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सुनंदा पुष्कर की मौत मामले में शशि थरूर को बरी करने के खिलाफ दिल्ली पुलिस की याचिका पर सुनवाई टली

Sunanda Pushkar Death Case: सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में कांग्रेस सांसद शशि थरूर को बरी करने के कोर्ट के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी. बताया जा रहा है कि जज जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा उपलब्ध नहीं थी. अब अगली सुनवाई 16 जनवरी 2024 को होगी.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 28, 2023, 8:28 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को सुनंदा पुष्कर की संदिग्ध परिस्थिति में मौत के मामले में कांग्रेस सांसद और पूर्व मंत्री शशि थरूर को आरोपों से बरी करने के आदेश के खिलाफ दिल्ली पुलिस की अर्जी पर सुनवाई टाल दी. सुनवाई करनेवाली जज जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा के उपलब्ध नहीं होने की वजह से सुनवाई टली गई. अगली सुनवाई 16 जनवरी 2024 को होगी.

हाईकोर्ट ने 1 दिसंबर 2022 को शशि थरूर को नोटिस जारी किया था. दिल्ली पुलिस ने ट्रायल कोर्ट से थरूर को आरोप मुक्त करने के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था. सुनवाई के दौरान शशि थरूर के वकील ने पुलिस की अपील दायर होने में 15 महीने की देरी का मसला उठाया था.

दो साल पहले हुए हैं बरीः 18 अगस्त 2021 को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने शशि थरूर को सभी आरोपों से बरी कर दिया था. कोर्ट में सुनवाई के दौरान थरूर ने कहा था कि जब खुदकुशी का आरोप स्थापित ही नहीं होता है तो उकसाने का आरोप लगाने का कोई मतलब नहीं है. उनके वकील विकास पाहवा ने कहा था कि शशि थरूर ने सुनंदा पुष्कर को मानसिक या शारीरिक रूप से प्रताड़ित नहीं किया था. सुनंदा पुष्कर के रिश्तेदारों के बयान से साफ है कि वो खुदकुशी नहीं कर सकती. रिश्तेदारों ने कोई आरोप नहीं लगाया है. अभियोजन पक्ष केवल यह कह रही है कि थरूर के विवाहेत्तर संबंध थे.

यह भी पढ़ेंः जानिए कैसे हुआ सुनंदा पुष्कर और शशि थरूर की प्रेम कहानी का दर्दनाक अंत

2018 में दायर हुई थी चार्जशीटः इस मामले में 14 मई 2018 को दिल्ली पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया था. आरोप पत्र में थरूर को आरोपी बनाया गया था. उनको भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए और 306 के तहत आरोपी बनाया गया था. आरोप पत्र में कहा गया था कि सुनंदा पुष्कर की मौत थरूर से शादी के 3 साल, 3 महीने और 15 दिनों में हो गई थी. दोनों की शादी 22 अगस्त 2010 को हुई थी. 1 जनवरी 2015 को दिल्ली पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत एफआईआर दर्ज की थी.

यह भी पढ़ेंः सुनंदा पुष्कर की मौत बनकर रह गई एक राज! जानिए पूरी कहानी

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को सुनंदा पुष्कर की संदिग्ध परिस्थिति में मौत के मामले में कांग्रेस सांसद और पूर्व मंत्री शशि थरूर को आरोपों से बरी करने के आदेश के खिलाफ दिल्ली पुलिस की अर्जी पर सुनवाई टाल दी. सुनवाई करनेवाली जज जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा के उपलब्ध नहीं होने की वजह से सुनवाई टली गई. अगली सुनवाई 16 जनवरी 2024 को होगी.

हाईकोर्ट ने 1 दिसंबर 2022 को शशि थरूर को नोटिस जारी किया था. दिल्ली पुलिस ने ट्रायल कोर्ट से थरूर को आरोप मुक्त करने के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया था. सुनवाई के दौरान शशि थरूर के वकील ने पुलिस की अपील दायर होने में 15 महीने की देरी का मसला उठाया था.

दो साल पहले हुए हैं बरीः 18 अगस्त 2021 को राऊज एवेन्यू कोर्ट ने शशि थरूर को सभी आरोपों से बरी कर दिया था. कोर्ट में सुनवाई के दौरान थरूर ने कहा था कि जब खुदकुशी का आरोप स्थापित ही नहीं होता है तो उकसाने का आरोप लगाने का कोई मतलब नहीं है. उनके वकील विकास पाहवा ने कहा था कि शशि थरूर ने सुनंदा पुष्कर को मानसिक या शारीरिक रूप से प्रताड़ित नहीं किया था. सुनंदा पुष्कर के रिश्तेदारों के बयान से साफ है कि वो खुदकुशी नहीं कर सकती. रिश्तेदारों ने कोई आरोप नहीं लगाया है. अभियोजन पक्ष केवल यह कह रही है कि थरूर के विवाहेत्तर संबंध थे.

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2018 में दायर हुई थी चार्जशीटः इस मामले में 14 मई 2018 को दिल्ली पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया था. आरोप पत्र में थरूर को आरोपी बनाया गया था. उनको भारतीय दंड संहिता की धारा 498ए और 306 के तहत आरोपी बनाया गया था. आरोप पत्र में कहा गया था कि सुनंदा पुष्कर की मौत थरूर से शादी के 3 साल, 3 महीने और 15 दिनों में हो गई थी. दोनों की शादी 22 अगस्त 2010 को हुई थी. 1 जनवरी 2015 को दिल्ली पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत एफआईआर दर्ज की थी.

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