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मंडोली जेल में कैदियों के बीच मारपीट, दिल्ली सरकार और जेल प्रशासन को नोटिस जारी

चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन की अध्यक्षता वाली बेंच ने मंडोली जेल के कैदियों के पत्रों को जनहित याचिका में तब्दील करते हुए स्वतः संज्ञान लिया है. हाईकोर्ट ने 5 जुलाई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.

मंडोली जेल में कैदियों के बीच मारपीट, दिल्ली सरकार और जेल प्रशासन को नोटिस जारी
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Published : Mar 16, 2019, 2:58 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी की मंडोली जेल में कैदियों के साथ मारपीट की शिकायतों पर दिल्ली हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए दिल्ली सरकार और जेल प्रशासन को नोटिस जारी किया है. चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन की अध्यक्षता वाली बेंच ने मंडोली जेल के कैदियों के पत्रों को जनहित याचिका में तब्दील करते हुए स्वतः संज्ञान लिया है. हाईकोर्ट ने 5 जुलाई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.

कैदियों ने अपने पत्र में लिखा है कि पिछले दिनों जब एक जज महोदय ने जेल का निरीक्षण किया था तो उन्होंने जज महोदय से जेल में व्याप्त भ्रष्टाचार और प्रताड़ित करने की शिकायत की थी. जिसके बाद सजा के रूप में उनके साथ मारपीट की गई. जज महोदय से शिकायत करने के बाद दो कैदियों को मंडोली जेल से तिहाड़ जेल में शिफ्ट कर दिया गया.


बता दें कि चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन की बेंच ने जेल में बंद कुछ विचाराधीन कैदियों की मामले की जल्द सुनवाई की मांग को भी जनहित याचिका में तब्दील कर दिया. दिल्ली के रोहिणी जेल में गैरकानूनी गतिविधि निरोधक कानून के तहत बंद उजाएर अहमद ने हाईकोर्ट को पत्र लिखकर उसके केस की जल्द सुनवाई की मांग की है.


उजाएर को एनआईए ने 2013 में गिरफ्तार किया था. उजाएर पिछले पांच सालों से जेल में बंद है और अभी तक आरोप भी तय नहीं किए गए हैं. उजाएर के अलावा कुछ दूसरे कैदियों ने भी अपने मामले की जल्द सुनवाई की मांग की है.

नई दिल्ली: राजधानी की मंडोली जेल में कैदियों के साथ मारपीट की शिकायतों पर दिल्ली हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए दिल्ली सरकार और जेल प्रशासन को नोटिस जारी किया है. चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन की अध्यक्षता वाली बेंच ने मंडोली जेल के कैदियों के पत्रों को जनहित याचिका में तब्दील करते हुए स्वतः संज्ञान लिया है. हाईकोर्ट ने 5 जुलाई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.

कैदियों ने अपने पत्र में लिखा है कि पिछले दिनों जब एक जज महोदय ने जेल का निरीक्षण किया था तो उन्होंने जज महोदय से जेल में व्याप्त भ्रष्टाचार और प्रताड़ित करने की शिकायत की थी. जिसके बाद सजा के रूप में उनके साथ मारपीट की गई. जज महोदय से शिकायत करने के बाद दो कैदियों को मंडोली जेल से तिहाड़ जेल में शिफ्ट कर दिया गया.


बता दें कि चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन की बेंच ने जेल में बंद कुछ विचाराधीन कैदियों की मामले की जल्द सुनवाई की मांग को भी जनहित याचिका में तब्दील कर दिया. दिल्ली के रोहिणी जेल में गैरकानूनी गतिविधि निरोधक कानून के तहत बंद उजाएर अहमद ने हाईकोर्ट को पत्र लिखकर उसके केस की जल्द सुनवाई की मांग की है.


उजाएर को एनआईए ने 2013 में गिरफ्तार किया था. उजाएर पिछले पांच सालों से जेल में बंद है और अभी तक आरोप भी तय नहीं किए गए हैं. उजाएर के अलावा कुछ दूसरे कैदियों ने भी अपने मामले की जल्द सुनवाई की मांग की है.

Intro:नई दिल्ली। दिल्ली की मंडोली जेल में कैदियों के साथ मारपीट की शिकायतों पर दिल्ली हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए दिल्ली सरकार और जेल प्रशासन को नोटिस जारी किया है। चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन की अध्यक्षता वाली बेंच ने मंडोली जेल के कैदियों के पत्रों को जनहित याचिका में तब्दील करते हुए स्वतः संज्ञान लिया है। हाईकोर्ट ने 5 जुलाई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।


Body:कैदियों ने अपने पत्र में लिखा है कि पिछले दिनों जब एक जज महोदय ने जेल का निरीक्षण किया था तो उन्होंने जज महोदय से जेल में व्याप्त भ्रष्टाचार और प्रताड़ित करने की शिकायत की थी। जिसके बाद सजा के रूप में उनके साथ मारपीट की गई। जज महोदय से शिकायत करने के बाद दो कैदियों को मंडोली जेल से तिहाड़ जेल में शिफ्ट कर दिया गया।


Conclusion:आपको बता दें कि चीफ जस्टिस राजेंद्र मेनन की बेंच ने जेल में बंद कुछ विचाराधीन कैदियों की मामले की जल्द सुनवाई की मांग को भी जनहित याचिका में तब्दील कर दिया। दिल्ली के रोहिणी जेल में गैरकानूनी गतिविधि निरोधक कानून के तहत बंद उजाएर अहमद ने हाईकोर्ट को पत्र लिखकर उसके केस की जल्द सुनवाई की मांग की है। उजाएर को एनआईए ने 2013 में गिरफ्तार किया था। उजाएर पिछले पांच सालों से जेल में बंद है और अभी तक आरोप भी तय नहीं किए गए हैं। उजाएर के अलावा कुछ दूसरे कैदियों ने भी अपने मामले की जल्द सुनवाई की मांग की है।
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