नई दिल्ली: शहरी बेघरों को पर्याप्त भोजन सब्जी और फल मुहैया कराने की मांग करने वाली याचिका को दिल्ली हाईकोर्ट ने निस्तारित कर दिया है. चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने याचिकाकर्ता बंधुआ मुक्ति मोर्चा से कहा कि ऐसी ही एक याचिका हाईकोर्ट में लंबित है, जिस पर 29 जुलाई को सुनवाई होनी है. आप उस याचिका में अपनी मांग रख सकते हैं.
याचिका बंधुआ मुक्ति मोर्चा ने दायर किया था. याचिका में कहा गया था कि शहरी बेघरों को तीन बार भोजन देने की माल की गई है. याचिकाकर्ता की ओर से वकील अनुप्रधा सिंह ने कहा था कि शहरी बेघरों को उनकी उम्र के हिसाब से भोजन उपलब्ध कराया जाए. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के शेड्यूल-2 के तहत बेघर बच्चों को पौष्टिक ब्रेकफास्ट उपलब्ध कराने की मांग की गई थी. याचिका में कहा गया था कि शहरी बेघरों को साबुन, डिटर्जेंट, हैंड सैनिटाइजर, हैंड वॉश और मास्क उपलब्ध कराया जाना चाहिए. याचिका में कहा गया था कि दिल्ली में रहने वाले बेघरों को न्यूनतम भोजन भी उपलब्ध नहीं मिल पाता है.
शेल्टर होम में नहीं दिया जा रहा भोजन
याचिका में कहा गया था कि दिल्ली सरकार ने शेल्टर होम्स में भी पका हुआ भोजन उपलब्ध कराना बंद कर दिया है, जिसकी वजह से बेघर बच्चे भुखमरी के शिकार बन रहे हैं. याचिकाकर्ता ने 3 जुलाई को दिल्ली सरकार से बेघरों को पौष्टिक भोजन मुहैया कराने की मांग की थी लेकिन उसका कोई लाभ नहीं हुआ.