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सार्वजनिक जगहों पर महिलाओं को स्तनपान कराने के लिए बनें कमरे- HC

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और नगर निगमों को निर्देश दिया है कि वे महिलाओं को स्तनपान कराने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर अलग कमरे उपलब्ध कराने की योजना पर काम करें. चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश जारी किया. इस मामले पर अगली सुनवाई 2 जुलाई को होगी.

दिल्ली HC ने सरकार को दिया सार्वजनिक जगहों पर महिलाओं को स्तनपान कराने के कमरे बनाने का आदेश
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Published : Feb 14, 2019, 3:43 PM IST


सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को ये बताया गया कि इस मामले पर राज्य सरकार, केंद्र के विभिन्न मंत्रालयों और स्थानीय प्रशासन ने भी कोई जवाब दाखिल नहीं किया है. इसके बाद कोर्ट ने कहा कि सभी पक्ष अलग-अलग महिलाओं को स्तनपान कराने के लिए अलग कमरे देने की योजना पर काम करें.


सुनवाई के दौरान दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने कोर्ट को बताया कि बिल्डिंग बाईलॉज में स्तनपान कराने के लिए कमरों का जिक्र नहीं है. तब कोर्ट ने बायलॉज में बदलाव करने का सुझाव दिया. कोर्ट में सुनवाई के समय 17 महीने का याचिकाकर्ता अव्यान कोर्ट में मौजूद था. अव्यान जब 9 महीने का था तब उसकी मां ने दिल्ली हाईकोर्ट में यह याचिका दायर की थी.


सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को ये बताया गया कि इस मामले पर राज्य सरकार, केंद्र के विभिन्न मंत्रालयों और स्थानीय प्रशासन ने भी कोई जवाब दाखिल नहीं किया है. इसके बाद कोर्ट ने कहा कि सभी पक्ष अलग-अलग महिलाओं को स्तनपान कराने के लिए अलग कमरे देने की योजना पर काम करें.


सुनवाई के दौरान दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने कोर्ट को बताया कि बिल्डिंग बाईलॉज में स्तनपान कराने के लिए कमरों का जिक्र नहीं है. तब कोर्ट ने बायलॉज में बदलाव करने का सुझाव दिया. कोर्ट में सुनवाई के समय 17 महीने का याचिकाकर्ता अव्यान कोर्ट में मौजूद था. अव्यान जब 9 महीने का था तब उसकी मां ने दिल्ली हाईकोर्ट में यह याचिका दायर की थी.

Intro:नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार और नगर निगमों को निर्देश दिया है कि वे महिलाओं को स्तनपान कराने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर अलग कमरे उपलब्ध कराने की योजना पर काम करें। चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन की अध्यक्षता वाली बेंच ने ये आदेश जारी किया। इस मामले पर अगली सुनवाई 2 जुलाई को होगी।


Body:सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट को ये बताया गया कि इस मामले पर राज्य सरकार, केंद्र के विभिन्न मंत्रालयों और स्थानीय प्रशासन ने भी कोई जवाब दाखिल नहीं किया है। इसके बाद कोर्ट ने कहा कि सभी पक्ष अलग-अलग महिलाओं को स्तनपान कराने के लिए अलग कमरे देने की योजना पर काम करें।
सुनवाई के दौरान दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) ने कोर्ट को बताया कि बिल्डिंग बाईलॉज में स्तनपान कराने के लिए कमरों का जिक्र नहीं है। तब कोर्ट ने बायलॉज में बदलाव करने का सुझाव दिया।


Conclusion:कोर्ट में सुनवाई के समय 17 महीने का याचिकाकर्ता अव्यान कोर्ट में मौजूद था। अव्यान जब 9 महीने का था तब उसकी मां ने दिल्ली हाईकोर्ट में यह याचिका दायर की थी।
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