सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को ये बताया गया कि इस मामले पर राज्य सरकार, केंद्र के विभिन्न मंत्रालयों और स्थानीय प्रशासन ने भी कोई जवाब दाखिल नहीं किया है. इसके बाद कोर्ट ने कहा कि सभी पक्ष अलग-अलग महिलाओं को स्तनपान कराने के लिए अलग कमरे देने की योजना पर काम करें.
सुनवाई के दौरान दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने कोर्ट को बताया कि बिल्डिंग बाईलॉज में स्तनपान कराने के लिए कमरों का जिक्र नहीं है. तब कोर्ट ने बायलॉज में बदलाव करने का सुझाव दिया. कोर्ट में सुनवाई के समय 17 महीने का याचिकाकर्ता अव्यान कोर्ट में मौजूद था. अव्यान जब 9 महीने का था तब उसकी मां ने दिल्ली हाईकोर्ट में यह याचिका दायर की थी.