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INX मीडिया डील: चिदंबरम की जमानत याचिका पर कल भी सुनवाई रहेगी जारी

पी चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुनवाई 25 सितंबर को भी जारी रहेगी. चिदंबरम की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी कल भी अपनी दलीलें जारी रखेंगे.

चिदंबरम की जमानत याचिका पर 25 सितंबर पर सुनवाई
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Published : Sep 24, 2019, 7:09 PM IST

नई दिल्ली: आईएनएक्स मीडिया डील केस मामले में पी चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुनवाई 25 सितंबर को भी जारी रहेगी. चिदंबरम की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी कल भी अपनी दलीलें जारी रखेंगे.

सोमवार को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल से पूछा कि पैसा कंपनी के पास कहां से आया तब सिब्बल ने जवाब दिया कि ये बैंक से आया. सिब्बल ने कहा कि ये आरोप लगाया जा रहा है कि आईएनएक्स में डाउनस्ट्रीम चैनल से पैसा आया. आईएनएक्स न्यूज आईएनएक्स मीडिया कंपनी की सहयोगी कंपनी थी. सिब्बल ने एक प्रेस नोट दिखाया, जिसका विरोध करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उन्हें स्रोत बताना चाहिए कि वे ये सरकारी दस्तावेज कहां से लाए.

'दस्तावेज के बारे मे दें जानकारी'
हम जानना चाहते हैं कि आप ये दस्तावेज कहां से लाए. तब सिब्बल ने कहा कि ये पब्लिक डॉक्यूमेंट हैं और हम इन्हें दिखा सकते हैं. सिब्बल ने कहा कि फॉरेन इंवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड की स्वीकृति मिली थी और उसमें सब कुछ वैध था. इसमें भ्रष्टाचार कहां है. उन्होंने कोर्ट को फॉरेन इंवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड की मीटिंग के मिनट्स दिखाए. सबने फॉरेन इंवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड की स्वीकृति देते समय सही काम किया. सिब्बल ने कहा कि हमने बताया है कि हमारे भागने की कोई संभावना नहीं है.

हमने 2007 से अब तक किसी को प्रभावित करने की कोशिश नहीं की है. इस मामले में चिदंबरम को एक ही बार समन भेजा गया. सिब्बल ने कहा कि इस मामले में सभी जेल के बाहर हैं तो हमारे मुवक्किल को जेल में क्यों रखा गया है. दूसरे देशों को आग्रह का पत्र भी 2018 में भेजा गया, जिसका अब तक कोई जवाब नहीं आया है.

इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि चिदंबरम ने किसी गवाह को प्रभावित करने की कोशिश की हो. चिदंबरम 74 साल के हैं और उन्होंने कई मंत्रालयों में अपना समय दिया है. उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं रहा है.

'चिदंबरम के भागने की आशंका नहीं'
सिब्बल के बाद चिदंबरम की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि जनहित की इस कोर्ट का कानून है, हमारा मुवक्किल 11वां व्यक्ति है जिसने फॉरेन इंवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड की स्वीकृति दी. चिदंबरम के भागने की कोई आशंका नहीं है. सीमा पार करना आसान नहीं है. वे 49 सालों से वकालत कर रहे हैं. इस देश में 3-4 मंत्रालयों को संभाला है. उनके खिलाफ असहयोग का जो आरोप लगाया जा रहा है वो आधारहीन है. उन्हें पूछताछ के लिए केवल एक बार 6 जून को बुलाया गया. साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ करने का सवाल ही नहीं होता क्योंकि इस केस से जुड़े सभी दस्तावेज सील कर लिए गए हैं. चिदंबरम के 34 दिनों की हिरासत के बाद भी कुछ नहीं निकला है. जो जांच करनी थी वो हो चुकी है. इसलिए जमानत मिलनी चाहिए.

नई दिल्ली: आईएनएक्स मीडिया डील केस मामले में पी चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुनवाई 25 सितंबर को भी जारी रहेगी. चिदंबरम की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी कल भी अपनी दलीलें जारी रखेंगे.

सोमवार को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल से पूछा कि पैसा कंपनी के पास कहां से आया तब सिब्बल ने जवाब दिया कि ये बैंक से आया. सिब्बल ने कहा कि ये आरोप लगाया जा रहा है कि आईएनएक्स में डाउनस्ट्रीम चैनल से पैसा आया. आईएनएक्स न्यूज आईएनएक्स मीडिया कंपनी की सहयोगी कंपनी थी. सिब्बल ने एक प्रेस नोट दिखाया, जिसका विरोध करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उन्हें स्रोत बताना चाहिए कि वे ये सरकारी दस्तावेज कहां से लाए.

