नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली हिंसा के आरोपी ताहिर हुसैन की एक मामले में दायर जमानत याचिका पर सुनवाई को टाल दिया है. जस्टिस सुरेश कैत की बेंच इस मामले पर अगली सुनवाई 21 जनवरी को करेगी. 25 नवंबर 2020 को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया था.
16 मार्च 2020 से न्यायिक हिरासत में ताहिर
सुनवाई के दौरान ताहिर हुसैन की ओर से वकील रिजवान ने कहा था कि उसे झूठे मामले में फंसाया गया है. ताहिर हुसैन को दिल्ली पुलिस और राजनीतिक विरोधियों ने प्रताड़ित करने के मकसद से केस दर्ज किया है. वह परिस्थितियों का शिकार है. उन्होंने कहा था कि ताहिर हुसैन 16 मार्च 2020 से न्यायिक हिरासत में है. दिल्ली पुलिस ने ताहिर हुसैन के खिलाफ यूएपीए के तहत दर्ज एफआईआर समेत कुल 11 एफआईआर दर्ज किए हैं.
कोर्ट खारिज कर चुका जमानत याचिका
22 अक्टूबर 2020 को कड़कड़डूमा कोर्ट ने ताहिर हुसैन की तीन जमानत अर्जियों को खारिज कर दिया था. 21 अगस्त 2020 को कड़कड़डूमा कोर्ट ने ताहिर हुसैन के खिलाफ यूएपीए के तहत दर्ज एफआईआर में दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था. चार्जशीट में ताहिर हुसैन समेत 15 लोगों को आरोपी बनाया गया है. चार्जशीट में ताहिर हुसैन को मास्टरमाइंड बताया गया है.
ताहिर ने एक करोड़ 30 लाख रुपये खर्च
करीब 1700 पन्नों की इस चार्जशीट में पार्षद ताहिर हुसैन के भाई शाह आलम समेत 15 लोगों को आरोपी बनाया गया है. क्राइम ब्रांच ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि हिंसा के वक्त आरोपी ताहिर हुसैन अपनी छत पर था. ताहिर हुसैन पर हिंसा की साजिश रचने का आरोप है. चार्जशीट में कहा गया है कि हिंसा कराने के लिए ताहिर हुसैन ने एक करोड़ 30 लाख रुपये खर्च किए थे.
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मनी लाउंड्रिंग का मामला भी दर्ज
ताहिर हुसैन के खिलाफ ईडी ने मनी लाउंड्रिंग का मामला भी दर्ज किया है. ताहिर हुसैन के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और आपराधिक साजिश रचने का आरोप है. ईडी ने कई स्थानों पर छापा मारा जिसमें कई दस्तावेज और डिजिटल डिवाइस मिले. ताहिर हुसैन के पास से व्हाट्स ऐप चैट, फर्जी बिल बरामद किए गए. ईडी ने कहा है कि ताहिर हुसैन ने आपराधिक साजिश रचते हुए कई कंपनियों के खाते से पैसे ट्रांसफर किए. इन पैसों से अपराध को अंजाम दिया गया.