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10वीं और 12वीं के छात्रों की परीक्षा फीस माफ करने की मांग पर सुनवाई आज

दिल्ली हाईकोर्ट में अभिभावकों की ओर से बोर्ड एग्जाम फीस माफी की मांग को लेकर याचिका दायर की गई है. याचिका में कहा गया है कि कोरोना संकट और लॉकडाउन की वजह से अभिभावकों की आमदनी समाप्त हो गई है. अभिभावकों के लिए ये संभव नहीं है कि वो अपने बच्चों की दसवीं और बारहवीं की परीक्षा फीस सीबीएसई को चुका सकें.

demand of waiving Cbse exam fees
बोर्ड एग्जाम फीस माफी की मांग
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Published : Sep 28, 2020, 9:02 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट आज दसवीं और बारहवीं के छात्रों को इस सत्र की परीक्षा फीस माफ करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करेगी. याचिका एनजीओ सोशल जूरिस्ट की ओर से वकील अशोक अग्रवाल ने दायर की है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच इस याचिका पर सुनवाई करेगी.

बोर्ड एग्जाम फीस माफी की मांग.
अभिभावकों पर कोरोना की जबरदस्त मार

याचिका में कहा गया है कि कोरोना संकट और लॉकडाउन की वजह से अभिभावकों की आमदनी समाप्त हो गई है. उसमें काफी गिरावट आई है.अभिभावकों को दो जून की रोटी जुटाने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सरकारी और निजी स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ने के लिए भेजने वाले अभिभावकों पर कोरोना की जबरदस्त मार पड़ी है. वो निजी स्कूलों की फीस भी जमा नहीं कर पा रहे हैं. सबसे ज्यादा बुरी स्थिति सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ने के लिए भेजने वाले अभिभावकों की है.


अभिभावकों की नौकरियां चली गई हैं


याचिका में कहा गया है कि अधिकांश अभिभावकों की नौकरी चली गई है या वो नए सिरे से रोजगार हासिल कर रहे हैं. इन अभिभावकों के लिए ये संभव नहीं है कि वो अपने बच्चों की दसवीं और बारहवीं की परीक्षा फीस सीबीएसई को चुका सकें.

याचिका में कहा गया है कि कोर्ट सरकार को ये निर्देश दे कि वो दसवीं और बारहवीं में पढ़ने वाले छात्रों की परीक्षा पीस चुकाएं. याचिका में कहा गया है कि शैक्षणिक सत्र 2018-19 तक सीबीएसई की परीक्षा फीस काफी कम होती थी. लेकिन 2019-20 से ये काफी बढ़ा दिया गया है.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट आज दसवीं और बारहवीं के छात्रों को इस सत्र की परीक्षा फीस माफ करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करेगी. याचिका एनजीओ सोशल जूरिस्ट की ओर से वकील अशोक अग्रवाल ने दायर की है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच इस याचिका पर सुनवाई करेगी.

बोर्ड एग्जाम फीस माफी की मांग.
अभिभावकों पर कोरोना की जबरदस्त मार

याचिका में कहा गया है कि कोरोना संकट और लॉकडाउन की वजह से अभिभावकों की आमदनी समाप्त हो गई है. उसमें काफी गिरावट आई है.अभिभावकों को दो जून की रोटी जुटाने में भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सरकारी और निजी स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ने के लिए भेजने वाले अभिभावकों पर कोरोना की जबरदस्त मार पड़ी है. वो निजी स्कूलों की फीस भी जमा नहीं कर पा रहे हैं. सबसे ज्यादा बुरी स्थिति सरकारी स्कूलों में अपने बच्चों को पढ़ने के लिए भेजने वाले अभिभावकों की है.


अभिभावकों की नौकरियां चली गई हैं


याचिका में कहा गया है कि अधिकांश अभिभावकों की नौकरी चली गई है या वो नए सिरे से रोजगार हासिल कर रहे हैं. इन अभिभावकों के लिए ये संभव नहीं है कि वो अपने बच्चों की दसवीं और बारहवीं की परीक्षा फीस सीबीएसई को चुका सकें.

याचिका में कहा गया है कि कोर्ट सरकार को ये निर्देश दे कि वो दसवीं और बारहवीं में पढ़ने वाले छात्रों की परीक्षा पीस चुकाएं. याचिका में कहा गया है कि शैक्षणिक सत्र 2018-19 तक सीबीएसई की परीक्षा फीस काफी कम होती थी. लेकिन 2019-20 से ये काफी बढ़ा दिया गया है.

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