'दस्तावेज के बारे मे दें जानकारी'
हम जानना चाहते हैं कि आप ये दस्तावेज कहां से लाए. तब सिब्बल ने कहा कि ये पब्लिक डॉक्यूमेंट हैं और हम इन्हें दिखा सकते हैं. सिब्बल ने कहा कि फॉरेन इंवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड की स्वीकृति मिली थी और उसमें सब कुछ वैध था. इसमें भ्रष्टाचार कहां है. उन्होंने कोर्ट को फॉरेन इंवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड की मीटिंग के मिनट्स दिखाए. सबने फॉरेन इंवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड की स्वीकृति देते समय सही काम किया. सिब्बल ने कहा कि हमने बताया है कि हमारे भागने की कोई संभावना नहीं है.

हमने 2007 से अब तक किसी को प्रभावित करने की कोशिश नहीं की है. इस मामले में चिदंबरम को एक ही बार समन भेजा गया. सिब्बल ने कहा कि इस मामले में सभी जेल के बाहर हैं तो हमारे मुवक्किल को जेल में क्यों रखा गया है. दूसरे देशों को आग्रह का पत्र भी 2018 में भेजा गया, जिसका अब तक कोई जवाब नहीं आया है.

इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि चिदंबरम ने किसी गवाह को प्रभावित करने की कोशिश की हो. चिदंबरम 74 साल के हैं और उन्होंने कई मंत्रालयों में अपना समय दिया है. उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं रहा है.

'चिदंबरम के भागने की आशंका नहीं'
सिब्बल के बाद चिदंबरम की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि जनहित की इस कोर्ट का कानून है, हमारा मुवक्किल 11वां व्यक्ति है जिसने फॉरेन इंवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड की स्वीकृति दी. चिदंबरम के भागने की कोई आशंका नहीं है. सीमा पार करना आसान नहीं है. वे 49 सालों से वकालत कर रहे हैं. इस देश में 3-4 मंत्रालयों को संभाला है. उनके खिलाफ असहयोग का जो आरोप लगाया जा रहा है वो आधारहीन है. उन्हें पूछताछ के लिए केवल एक बार 6 जून को बुलाया गया. साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ करने का सवाल ही नहीं होता क्योंकि इस केस से जुड़े सभी दस्तावेज सील कर लिए गए हैं. चिदंबरम के 34 दिनों की हिरासत के बाद भी कुछ नहीं निकला है. जो जांच करनी थी वो हो चुकी है. इसलिए जमानत मिलनी चाहिए.

Intro:नई दिल्ली। आईएनएक्स मीडिया डील केस मामले में पी चिदंबरम की जमानत याचिका पर सुनवाई कल यानि 25 सितंबर को भी जारी रहेगी। चिदंबरम की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी कल भी अपनी दलीलें जारी रखेंगे।



