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जामिया हिंसा: दिल्ली HC में जांच की मांग पर सुनवाई टली - जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय

जामिया हिंसा मामले पर दिल्ली हाईकोर्ट ने जांच की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई टाल दिया है. इस मामले पर अगली सुनवाई 29 अप्रैल को होगी.

Hearing deferred on demand for investigation of Jamia violence
जामिया हिंसा मामले पर दिल्ली HC ने जांच की मांग पर सुनवाई टाली
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Published : Feb 4, 2020, 12:10 PM IST

Updated : Feb 4, 2020, 1:44 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने जामिया हिंसा मामले में जांच की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई टाल दिया है. इस मामले पर अगली सुनवाई 29 अप्रैल को होगी. आज सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच से कहा कि जांच अहम मोड़ पर है और उसे पूरा होने दिया जाए, तभी हम उचित जवाब दे पाएंगे.

जामिया हिंसा मामले पर दिल्ली HC ने जांच की मांग पर सुनवाई टाली

जामिया के 93 छात्र घायल हुए
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील कॉलिन गोंजाल्वेस ने कहा कि जामिया के 93 छात्र घायल हुए. छात्रों ने सीसीटीवी फुटेज के साथ शिकायत भी की. उन्होंने ललिता कुमारी के केस का हवाला देते हुए कहा कि इन शिकायतों के आधार पर एफआईआर दर्ज किया जाए. तब तुषार मेहता ने कहा कि कई एफआईआर दायर करने से बेहतर है कि एक समग्र एफआईआर दर्ज किया जाए.

29 अप्रैल तक जवाब दाखिल करें
सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने कहा कि हाईकोर्ट के पहले के आदेश का पालन नहीं किया गया क्योंकि कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया है. अगर उन्हें जवाब दाखिल करने के लिए समय चाहिए तो उसके लिए भी एक हलफनामा दाखिल होना चाहिए. उसके बाद कोर्ट ने 29 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.

वकीलों ने लगाए थे कोर्ट में नारे
19 दिसंबर 2019 को हाईकोर्ट ने छात्रो के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई पर रोक की मांग ठुकरा दिया था. वहीं कोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था. 19 दिसंबर को जब कोर्ट ने छात्रों के खिलाफ़ गिरफ्तारी और पुलिस कार्रवाई पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था तो चीफ जस्टिस डीएन पटेल की कोर्ट में ही कुछ वकीलों ने शर्म, शर्म के नारे लगाए थे. चीफ जस्टिस बिना कोई रिएक्शन दिये उठकर अपने चैम्बर में चले गए थे. उसके बाद 20 दिसंबर 2019 को हाईकोर्ट ने कुछ वकीलों की मांग पर इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन कर कार्रवाई करने की बात कही थी.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने जामिया हिंसा मामले में जांच की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई टाल दिया है. इस मामले पर अगली सुनवाई 29 अप्रैल को होगी. आज सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच से कहा कि जांच अहम मोड़ पर है और उसे पूरा होने दिया जाए, तभी हम उचित जवाब दे पाएंगे.

जामिया हिंसा मामले पर दिल्ली HC ने जांच की मांग पर सुनवाई टाली

जामिया के 93 छात्र घायल हुए
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील कॉलिन गोंजाल्वेस ने कहा कि जामिया के 93 छात्र घायल हुए. छात्रों ने सीसीटीवी फुटेज के साथ शिकायत भी की. उन्होंने ललिता कुमारी के केस का हवाला देते हुए कहा कि इन शिकायतों के आधार पर एफआईआर दर्ज किया जाए. तब तुषार मेहता ने कहा कि कई एफआईआर दायर करने से बेहतर है कि एक समग्र एफआईआर दर्ज किया जाए.

29 अप्रैल तक जवाब दाखिल करें
सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने कहा कि हाईकोर्ट के पहले के आदेश का पालन नहीं किया गया क्योंकि कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया है. अगर उन्हें जवाब दाखिल करने के लिए समय चाहिए तो उसके लिए भी एक हलफनामा दाखिल होना चाहिए. उसके बाद कोर्ट ने 29 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया.

वकीलों ने लगाए थे कोर्ट में नारे
19 दिसंबर 2019 को हाईकोर्ट ने छात्रो के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई पर रोक की मांग ठुकरा दिया था. वहीं कोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था. 19 दिसंबर को जब कोर्ट ने छात्रों के खिलाफ़ गिरफ्तारी और पुलिस कार्रवाई पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था तो चीफ जस्टिस डीएन पटेल की कोर्ट में ही कुछ वकीलों ने शर्म, शर्म के नारे लगाए थे. चीफ जस्टिस बिना कोई रिएक्शन दिये उठकर अपने चैम्बर में चले गए थे. उसके बाद 20 दिसंबर 2019 को हाईकोर्ट ने कुछ वकीलों की मांग पर इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन कर कार्रवाई करने की बात कही थी.

Intro:नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने जामिया हिंसा मामले में जांच की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई टाल दिया है। इस मामले पर अगली सुनवाई 29 अप्रैल को होगी। आज सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच से कहा कि जांच अहम मोड़ पर है और उसे पूरा होने दिया जाए, तभी हम उचित जवाब दे पाएंगे।



Body:जामिया के 93 छात्र घायल हुए
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील कॉलिन गोंजाल्वेस ने कहा कि जामिया के 93 छात्र घायल हुए। छात्रों ने सीसीटीवी फुटेज के साथ शिकायत भी की। उन्होंने ललिता कुमारी के केस का हवाला देते हुए कहा कि इन शिकायतों के आधार पर एफआईआर दर्ज किया जाए। तब तुषार मेहता ने कहा कि कई एफआईआर दायर करने से बेहतर है कि एक समग्र एफआईआर दर्ज किया जाए।
29 अप्रैल तक जवाब दाखिल करें
सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने कहा कि हाईकोर्ट के पहले के आदेश का पालन नहीं किया गया क्योंकि कोई जवाब दाखिल नहीं किया गया है। अगर उन्हें जवाब दाखिल करने के लिए समय चाहिए तो उसके लिए भी एक हलफनामा दाखिल होना चाहिए। उसके बाद कोर्ट ने 29 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।



Conclusion:वकीलों ने लगाए थे कोर्ट में नारे
19 दिसंबर 2019 को हाईकोर्ट ने छात्रो के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई पर रोक की मांग ठुकरा दिया था। कोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था। 19 दिसंबर को जब कोर्ट ने छात्रो के खिलाफ़ गिरफ्तारी और पुलिस  कार्रवाई पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था तो चीफ जस्टिस डीएन पटेल की कोर्ट में ही कुछ वकीलों ने शर्म, शर्म के नारे लगाए थे। चीफ जस्टिस बिना कोई रिएक्शन दिये उठकर अपने चैम्बर में चले गए थे। उसके बाद 20 दिसंबर 2019 को हाईकोर्ट ने कुछ वकीलों की मांग पर इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन कर कार्रवाई करने की बात कही थी।
Last Updated : Feb 4, 2020, 1:44 PM IST
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