बिना कोई आदेश जारी नहीं करना चाहते. इसलिए मामले की अगली सुनवाई 25 सितंबर को होगी. इस दिन कोर्ट यह तय करेगा कि चार्जशीट स्वीकार करने लाइक है या नहीं.
इससे पहले 24 अगस्त को ED ने पटियाला हाउस कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी. चार्जशीट में अरोड़ा, उनकी कंपनी सुपर टेक और आठ अन्य लोगों को आरोपी बनाया है. लगभग 100 पेज की चार्जशीट दाखिल कर ईडी ने कोर्ट से कहा कि मनी लॉन्ड्रिंग के लिए अरोड़ा पर मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं. कंपनी ने आवास परियोजनाओं के निर्माण के लिए बैंकों और वित्तीय संस्थानों से ऋण लिया और उस फंड का इस्तेमाल अन्य समूह की कंपनियों के नाम पर जमीन खरीदने के लिए किया.
घर खरीदारों को धोखा देना का आरोपः ईडी ने आगे कहा कि सुपरटेक समूह ने बैंकों और वित्तीय संस्थानों को भुगतान में भी चूक की और वर्तमान में ऐसे लगभग 1,500 करोड़ रुपए के ऋण नॉन परफॉर्मिंग असेट (एनपीए) बन गया है. अरोड़ा पर चार्जशीट में घर खरीदारों को धोखा देने के लिए आपराधिक साजिश रचने का भी आरोप लगाया है. इसमें 670 घर खरीदारों से 164 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी शामिल है.
ईडी ने अरोड़ा को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 28 जून 2023 को गिरफ्तार किया था. इसके बाद कोर्ट ने अरोड़ा को नौ जून तक ईडी की रिमांड में भेज दिया था. रिमांड खत्म होने के बाद फिर कोर्ट ने अरोड़ा को 24 जुलाई तक न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया था. तभी से ईडी जांच में जुटी है.
40 करोड़ की संपत्ति कुर्क कर चुकी है ईडीः अप्रैल में ईडी ने सुपरटेक की 40 से अधिक की संपत्तियां कुर्क की थी, जिनमें उत्तराखंड में बनी 25 संपत्तियां और उत्तर प्रदेश के मेरठ में बना एक मॉल शामिल है. अप्रैल में एक बयान में ईडी ने कहा था कि कंपनी और उसके निदेशक अपनी रियल एस्टेट परियोजनाओं में बुक किए गए फ्लैटों के लिए एडवांस के रूप में संभावित खरीदारों से धन इकट्ठा करके लोगों को धोखा देने की आपराधिक साजिश में शामिल थे और खरीदारों को समय पर पजेशन देने में विफल रहे.