Body:आज सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने चिदंबरम के वकील कपिल सिब्बल से पूछा कि पैसा कंपनी के पास कहां से आया तब सिब्बल ने जवाब दिया कि ये बैंक से आया। सिब्बल ने कहा कि ये आरोप लगाया जा रहा है कि आईएनएक्स में डाउनस्ट्रीम चैनल से पैसा आया। आईएनएक्स न्यूज आईएनएक्स मीडिया कंपनी की सहयोगी कंपनी थी। सिब्बल ने एक प्रेस नोट दिखाया जिसका विरोध करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि उन्हें स्रोत बताना चाहिए कि वे ये सरकारी दस्तावेज कहां से लाए। हम जानना चाहते हैं कि आप ये दस्तावेज कहां से लाए। तब सिब्बल ने कहा कि ये पब्लिक डॉक्युमेंट हैं और हम इन्हें दिखा सकते हैं।
सिब्बल ने कहा कि फॉरेन इंवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड की स्वीकृति मिली थी और उसमें सब कुछ वैध था। इसमें भ्रष्टाचार कहां है। उन्होंने कोर्ट को फॉरेन इंवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड की मीटिंग के मिनट्स दिखाए। सबने फॉरेन इंवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड की स्वीकृति देते समय सही काम किया। सिब्बल ने कहा कि हमने बताया है कि हमारे भागने की कोई संभावना नहीं है। हमने 2007 से अब तक किसी को प्रभावित करने की कोशिश नहीं की है। इस मामले में चिदंबरम को एक ही बार समन भेजा गया। सिब्बल ने कहा कि इस मामले में सभी जेल के बाहर हैं तो हमारे मुवक्किल को जेल में क्यों रखा गया है। दूसरे देशों को आग्रह का पत्र भी 2018 में भेजा गया जिसका अब तक कोई जवाब नहीं आया है। इस बात के कोई सबूत नहीं हैं कि चिदंबरम ने किसी गवाह को प्रभावित करने की कोशिश की हो। चिदंबरम 74 वर्ष के हैं और उन्होंने कई मंत्रालयों में अपना समय दिया है । उनका कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं रहा है।
सिब्बल के बाद चिदंबरम की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि जनहित की इस कोर्ट का कानून है। हमारा मुवक्किल 11वां व्यक्ति है जिसने फॉरेन इंवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड की स्वीकृति दी। चिदंबरम के भागने की कोई आशंका नहीं है। सीमा पार करना आसान नहीं है। वे 49 सालों से वकालत कर रहे हैं। इस देश में 3-4 मंत्रालयों को संभाला है। उनके खिलाफ असहयोग का जो आरोप लगाया जा रहा है वो आधारहीन है। उन्हें पूछताछ के लिए केवल एक बार 6 जून को बुलाया गया। साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ करने का सवाल ही नहीं होता क्योंकि इस केस से जुड़े सभी दस्तावेज सील कर लिए गए हैं। चिदंबरम के 34 दिनों की हिरासत के बाद भी कुछ नहीं निकला है। जो जांच करनी थी वो हो चुकी है। इसलिए जमानत मिलनी चाहिए।
पिछले 23 सितंबर को चिदंबरम ने सीबीआई के जवाबी हलफनामे के जवाब में अपने हलफनामे में कहा था कि उन्होंने अपने वित्त मंत्री के अपने पद का व्यक्तिगत फायदे के लिए दुरुपयोग नहीं किया। सीबीआई के हलफनामे के जवाब में दायर हलफनामे में चिदंबरम ने कहा था कि उनके खिलाफ एक लुकआउट सर्कुलर पहले ही जारी किया जा चुका है और ऐसे में हमारे कहीं भागने की कोई संभावना नहीं है।
चिदंबरम ने अपने हलफनामे में कहा कि आईएनएक्स मीडिया डील की अनुमति स्वीकृत मानदंड के मुताबिक दी गई थी। उन्होंने कहा था कि उनके खिलाफ कोई साक्ष्य नहीं है और ये बैंक धोखाधड़ी का कोई मामला नहीं है । चिदंबरम ने कहा था कि इंद्राणी मुखर्जी भरोसेमंद नहीं क्योंकि वे और उनके पति के खिलाफ हत्या के एक मामले में जब सीबीआई ने जांच शुरु की तो वे इस मामले में सरकारी गवाह बन गईं।
चिदंबरम की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि सीबीआई रात में कहती है कि हमारे पास दो घंटे में पूछताछ के लिए आइए। ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि इतने कम समय के नोटिस में किसी से पूछताछ हो। तब कोर्ट ने पूछा था कि नोटिस पर समय कहां दिया गया है। आपको कैसे पता चला कि दो घंटे की नोटिस है। तब सिब्बल ने कहा था कि मीडिया रिपोर्ट्स है, हम कोर्ट को दिखा सकते हैं। सीबीआई कहती है कि चिदंबरम भाग सकते हैं जिसका हम खंडन करते हैं। चिदंबरम एक सम्मानित सार्वजनिक व्यक्ति हैं। हमने 20 और 21 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में राहत के लिए याचिका दायर किया था। तब कोर्ट ने अगले दिन बुलाया था। 2007 का अपराध है। 2015 के बाद साक्ष्यों को प्रभावित करने का कोई प्रमाण नहीं है। तब कोर्ट ने पूछा कि इस मामले में और कितने अभियुक्त हैं। तब सिब्बल ने कहा कि उनमें कुछ को डिफॉल्ट जमानत पर हैं। सीए भास्करन अग्रिम जमानत पर हैं। कार्ति चिदंबरम को अग्रिम जमानत मिली हुई है और पी चिदंबरम इस मामले में अंतिम अभियुक्त हैं। हमारे खिलाफ इस बात का कोई सबूत नहीं है कि चिदंबरम ने दूसरे देशों के साक्ष्यों को प्रभावित किया है । हमने कोई फोन कॉल भी नहीं किया है।



Conclusion:चिदंबरम की जमानत याचिका का सीबीआई ने विरोध किया है। सीबीआई ने हाईकोर्ट में दायर अपने जवाबी हलफनामे में कहा है कि पी चिदंबरम ने देश का वित्त मंत्री रहते हुए इंद्राणी मुखर्जी और पीटर मुखर्जी से आईएनएक्स मीडिया डील के लिए रिश्वत लिया। पिछले 12 सितंबर को हाईकोर्ट ने सीबीआई को नोटिस जारी किया था। जस्टिस सुरेश कैत ने सीबीआई को एक सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था। 
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