नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट प्रवासी और निर्माण मजदूरों के लिए दिल्ली में 3,200 करोड़ रुपये के कथित घोटाले की सीबीआई जांच की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करेगा. जस्टिस वी कामेश्वर राव की बेंच ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये हुई सुनवाई के बाद इस याचिका को डिवीजन बेंच के समक्ष 16 जून को सुनवाई करने का आदेश दिया.
ट्रेड यूनियन और कर्मचारियों की सांठगांठ
याचिका पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति संस्थान नामक एनजीओ ने दायर की है. याचिकाकर्ता की ओर से वकील आर बालाजी और योगेश पचौरी ने कहा कि दिल्ली सरकार को निर्देश दिया जाए कि वो निर्माण मजदूरों को इस फंड से पैसे जारी करें. याचिका में कहा गया है कि इस मामले में ट्रेड यूनियन और कर्मचारियों की सांठगांठ से बड़े पैमाने पर निर्माण मजदूरों के तौर पर उन मजदूरों का रजिस्ट्रेशन किया है, जो निर्माण मजदूर नहीं हैं. उन मजदूरों का रजिस्ट्रेशन ये कहकर किया गया कि उन्हें उस रकम में से 40 से 50 फीसदी मिलेंगे.
सीबीआई जांच की मांग
याचिका में इस मामले की सीबीआई जैसी स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि पिछले कई सालों से दिल्ली में निर्माण मजदूरों के लिए मिलने वाली रकम गैर निर्माण मजदूरों को दिए गए हैं. याचिका में दिल्ली सरकार और दिल्ली बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड की भूमिका की जांच करने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि इस मामले में धन निकासी के लिए जिम्मेदार अफसरों को धन निकासी करने से रोका जाए. याचिका में 2015-16 से लेकर 2019-20 तक धन निकासी की सीएजी से जांच की मांग की गई है.
80 फीसदी गैर निर्माण क्षेत्र मजदूर
याचिका में कहा गया है कि कुछ सरकारी अधिकारियों के मुताबिक निर्माण मजदूरों के लिए हुए रजिस्ट्रेशन में से 80 फीसदी से ज्यादा गैर निर्माण क्षेत्र के जुड़े हुए मजदूर हैं. उनमें से कई के दिल्ली में फ्लैट और अपार्टमेंट हैं. उनके पत्ते पर जाकर उनकी पड़ताल की जा सकती है.